'हलफनामा दें या फिर देश से माफी मांगें', राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग की दो टूक
चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हालिया आरोपों पर कड़ा जवाब दिया है. आयोग ने कहा कि राहुल गांधी मतदाता सूची में अनियमितताओं के नाम पर पुरानी और सुलझ चुकी बातों को दोहरा रहे हैं, जिससे जनता को गुमराह किया जा रहा है. चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि 2018 में तत्कालीन मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इसी तरह के आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने उन्हें खारिज कर दिया था. उस समय जिन त्रुटियों का हवाला दिया गया था, उन्हें याचिका दाख़िल करने से चार महीने पहले ही सुधार दिया गया था. इसी तरह, 2025 में राहुल गांधी ने "आदित्य श्रीवास्तव" मामले का ज़िक्र करते हुए आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति का नाम तीन अलग-अलग राज्यों में दर्ज है. आयोग का कहना है कि यह मामला भी महीनों पहले सुलझा लिया गया था. हलफनामा दें या मांगे देश से माफी- चुनाव आयोग चुनाव आयोग ने राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा, "बार-बार एक ही मुद्दा उठाना न्यायालय के निर्णयों के प्रति असम्मान दर्शाता है." आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि नामांकन पर आपत्ति और अपील की कानूनी प्रक्रिया तय है, लेकिन राहुल गांधी ने उसका पालन करने के बजाय मीडिया में बयानबाज़ी का रास्ता अपनाया. आयोग ने राहुल को चुनौती देते हुए कहा कि यदि राहुल गांधी अपने आरोपों पर भरोसा करते हैं तो उन्हें शपथपत्र देकर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, अन्यथा देश से माफ़ी मांगनी चाहिए. इसी बीच, कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार को पत्र लिखकर 5 अगस्त को दी गई शिकायत को शपथपत्र के माध्यम से प्रमाणित करने को कहा है. साथ ही, आयोग ने राहुल गांधी के उस बयान को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि आयोग की वेबसाइट काम नहीं कर रही है. ये भी पढ़ें:- 'सरेआम US मुर्दाबाद के नारे, फिर भी...', PAK से नजदीकी बढ़ाने पर बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता का ट्रंप को पत्र

चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हालिया आरोपों पर कड़ा जवाब दिया है. आयोग ने कहा कि राहुल गांधी मतदाता सूची में अनियमितताओं के नाम पर पुरानी और सुलझ चुकी बातों को दोहरा रहे हैं, जिससे जनता को गुमराह किया जा रहा है.
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि 2018 में तत्कालीन मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इसी तरह के आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने उन्हें खारिज कर दिया था. उस समय जिन त्रुटियों का हवाला दिया गया था, उन्हें याचिका दाख़िल करने से चार महीने पहले ही सुधार दिया गया था.
इसी तरह, 2025 में राहुल गांधी ने "आदित्य श्रीवास्तव" मामले का ज़िक्र करते हुए आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति का नाम तीन अलग-अलग राज्यों में दर्ज है. आयोग का कहना है कि यह मामला भी महीनों पहले सुलझा लिया गया था.
हलफनामा दें या मांगे देश से माफी- चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा, "बार-बार एक ही मुद्दा उठाना न्यायालय के निर्णयों के प्रति असम्मान दर्शाता है." आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि नामांकन पर आपत्ति और अपील की कानूनी प्रक्रिया तय है, लेकिन राहुल गांधी ने उसका पालन करने के बजाय मीडिया में बयानबाज़ी का रास्ता अपनाया. आयोग ने राहुल को चुनौती देते हुए कहा कि यदि राहुल गांधी अपने आरोपों पर भरोसा करते हैं तो उन्हें शपथपत्र देकर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, अन्यथा देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.
इसी बीच, कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार को पत्र लिखकर 5 अगस्त को दी गई शिकायत को शपथपत्र के माध्यम से प्रमाणित करने को कहा है. साथ ही, आयोग ने राहुल गांधी के उस बयान को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि आयोग की वेबसाइट काम नहीं कर रही है.
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