सावन की तीसरी सोमवारी पर जनकपुरी के दशकों पुराने शिव मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़. जानें क्या है मंदिर की खासियत
सावन का महीना देवों के देव महादेव के भक्तों के लिए काफी पवित्र महीना होता है, और ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना से उनकी प्रसन्नता जल्दी प्राप्त होती है. यूं तो इस पावन महीने का हर दिन महादेव की पूजा और जलाभिषेक के लिए खास होता है, लेकिन सावन में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है. ऐसे में इस महीने के तीसरे सोमवार के मौके पर कांवड़ियों के अलावा काफी संख्या में लोग शिवालयों में नीलकंठ महादेव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं. जनकपुरी के प्राचीन शिव मंदिर दूर-दूर से पहुंचे कांवड़िए और श्रद्धालु कुछ ऐसा ही देखने को मिला पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी B1 स्थित प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर में, जहां आम दिनों की तुलना में आज सुबह से ही कांवड़ियों और अन्य श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. इस मंदिर में दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली के बाहर से भी कांवड़िए और अन्य श्रद्धालु महादेव का दर्शन और जलाभिषेक कर उनकी प्रसन्नता की प्राप्ति की कामना के साथ यहां आ रहे हैं. इस दौरान मंदिर में स्थापित महादेव की 65 फुट ऊंची, चार भुजाओं वाली प्रतिमा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही और लोग महादेव की उस भव्य प्रतिमा को देख कर मंत्र-मुग्ध नजर आए. 70 साल पुराना है मंदिर का इतिहास, 65 फुट ऊंची प्रतिमा बनी आकर्षण का केंद्र मंदिर के पुजारी राहुल तिवारी और पंडित नितेश शुक्ला ने एबीपी लाईव की टीम से खास बातचीत में बताया कि, यह मंदिर 70 साल पुराना है और यहां पर शिव जी की 65 फुट ऊंची प्रतिमा है. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में लोगों की खास आस्था है और आम दिनों में भी यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है, जबकि सावन महीने, खास तौर पर आज सोमवार के दिन तो तड़के सुबह से ही महादेव की पूजा के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई है. उन्होंने ने बताया कि आज के दिन लगातार ही महादेव की पूजा-अर्चना जारी है. सोमवार के दिन व्रत और पूजा से जल्दी प्राप्त होती है महादेव की प्रसन्नता श्रद्धालु लगातार मंदिर में पहुंच रहे हैं और शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ा कर धूप, दीप, फल और फूल से पूजा करने के बाद दूध और गंगाजल से उनका अभिषेक कर रहे हैं. सनातन धर्म में श्रावण मास की महिमा का वर्णन किया गया है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों पर महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और उन्हें उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. आज के दिन पूजा के अलावा, कई महिलाएं-युवतियां सोमवारी व्रत रख कर भगवान भोलेनाथ की कथा आदि का भी पाठ करती हैं.

सावन का महीना देवों के देव महादेव के भक्तों के लिए काफी पवित्र महीना होता है, और ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना से उनकी प्रसन्नता जल्दी प्राप्त होती है. यूं तो इस पावन महीने का हर दिन महादेव की पूजा और जलाभिषेक के लिए खास होता है, लेकिन सावन में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है. ऐसे में इस महीने के तीसरे सोमवार के मौके पर कांवड़ियों के अलावा काफी संख्या में लोग शिवालयों में नीलकंठ महादेव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं.
जनकपुरी के प्राचीन शिव मंदिर दूर-दूर से पहुंचे कांवड़िए और श्रद्धालु
कुछ ऐसा ही देखने को मिला पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी B1 स्थित प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर में, जहां आम दिनों की तुलना में आज सुबह से ही कांवड़ियों और अन्य श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. इस मंदिर में दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली के बाहर से भी कांवड़िए और अन्य श्रद्धालु महादेव का दर्शन और जलाभिषेक कर उनकी प्रसन्नता की प्राप्ति की कामना के साथ यहां आ रहे हैं. इस दौरान मंदिर में स्थापित महादेव की 65 फुट ऊंची, चार भुजाओं वाली प्रतिमा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही और लोग महादेव की उस भव्य प्रतिमा को देख कर मंत्र-मुग्ध नजर आए.
70 साल पुराना है मंदिर का इतिहास, 65 फुट ऊंची प्रतिमा बनी आकर्षण का केंद्र
मंदिर के पुजारी राहुल तिवारी और पंडित नितेश शुक्ला ने एबीपी लाईव की टीम से खास बातचीत में बताया कि, यह मंदिर 70 साल पुराना है और यहां पर शिव जी की 65 फुट ऊंची प्रतिमा है. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में लोगों की खास आस्था है और आम दिनों में भी यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है, जबकि सावन महीने, खास तौर पर आज सोमवार के दिन तो तड़के सुबह से ही महादेव की पूजा के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई है. उन्होंने ने बताया कि आज के दिन लगातार ही महादेव की पूजा-अर्चना जारी है.
सोमवार के दिन व्रत और पूजा से जल्दी प्राप्त होती है महादेव की प्रसन्नता
श्रद्धालु लगातार मंदिर में पहुंच रहे हैं और शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ा कर धूप, दीप, फल और फूल से पूजा करने के बाद दूध और गंगाजल से उनका अभिषेक कर रहे हैं. सनातन धर्म में श्रावण मास की महिमा का वर्णन किया गया है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों पर महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और उन्हें उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. आज के दिन पूजा के अलावा, कई महिलाएं-युवतियां सोमवारी व्रत रख कर भगवान भोलेनाथ की कथा आदि का भी पाठ करती हैं.
What's Your Reaction?






