अपनी थाली में छेद करने पर तुला ट्रंप, अमेरिका में आसमान छूने लगेंगी खाने-पीने की चीजें; जानें क्या है मामला?

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से लगभग 80 से ज्यादा देशों पर टैरिफ को बढ़ा दिया है. जबकि अमेरिका में आयात होने वाले 71 परसेंट सामानों पर पहले से ही 10 परसेंट का बेसलाइन टैरिफ लागू है. अब जाहिर सी बात है कि टैरिफ की वजह से विदेशों से आने वाले सामान महंगे हो जाएंगे. खासकर, खाने-पीने की चीजें. अमेरिका में बड़े पैमाने पर खाने-पीने की चीजें दूसरे देशों से मंगाई जाती है.  बनाना केक से लेकर स्मूदी तक हो जाएगा महंगा  इस मामले अब केले को ही ले लीजिए. अमेरिका में बनाना केक, स्मूदी, केले के बने चिप्स का खूब इस्तेमाल होता है, लेकिन यहां केले के उत्पादन की क्षमता सीमित है. 2023 में अमेरिका ने 2 अरब डॉलर से ज्यादा कीमत के केले का आयात किया. इनमें से ज्यादातर केलों का आयात ग्वाटेमाला और मध्य अमेरिकी देशों से किया गया. अब केले पर आयात लगाने से अमेरिका में लोगों को केले की खरीद पर ज्यादा कीमत चुकानी होगी.  कनाडा और मेक्सिको से खूब होता है आयात अमेरिका भले ही दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है, लेकिन खाने-पीने की चीजों के लिए उसकी दूसरे देशों पर काफी ज्यादा निर्भरता है. अमेरिका कनाडा और मेक्सिको से खाने-पीने का सबसे ज्यादा सामान मंगाता है. एक तरफ कनाडा से अमेरिका में गेहूं, जौ, मक्का, मैपल सिरप, ओट्स, कैनोला ऑयल, लॉबस्टर, मछली, मीट का आयात करता है. वहीं, मेक्सिको से ब्रोकोली, टमाटर, प्याज, नींबू, पालक, शिमला मिर्च, एवाकाडो, लेट्यूस, चीनी, अखरोट तरबूज, आम, स्ट्रॉबेरी, एस्पेरेगस का आयात करता है. अमेरिका ने कनाडा पर 35 परसेंट, जिसकी अमेरिकी आयात में करीब 12.6 परसेंट की हिस्सेदारी है और मेक्सिको पर 25 परसेंट टैरिफ लगाया है. अब आयात महंगा होगा तो इसका असर चीजों की कीमत पर पड़ेगा. साल 2024 में अमेरिका ने लगभग 221 अरब डॉलर के फूड प्रोडक्ट्स का आयात किया, जिनमें से 74 परसेंट (163 अरब डॉलर) पर ट्रंप का टैरिफ लागू हुआ. अमेरिका के टॉप-5 फूड एक्सपोटर्स में मेक्सिको, कनाडा, यूरोपीय यूनियन, ब्राजील और चीन शामिल हैं, जिनकी अमेरिका के टोटल फूड इम्पोर्ट में 62 परसेंट हिस्सेदारी है.  ???????? Where the U.S. imports its food from:???????? Australia: sheep meat ???? ???????? Brazil: orange juice ???????????? Canada: mushrooms, potatoes ????, bovine cuts ???? , swine hams ???? , fresh fish ????, lobsters ????, crabs ????, canola oil, wheat ????, maize, oats, barley, maple syrup ???????????? China: apple… — World of Statistics (@stats_feed) August 27, 2024 चीन और भारत से मंगाता है सामान अमेरिका ने चीन पर 30 परसेंट का टैरिफ लगाया है, जबकि चीन से अमेरिका में सबसे ज्यादा ऐप्पल जूस और फ्रोजन फिश का आयात किया जाता है. भारत पर अमेरिका ने 25 परसेंट टैरिफ लगाया है, जबकि भारत से अमेरिकी बाजारों में झींगा मछली का बड़े पैमाने पर निर्यात होता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में भारत ने अमेरिका को 17,81,602 मीट्रिक टन सीफूड (60,523.89 करोड़ रुपये) भेजे. इनमें 2,97,571 मीट्रिक टन फ्रोजन झींगे शामिल रहे. ब्राजील पर अमेरिका ने 50 परसेंट टैरिफ लगाया है, जबकि वहां से कॉफी, मीट, संतरे के रस का आयात किया जाता है. अमेरिका में 'ब्राजीलियन कॉफी' की काफी डिमांड है. ऐसे में लोगों को अब इस चुस्की लगाने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी.  इनके अलावा, आयरलैंड से बटर, नीदरलैंड्स से कोको पाउडर, थाइलैंड से चावल, वियतनाम से काजू और काली मिर्च, इंडोनेशिया से पाम ऑयल और कोको बटर, न्यूजीलैंड से दूध, चिली से अंगूर, ऑस्ट्रेलिया से लैम्ब मीट, कोलंबिया से कॉफी का आयात होता है.  ये भी पढ़ें:  ट्रंप के टैरिफ का असर, अमेरिका के लिए भारत के एक्सपोर्ट में आ सकती है कमी; GTRI की रिपोर्ट में खुलासा

Aug 5, 2025 - 16:30
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अपनी थाली में छेद करने पर तुला ट्रंप, अमेरिका में आसमान छूने लगेंगी खाने-पीने की चीजें; जानें क्या है मामला?

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से लगभग 80 से ज्यादा देशों पर टैरिफ को बढ़ा दिया है. जबकि अमेरिका में आयात होने वाले 71 परसेंट सामानों पर पहले से ही 10 परसेंट का बेसलाइन टैरिफ लागू है. अब जाहिर सी बात है कि टैरिफ की वजह से विदेशों से आने वाले सामान महंगे हो जाएंगे. खासकर, खाने-पीने की चीजें. अमेरिका में बड़े पैमाने पर खाने-पीने की चीजें दूसरे देशों से मंगाई जाती है. 

बनाना केक से लेकर स्मूदी तक हो जाएगा महंगा 

इस मामले अब केले को ही ले लीजिए. अमेरिका में बनाना केक, स्मूदी, केले के बने चिप्स का खूब इस्तेमाल होता है, लेकिन यहां केले के उत्पादन की क्षमता सीमित है. 2023 में अमेरिका ने 2 अरब डॉलर से ज्यादा कीमत के केले का आयात किया. इनमें से ज्यादातर केलों का आयात ग्वाटेमाला और मध्य अमेरिकी देशों से किया गया. अब केले पर आयात लगाने से अमेरिका में लोगों को केले की खरीद पर ज्यादा कीमत चुकानी होगी. 

कनाडा और मेक्सिको से खूब होता है आयात

अमेरिका भले ही दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है, लेकिन खाने-पीने की चीजों के लिए उसकी दूसरे देशों पर काफी ज्यादा निर्भरता है. अमेरिका कनाडा और मेक्सिको से खाने-पीने का सबसे ज्यादा सामान मंगाता है. एक तरफ कनाडा से अमेरिका में गेहूं, जौ, मक्का, मैपल सिरप, ओट्स, कैनोला ऑयल, लॉबस्टर, मछली, मीट का आयात करता है.

वहीं, मेक्सिको से ब्रोकोली, टमाटर, प्याज, नींबू, पालक, शिमला मिर्च, एवाकाडो, लेट्यूस, चीनी, अखरोट तरबूज, आम, स्ट्रॉबेरी, एस्पेरेगस का आयात करता है. अमेरिका ने कनाडा पर 35 परसेंट, जिसकी अमेरिकी आयात में करीब 12.6 परसेंट की हिस्सेदारी है और मेक्सिको पर 25 परसेंट टैरिफ लगाया है. अब आयात महंगा होगा तो इसका असर चीजों की कीमत पर पड़ेगा.

साल 2024 में अमेरिका ने लगभग 221 अरब डॉलर के फूड प्रोडक्ट्स का आयात किया, जिनमें से 74 परसेंट (163 अरब डॉलर) पर ट्रंप का टैरिफ लागू हुआ. अमेरिका के टॉप-5 फूड एक्सपोटर्स में मेक्सिको, कनाडा, यूरोपीय यूनियन, ब्राजील और चीन शामिल हैं, जिनकी अमेरिका के टोटल फूड इम्पोर्ट में 62 परसेंट हिस्सेदारी है. 

चीन और भारत से मंगाता है सामान

अमेरिका ने चीन पर 30 परसेंट का टैरिफ लगाया है, जबकि चीन से अमेरिका में सबसे ज्यादा ऐप्पल जूस और फ्रोजन फिश का आयात किया जाता है. भारत पर अमेरिका ने 25 परसेंट टैरिफ लगाया है, जबकि भारत से अमेरिकी बाजारों में झींगा मछली का बड़े पैमाने पर निर्यात होता है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में भारत ने अमेरिका को 17,81,602 मीट्रिक टन सीफूड (60,523.89 करोड़ रुपये) भेजे. इनमें 2,97,571 मीट्रिक टन फ्रोजन झींगे शामिल रहे. ब्राजील पर अमेरिका ने 50 परसेंट टैरिफ लगाया है, जबकि वहां से कॉफी, मीट, संतरे के रस का आयात किया जाता है. अमेरिका में 'ब्राजीलियन कॉफी' की काफी डिमांड है. ऐसे में लोगों को अब इस चुस्की लगाने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी. 

इनके अलावा, आयरलैंड से बटर, नीदरलैंड्स से कोको पाउडर, थाइलैंड से चावल, वियतनाम से काजू और काली मिर्च, इंडोनेशिया से पाम ऑयल और कोको बटर, न्यूजीलैंड से दूध, चिली से अंगूर, ऑस्ट्रेलिया से लैम्ब मीट, कोलंबिया से कॉफी का आयात होता है. 

ये भी पढ़ें: 

ट्रंप के टैरिफ का असर, अमेरिका के लिए भारत के एक्सपोर्ट में आ सकती है कमी; GTRI की रिपोर्ट में खुलासा

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