सुप्रीम कोर्ट ने इस नेता को फर्जी मेडिकल बेल लेने पर लगाई फटकार, कहा- 'हमे गुमराह किया, तुरंत करो सरेंडर'
करीब 600 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे हरियाणा के पूर्व विधायक धर्म सिंह छोक्कर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने उसे तुरंत सरेंडर कर जेल जाने का सख्त आदेश दिया है. छोक्कर ने मेडिकल बेल बढ़वाने की कोशिश की थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी और कहा कि उन्होंने अदालत को गुमराह किया है. छोक्कर के वकील ने कोर्ट में जो दलीलें दीं, उन्हें झूठा और गुमराह करने वाला बताया गया. जज ने खुले कोर्ट में वकील को फटकार लगाई और साफ कहा कि ये कानून का दुरुपयोग है. कोर्ट ने कहा, 'ये केस दिखाता है कि कैसे रसूखदार लोग सिस्टम के साथ खेलते हैं.' सर्जरी के बहाने खुलेआम घूम रहा था छोक्कर धर्म सिंह छोक्कर को पहले मेडिकल वजहों से बेल मिली थी. कहा गया था कि उसे सर्जरी की जरूरत है, लेकिन उसने अब तक कोई सर्जरी नहीं करवाई. 5 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी और तब से वो खुलेआम घूमते नजर आया. इतना ही नहीं, उसने दो-तीन बार एम्स में इलाज लेने से भी मना कर दिया. 50 दिन की कस्टडी में से 23 दिन उसने गुरुग्राम सिविल अस्पताल और पीजीआईएमएस रोहतक जैसे अस्पतालों में गुजारा, जिससे शक और बढ़ गया कि वो बेल का गलत फायदा उठा रहा है. कोर्ट ने मेडिकल बेल को किया खारिज ED ने छोक्कर को 5 मई 2025 को नई दिल्ली के शांगरी-ला होटल के एक बार से गिरफ्तार किया था. वो करीब दो साल से फरार था और गिरफ्तारी से बचते फिर रहा था. छोक्कर पर आरोप है कि उसने हजारों घर खरीदारों के साथ धोखा किया और 600 करोड़ से ज्यादा की रकम इधर-उधर की. सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि छोक्कर और उनके वकील ने कोर्ट को बेवकूफ बनाने की कोशिश की. कोर्ट ने का कि इस तरह की हरकत सिस्टम में लोगों का भरोसा खत्म करती है. इसके बाद कोर्ट ने तुरंत सरेंडर का आदेश दिया और मेडिकल बेल को खत्म कर दिया. ये भी पढ़ें:- Indian Coast Guard: हिंद महासागर में आया तूफान, यॉट पर फंसे दो अमेरिकी, बचा लाया भारत, जानें पूरे ऑपरेशन की कहानी

करीब 600 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे हरियाणा के पूर्व विधायक धर्म सिंह छोक्कर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने उसे तुरंत सरेंडर कर जेल जाने का सख्त आदेश दिया है. छोक्कर ने मेडिकल बेल बढ़वाने की कोशिश की थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी और कहा कि उन्होंने अदालत को गुमराह किया है.
छोक्कर के वकील ने कोर्ट में जो दलीलें दीं, उन्हें झूठा और गुमराह करने वाला बताया गया. जज ने खुले कोर्ट में वकील को फटकार लगाई और साफ कहा कि ये कानून का दुरुपयोग है. कोर्ट ने कहा, 'ये केस दिखाता है कि कैसे रसूखदार लोग सिस्टम के साथ खेलते हैं.'
सर्जरी के बहाने खुलेआम घूम रहा था छोक्कर
धर्म सिंह छोक्कर को पहले मेडिकल वजहों से बेल मिली थी. कहा गया था कि उसे सर्जरी की जरूरत है, लेकिन उसने अब तक कोई सर्जरी नहीं करवाई. 5 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी और तब से वो खुलेआम घूमते नजर आया. इतना ही नहीं, उसने दो-तीन बार एम्स में इलाज लेने से भी मना कर दिया. 50 दिन की कस्टडी में से 23 दिन उसने गुरुग्राम सिविल अस्पताल और पीजीआईएमएस रोहतक जैसे अस्पतालों में गुजारा, जिससे शक और बढ़ गया कि वो बेल का गलत फायदा उठा रहा है.
कोर्ट ने मेडिकल बेल को किया खारिज
ED ने छोक्कर को 5 मई 2025 को नई दिल्ली के शांगरी-ला होटल के एक बार से गिरफ्तार किया था. वो करीब दो साल से फरार था और गिरफ्तारी से बचते फिर रहा था. छोक्कर पर आरोप है कि उसने हजारों घर खरीदारों के साथ धोखा किया और 600 करोड़ से ज्यादा की रकम इधर-उधर की.
सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि छोक्कर और उनके वकील ने कोर्ट को बेवकूफ बनाने की कोशिश की. कोर्ट ने का कि इस तरह की हरकत सिस्टम में लोगों का भरोसा खत्म करती है. इसके बाद कोर्ट ने तुरंत सरेंडर का आदेश दिया और मेडिकल बेल को खत्म कर दिया.
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