चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और उपराष्ट्रपति में किसको मिलती है ज्यादा सैलरी? दोनों की कमाई में कितना अंतर
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद आज उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहा है. इस पद के लिए एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि विपक्ष की तरफ से बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा गया है. लेकिन क्या आपको पता है इस पद पर कितना पैसा मिलता है. इसके साथ-साथ हम आपको ये भी बताएंगे कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और उपराष्ट्रपति में किसे ज्यादा रुपये मिलते हैं. बताते चलें कि देश में कुछ संवैधानिक पद ऐसे होते हैं जो न केवल गरिमा और जिम्मेदारी से जुड़े होते हैं, बल्कि उनके साथ शानदार सैलरी और कई तरह की सुविधाएं भी जुड़ी होती हैं. आइए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और उपराष्ट्रपति को मिलने वाले पैसे और सुविधाओं के बारे में जानते हैं... चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की सैलरी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) का पद बेहद सम्मानित है. फिलहाल भूषण रामकृष्ण गवई देश के 52वें चीफ जस्टिस हैं. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को हर महीने 2,80,000 की सैलरी दी जाती है. इसके अलावा उन्हें कई भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं. इनमें आधिकारिक आवास, गाड़ी, सुरक्षा, स्टाफ और अन्य सरकारी सुविधाएं शामिल हैं. CJI की सैलरी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के अन्य जजों से ज्यादा होती है, क्योंकि वे न्यायपालिका के सबसे ऊंचे पद पर होते हैं. CJI का पद न्यायपालिका से जुड़ा है और उनके फैसले संविधान की व्याख्या और देश के न्यायिक ढांचे को दिशा देने का काम करते हैं. यह भी पढ़ें - संजय दत्त या सुनील शेट्टी किसने कहां से की है पढ़ाई? यहां देखें कौन है पढ़ाई में बेस्ट उपराष्ट्रपति की सैलरी अब बात करते हैं देश के उपराष्ट्रपति की. उपराष्ट्रपति भारत का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है. साथ ही वह राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. राज्यसभा के सभापति होने के नाते उपराष्ट्रपति को हर महीने 4,00,000 रुपये की सैलरी दी जाती है. सिर्फ सैलरी ही नहीं, उपराष्ट्रपति को और भी कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. जिनमें आवास, मुफ्त मेडिकल सुविधा, हवाई और रेल यात्रा की सुविधा, फोन और इंटरनेट सेवाएं और निजी सुरक्षा और स्टाफ आदि शामिल हैं. उपराष्ट्रपति को न केवल राज्यसभा का संचालन करना होता है, बल्कि वे जरूरत पड़ने पर देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति भी बन सकते हैं. यह भी पढ़ें - सोशल मीडिया पर शेयर किया SSC का क्वेश्चन पेपर तो खैर नहीं, लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद आज उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहा है. इस पद के लिए एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि विपक्ष की तरफ से बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा गया है. लेकिन क्या आपको पता है इस पद पर कितना पैसा मिलता है. इसके साथ-साथ हम आपको ये भी बताएंगे कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और उपराष्ट्रपति में किसे ज्यादा रुपये मिलते हैं.
बताते चलें कि देश में कुछ संवैधानिक पद ऐसे होते हैं जो न केवल गरिमा और जिम्मेदारी से जुड़े होते हैं, बल्कि उनके साथ शानदार सैलरी और कई तरह की सुविधाएं भी जुड़ी होती हैं. आइए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और उपराष्ट्रपति को मिलने वाले पैसे और सुविधाओं के बारे में जानते हैं...
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की सैलरी
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) का पद बेहद सम्मानित है. फिलहाल भूषण रामकृष्ण गवई देश के 52वें चीफ जस्टिस हैं. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को हर महीने 2,80,000 की सैलरी दी जाती है.
इसके अलावा उन्हें कई भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं. इनमें आधिकारिक आवास, गाड़ी, सुरक्षा, स्टाफ और अन्य सरकारी सुविधाएं शामिल हैं. CJI की सैलरी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के अन्य जजों से ज्यादा होती है, क्योंकि वे न्यायपालिका के सबसे ऊंचे पद पर होते हैं. CJI का पद न्यायपालिका से जुड़ा है और उनके फैसले संविधान की व्याख्या और देश के न्यायिक ढांचे को दिशा देने का काम करते हैं.
यह भी पढ़ें - संजय दत्त या सुनील शेट्टी किसने कहां से की है पढ़ाई? यहां देखें कौन है पढ़ाई में बेस्ट
उपराष्ट्रपति की सैलरी
अब बात करते हैं देश के उपराष्ट्रपति की. उपराष्ट्रपति भारत का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है. साथ ही वह राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. राज्यसभा के सभापति होने के नाते उपराष्ट्रपति को हर महीने 4,00,000 रुपये की सैलरी दी जाती है.
सिर्फ सैलरी ही नहीं, उपराष्ट्रपति को और भी कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. जिनमें आवास, मुफ्त मेडिकल सुविधा, हवाई और रेल यात्रा की सुविधा, फोन और इंटरनेट सेवाएं और निजी सुरक्षा और स्टाफ आदि शामिल हैं. उपराष्ट्रपति को न केवल राज्यसभा का संचालन करना होता है, बल्कि वे जरूरत पड़ने पर देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति भी बन सकते हैं.
यह भी पढ़ें - सोशल मीडिया पर शेयर किया SSC का क्वेश्चन पेपर तो खैर नहीं, लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना
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