पंचायत सचिव को कितनी मिलती है सैलरी, 8वें वेतन आयोग से यह कितनी बढ़ेगी?
गांव की असली तरक्की वहीं से शुरू होती है जहां पंचायत भवन में बैठकें होती हैं, सरकारी योजनाएं लागू होती हैं और ग्रामीणों की जरूरतें पूरी होती हैं. इस पूरी प्रक्रिया के केंद्र में होता है पंचायत सचिव वह अधिकारी जो गांव की सरकार और प्रशासन के बीच पुल का काम करता है. यह पद जितना जिम्मेदारी भरा है, उतना ही इसमें अनुशासन, ईमानदारी और लेखा-जोखा का महत्व है. पंचायत सचिव की नियुक्ति राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग के तहत होती है. वह एक या एक से अधिक ग्राम पंचायतों का प्रभारी होता है और लगभग हर प्रशासनिक मामले में उसकी सीधी भूमिका रहती है. वह ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठकों का आयोजन कराता है, नोटिस जारी करता है और बैठकों में लिए गए फैसलों का पूरा रिकॉर्ड रखता है. इसके अलावा मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचाना भी उसकी जिम्मेदारी होती है. ग्रामीणों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज दिलाने में भी पंचायत सचिव की अहम भूमिका रहती है.यह भी पढ़ें- तीन से ज्यादा विषयों में हुए फेल तो अगली परीक्षा में नहीं मिलेगा बैठने मौका, जान लें CBSE का ये रूल कितनी मिलती है सैलरी? जहां तक सैलरी की बात है, यह राज्य सरकार तय करती है और अलग-अलग राज्यों में इसमें थोड़ा अंतर होता है. सामान्य तौर पर, सातवें वेतन आयोग के अनुसार पंचायत सचिव को पे लेवल-3 में रखा जाता है. शुरुआती बेसिक पे 21,700 से 26,300 रुपये के बीच होता है. इसके साथ महंगाई भत्ता, हाउस रेंट अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस और अन्य सरकारी भत्ते मिलाकर कुल सैलरी 28,000 से 35,000 रुपये प्रति माह तक हो जाती है. अनुभव और प्रमोशन के साथ यह वेतन बढ़ता है. यह भी पढ़े : 8वें वेतन आयोग के बाद इनकम टैक्स इंस्पेक्टर की सैलरी, सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान 8वें पे कमीशन के बाद कितनी होगी सैलरी? कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 8 पे कमीशन में फिटमेंट फेक्टर 2.86 तक पहुंच सकता है. अब अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो पे लेवल-3 का बेसिक पे 21,700 रुपये से बढ़कर 62,062 रुपये हो सकता है. यानी लगभग 40,362 रुपये की बढ़ोतरी होगी. बता दें कि सरकारी कर्मचारियों को काफी लंबे समय से 8 वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का इंतजार था. यह भी पढ़े: पीरियड्स लीव को लेकर दिल्ली में NSUI का जोरदार प्रदर्शन, जानें किन यूनिवर्सिटीज में पहले से है यह सुविधा

गांव की असली तरक्की वहीं से शुरू होती है जहां पंचायत भवन में बैठकें होती हैं, सरकारी योजनाएं लागू होती हैं और ग्रामीणों की जरूरतें पूरी होती हैं. इस पूरी प्रक्रिया के केंद्र में होता है पंचायत सचिव वह अधिकारी जो गांव की सरकार और प्रशासन के बीच पुल का काम करता है. यह पद जितना जिम्मेदारी भरा है, उतना ही इसमें अनुशासन, ईमानदारी और लेखा-जोखा का महत्व है.
पंचायत सचिव की नियुक्ति राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग के तहत होती है. वह एक या एक से अधिक ग्राम पंचायतों का प्रभारी होता है और लगभग हर प्रशासनिक मामले में उसकी सीधी भूमिका रहती है. वह ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठकों का आयोजन कराता है, नोटिस जारी करता है और बैठकों में लिए गए फैसलों का पूरा रिकॉर्ड रखता है.
इसके अलावा मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचाना भी उसकी जिम्मेदारी होती है. ग्रामीणों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज दिलाने में भी पंचायत सचिव की अहम भूमिका रहती है.
यह भी पढ़ें- तीन से ज्यादा विषयों में हुए फेल तो अगली परीक्षा में नहीं मिलेगा बैठने मौका, जान लें CBSE का ये रूल
कितनी मिलती है सैलरी?
जहां तक सैलरी की बात है, यह राज्य सरकार तय करती है और अलग-अलग राज्यों में इसमें थोड़ा अंतर होता है. सामान्य तौर पर, सातवें वेतन आयोग के अनुसार पंचायत सचिव को पे लेवल-3 में रखा जाता है. शुरुआती बेसिक पे 21,700 से 26,300 रुपये के बीच होता है. इसके साथ महंगाई भत्ता, हाउस रेंट अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस और अन्य सरकारी भत्ते मिलाकर कुल सैलरी 28,000 से 35,000 रुपये प्रति माह तक हो जाती है. अनुभव और प्रमोशन के साथ यह वेतन बढ़ता है.
यह भी पढ़े : 8वें वेतन आयोग के बाद इनकम टैक्स इंस्पेक्टर की सैलरी, सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान
8वें पे कमीशन के बाद कितनी होगी सैलरी?
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 8 पे कमीशन में फिटमेंट फेक्टर 2.86 तक पहुंच सकता है. अब अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो पे लेवल-3 का बेसिक पे 21,700 रुपये से बढ़कर 62,062 रुपये हो सकता है. यानी लगभग 40,362 रुपये की बढ़ोतरी होगी.
बता दें कि सरकारी कर्मचारियों को काफी लंबे समय से 8 वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का इंतजार था.
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