सिरदर्द से लेकर माथा सुन्न होने तक, न्यूरोलॉजिस्ट ने बताया ये कैसे हो सकते हैं गंभीर बीमारी के संकेत

Headache Warning Signs: न्यूरोलॉजी से जुड़ी समस्याएं अक्सर पहचान में नहीं आतीं या मामूली लग सकती हैं, लेकिन ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती हैं. सही समय पर न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेना जरूरी है, ताकि समय रहते सही इलाज मिल सके. क्योंकि इसके कई लक्षण हो सकते हैं. जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते. दरअसल, फरीदाबाद फोर्टिस हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनित बंगा बताते हैं कि, कभी-कभी सिरदर्द होना सामान्य है, लेकिन अगर सिरदर्द बार-बार हो रहा है या बहुत तेज है तो यह किसी बड़े संकेत की और इशारा करता है. जैसे माइग्रेन, क्लस्टर या टेंशन की वजह से हो सकता है. अगर सिरदर्द के साथ उल्टी, धुंधला दिखना जैसी समस्या है तो ये गंभीर हो सकता है. ये भी पढ़े- घर बैठे कैसे करें ब्लड शुगर टेस्ट, जानिए जांच करने का सही समय सुन्नपन या झुनझुनाहट महसूस होना शरीर के किसी हिस्से में बार-बार सुन्नपन, झुनझुनाहट या संवेदना की कमी हो रही है, खासकर शरीर के एक तरफ तो यह नसों की खराबी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस या स्ट्रोक का संकेत हो सकता है. ऐसे लक्षण बार-बार दिखाई देते हैं या लंबे समय तक रहें तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है. अजीब-अजीब महसूस होना दौरा आना हमेशा तेज या झटकों वाला नहीं होता. कभी-कभी यह कुछ पल के लिए बेहोशी, शरीर का कांपना या अचानक उलझन जैसे रूप में भी सामने आ सकते हैं. ऐसे लक्षण बार-बार हो रहे हैं तो यह मिर्गी या किसी अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्या का संकेत हो सकता है. ऐसे में तुरंत जांच करवाना जरूरी है. याददाश्त में कमी या सोचने में बदलाव बार-बार भूलने की शिकायत हो, ध्यान लगाने में परेशानी हो, या सोचने का तरीका बदल गया हो, तो यह डिमेंशिया, अल्जाइमर या अन्य मस्तिष्क संबंधी रोगों का संकेत हो सकता है. न्यूरोलॉजिस्ट इस स्थिति की जांच कर सही इलाज शुरू कर सकते हैं. चक्कर आना या संतुलन बिगड़ना अगर आपको बार-बार चक्कर आते हैं, सिर हल्का लगता है या चलने में संतुलन बनाने में दिक्कत होती है, तो यह दिमाग, रीढ़ या कान से जुड़ी न्यूरोलॉजिकल परेशानी हो सकती है. अचानक ऐसी समस्या होना या अन्य लक्षणों के साथ आना ज्यादा गंभीर हो सकता है. मांसपेशियों में कमजोरी या चलने-फिरने में दिक्कत अचानक कमजोरी आ जाए, शरीर का तालमेल बिगड़ जाए, लड़खड़ाहट हो या बार-बार गिरना हो तो यह नसों या मांसपेशियों से जुड़ी बीमारी हो सकती है. जैसे न्यूरोपैथी, एएलएस या पार्किंसंस रोग का शुरुआती संकेत हो सकता है. न्यूरोलॉजिस्ट जांच के बाद कारण स्पष्ट कर सकते हैं. न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की समय पर पहचान बहुत जरूरी है. अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस कर रहे हैं तो देर न करें, किसी डॉक्टर से जरूर मिलें. एक न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेने से न केवल आपको सही जानकारी मिलेगी, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होगी. ये भी पढ़ें: किस बीमारी से जूझ रहीं पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की दोनों बेटियां, जानें ये कितनी खतरनाक? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Jul 11, 2025 - 14:30
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सिरदर्द से लेकर माथा सुन्न होने तक, न्यूरोलॉजिस्ट ने बताया ये कैसे हो सकते हैं गंभीर बीमारी के संकेत

Headache Warning Signs: न्यूरोलॉजी से जुड़ी समस्याएं अक्सर पहचान में नहीं आतीं या मामूली लग सकती हैं, लेकिन ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती हैं. सही समय पर न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेना जरूरी है, ताकि समय रहते सही इलाज मिल सके. क्योंकि इसके कई लक्षण हो सकते हैं. जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते.

दरअसल, फरीदाबाद फोर्टिस हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनित बंगा बताते हैं कि, कभी-कभी सिरदर्द होना सामान्य है, लेकिन अगर सिरदर्द बार-बार हो रहा है या बहुत तेज है तो यह किसी बड़े संकेत की और इशारा करता है. जैसे माइग्रेन, क्लस्टर या टेंशन की वजह से हो सकता है. अगर सिरदर्द के साथ उल्टी, धुंधला दिखना जैसी समस्या है तो ये गंभीर हो सकता है.

ये भी पढ़े- घर बैठे कैसे करें ब्लड शुगर टेस्ट, जानिए जांच करने का सही समय

सुन्नपन या झुनझुनाहट महसूस होना

शरीर के किसी हिस्से में बार-बार सुन्नपन, झुनझुनाहट या संवेदना की कमी हो रही है, खासकर शरीर के एक तरफ तो यह नसों की खराबी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस या स्ट्रोक का संकेत हो सकता है. ऐसे लक्षण बार-बार दिखाई देते हैं या लंबे समय तक रहें तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है.

अजीब-अजीब महसूस होना

दौरा आना हमेशा तेज या झटकों वाला नहीं होता. कभी-कभी यह कुछ पल के लिए बेहोशी, शरीर का कांपना या अचानक उलझन जैसे रूप में भी सामने आ सकते हैं. ऐसे लक्षण बार-बार हो रहे हैं तो यह मिर्गी या किसी अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्या का संकेत हो सकता है. ऐसे में तुरंत जांच करवाना जरूरी है.

याददाश्त में कमी या सोचने में बदलाव

बार-बार भूलने की शिकायत हो, ध्यान लगाने में परेशानी हो, या सोचने का तरीका बदल गया हो, तो यह डिमेंशिया, अल्जाइमर या अन्य मस्तिष्क संबंधी रोगों का संकेत हो सकता है. न्यूरोलॉजिस्ट इस स्थिति की जांच कर सही इलाज शुरू कर सकते हैं.

चक्कर आना या संतुलन बिगड़ना

अगर आपको बार-बार चक्कर आते हैं, सिर हल्का लगता है या चलने में संतुलन बनाने में दिक्कत होती है, तो यह दिमाग, रीढ़ या कान से जुड़ी न्यूरोलॉजिकल परेशानी हो सकती है. अचानक ऐसी समस्या होना या अन्य लक्षणों के साथ आना ज्यादा गंभीर हो सकता है.

मांसपेशियों में कमजोरी या चलने-फिरने में दिक्कत

अचानक कमजोरी आ जाए, शरीर का तालमेल बिगड़ जाए, लड़खड़ाहट हो या बार-बार गिरना हो तो यह नसों या मांसपेशियों से जुड़ी बीमारी हो सकती है. जैसे न्यूरोपैथी, एएलएस या पार्किंसंस रोग का शुरुआती संकेत हो सकता है. न्यूरोलॉजिस्ट जांच के बाद कारण स्पष्ट कर सकते हैं.

न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की समय पर पहचान बहुत जरूरी है. अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस कर रहे हैं तो देर न करें, किसी डॉक्टर से जरूर मिलें. एक न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेने से न केवल आपको सही जानकारी मिलेगी, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होगी.

ये भी पढ़ें: किस बीमारी से जूझ रहीं पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की दोनों बेटियां, जानें ये कितनी खतरनाक?

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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