शेयर मार्केट हुआ क्रैश, लगभग 800 अंक तक लुढ़का सेंसेक्स; आखिर क्यों आई इतनी बड़ी गिरावट?
Share Market Crash Today: भारतीय शेयर बाजार में आज का दिन अच्छा नहीं रहा. शुक्रवार के कारोबार में बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स लगभग 800 अंक तक फिसल गया, जबकि निफ्टी भी 25000 के लेवल से नीचे जा पहुंचा. बाजार के करेक्शन मोड में होने के दौरान कई शेयरों में बिकवाली का भी दबाव देखा गया. कई बड़ी कंपनियों के स्टॉक में 5 परसेंट तक की गिरावट दर्ज की गई. बजाज फाइनेंस के तिमाही नतीजे के बाद बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक में खासतौर पर गिरावट आई. सिर्फ बैंकिंग ही नहीं, निफ्टी ऑटो इंडेक्स में भी 1.3 परसेंट की गिरावट आई. इसके अलावा, पीएसयू बैंक, आईटी, मेटल जैसे कई दूसरे सेक्टोरल इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई. बीएसई मिडकैप इंडेक्स और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी क्रमशः 1.3 परसेंट और 1.7 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4.75 लाख करोड़ रुपये घटकर 453.35 लाख करोड़ रुपये रह गया है. शेयर बाजार में आई इस गिरावट की वजह भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील में देरी भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अनिश्चितता बनी हुई है. अमेरिका ने जापान, इंडोनेशिया, वियतनाम, फिलीपींस जैसे तमाम देशों के साथ डील पक्की कर ली है. भारत के साथ अभी बातचीत चल ही रही है और इधर, टैरिफ लगाने की डेडलाइन 1 अगस्त भी नजदीक आ रही है. इससे निवेशक चिंतित हैं. जब तक आधिकारिक तौर पर टैरिफ की घोषणा नहीं हो जाती, तब तक निवेशक दबाव में रहेंगे. दबाव में बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक शेयर बाजार में कारोबार के दौरान बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है. निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में 1 परसेंट की गिरावट आई है और निफ्टी बैंक में 600 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई है. निफ्टी 50 में बजाज ग्रुप के शेयर टॉप लूजर्स में रहे, जिनमें क्रमश: 5.5 परसेंट और 4.5 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी बैंक में यूनियन बैंक, इंडियन बैंक और केनरा बैंक को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा, जिनमें 3 परसेंट से ज्यादा की गिरावट आई. विदेशी निवेशकों की बिकवाली विदेशी निवेशकों की बिकवाली भी बाजार में आई इस गिरावट की बड़ी वजह है. पिछले चार दिनों में ही विदेशी निवेशकों ने नकद सेगमेंट में भारतीय शेयरों से लगभग 11,500 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं. जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने बाजार खुलने से पहले कहा था, पिछले चार कारोबारी दिनों में FIIs की 11,572 करोड़ रुपये की लगातार बिकवाली का बाजार पर दबाव बना रहेगा. पहली तिमाही के सुस्त नतीजे वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के कमजोर नतीजों के चलते निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है. कुछ कंपनियां उम्मीदों पर खरी उतरी हैं, जबकि कई कंपनियां अपने लक्ष्य से चूक गईं. खासतौर पर, आईटी और फाइनेंशियल सेक्टर की कंपनियां. मैनेजमेंट की सतर्क टिप्पणियों का भी बाजार की धारणा पर असर पड़ा है. ये भी पढ़ें: ED की रेड के बाद अनिल अंबानी की कंपनी के शेयर धड़ाम, सबमें लगा लोअर सर्किट; स्टॉक बेचने की मची होड़

Share Market Crash Today: भारतीय शेयर बाजार में आज का दिन अच्छा नहीं रहा. शुक्रवार के कारोबार में बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स लगभग 800 अंक तक फिसल गया, जबकि निफ्टी भी 25000 के लेवल से नीचे जा पहुंचा. बाजार के करेक्शन मोड में होने के दौरान कई शेयरों में बिकवाली का भी दबाव देखा गया. कई बड़ी कंपनियों के स्टॉक में 5 परसेंट तक की गिरावट दर्ज की गई.
बजाज फाइनेंस के तिमाही नतीजे के बाद बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक में खासतौर पर गिरावट आई. सिर्फ बैंकिंग ही नहीं, निफ्टी ऑटो इंडेक्स में भी 1.3 परसेंट की गिरावट आई. इसके अलावा, पीएसयू बैंक, आईटी, मेटल जैसे कई दूसरे सेक्टोरल इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई. बीएसई मिडकैप इंडेक्स और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी क्रमशः 1.3 परसेंट और 1.7 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4.75 लाख करोड़ रुपये घटकर 453.35 लाख करोड़ रुपये रह गया है.
शेयर बाजार में आई इस गिरावट की वजह
भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील में देरी
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अनिश्चितता बनी हुई है. अमेरिका ने जापान, इंडोनेशिया, वियतनाम, फिलीपींस जैसे तमाम देशों के साथ डील पक्की कर ली है. भारत के साथ अभी बातचीत चल ही रही है और इधर, टैरिफ लगाने की डेडलाइन 1 अगस्त भी नजदीक आ रही है. इससे निवेशक चिंतित हैं. जब तक आधिकारिक तौर पर टैरिफ की घोषणा नहीं हो जाती, तब तक निवेशक दबाव में रहेंगे.
दबाव में बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक
शेयर बाजार में कारोबार के दौरान बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है. निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में 1 परसेंट की गिरावट आई है और निफ्टी बैंक में 600 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई है. निफ्टी 50 में बजाज ग्रुप के शेयर टॉप लूजर्स में रहे, जिनमें क्रमश: 5.5 परसेंट और 4.5 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी बैंक में यूनियन बैंक, इंडियन बैंक और केनरा बैंक को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा, जिनमें 3 परसेंट से ज्यादा की गिरावट आई.
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी निवेशकों की बिकवाली भी बाजार में आई इस गिरावट की बड़ी वजह है. पिछले चार दिनों में ही विदेशी निवेशकों ने नकद सेगमेंट में भारतीय शेयरों से लगभग 11,500 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं. जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने बाजार खुलने से पहले कहा था, पिछले चार कारोबारी दिनों में FIIs की 11,572 करोड़ रुपये की लगातार बिकवाली का बाजार पर दबाव बना रहेगा.
पहली तिमाही के सुस्त नतीजे
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के कमजोर नतीजों के चलते निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है. कुछ कंपनियां उम्मीदों पर खरी उतरी हैं, जबकि कई कंपनियां अपने लक्ष्य से चूक गईं. खासतौर पर, आईटी और फाइनेंशियल सेक्टर की कंपनियां. मैनेजमेंट की सतर्क टिप्पणियों का भी बाजार की धारणा पर असर पड़ा है.
ये भी पढ़ें:
ED की रेड के बाद अनिल अंबानी की कंपनी के शेयर धड़ाम, सबमें लगा लोअर सर्किट; स्टॉक बेचने की मची होड़
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