शुरू हो गया ITR फाइल करने का काम, जानें ITR-1, ITR-2 या ITR-4 कौन सा फॉर्म भरना आपके लिए रहेगा सही?
Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने का काम शुरू हो चुका है. अब टैक्सपेयर्स असेस्मेंट ईयर 2025-26 के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए ITR-1 और ITR-4 फॉर्म भरकर अपना रिटर्न ऑनलाइन दाखिल कर सकते हैं. हालांकि, सैलरी पाने वाले लोग कंपनी से फॉर्म-16 मिलने के बाद ही अपना रिटर्न भर सकेंगे. अगर आप भी जल्द से जल्द अपना रिटर्न जमा कराने का सोच रहे हैं, तो सबसे पहले ये जान लेना जरूरी है कि आपको कौन सा फॉर्म भरना होगा. ITR-1 ITR-1 को सहज फॉर्म भी कहा जाता है, जो हर किसी के लिए नहीं है. अगर आपकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपये से कम है. साथ ही कमाई का जरिया मुख्य रूप से सैलरी, पेंशन, किसी एक घर से आने वाला किराया, बैंक में जमा पैसों पर मिल रहा इंटरेस्ट और 5,000 रुपये तक की खेती से आय है, तो ही आप ITR-1 फॉर्म भर सकते हैं. 1.25 लाख तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कमाने वाले भी इस फॉर्म को भर सकेंगे. कैपिटल गेन का मतलब शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड्स या किसी डिजिटल एसेट्स की बिक्री से होने वाली कमाई है. इसके अलावा, 1.25 लाख रुपये से ज्यादा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कमाने वाले इस फॉर्म को नहीं भर सकेंगे. जिनका अपना कोई बिजनेस है, एक से ज्यादा घरों के मालिक, लॉटरी जीतने या घुड़दौड़ जैसी एक्टीविटीज से कमाने वाले इस फॉर्म को नहीं भर सकेंगे. खेती से 5000 रुपये से ज्यादा कमाने वाले, विदेश से कमाई करने वाले या अगर किसी के पास अनलिस्टेड कंपनी के शेयर हैं, वे भी -1 नहीं भर सकेंगे. ITR-2 अगर आप नौकरी करते हैं या पेंशनर्स हैं, लेकिन आपकी आमदनी के कई स्त्रोत हैं जैसे कि कोई बिजनेस है, शेयर से प्रॉफिट कमा रहे हैं, विदेश से कमाई हो रही है या एक से अधिक संपत्तियों से किराया आ रहा है या डॉक्टर-वकील जैसा अपना कोई पेशा है, तो उन्हें ITR-2 भरना होगा. ITR-4 ITR-4 को सुगम फॉर्म के नाम से भी जाना जाता है. यह फॉर्म हिंदू अविभाजित परिवार, स्मॉल बिजनेस चलाने वाले या पार्टनरशिप में किसी फर्म को चलाने वालों के लिए है. इसके अलावा, फ्रीलांसिंग, कंसल्टेंसी, मेडिसिन या रिटेल कारोबार वाले भी इस फॉर्म को भर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए सालाना आमदनी 50 लाख रुपये तक की होनी चाहिए. इस फॉर्म में आप 5,000 रुपये तक की सैलरी, पेंशन, इंटरेस्ट से हो रही कमाई, फैमिली पेंशन और खेती से आय की भी जानकारी दे सकते हैं. अगर आपने आयकर अधिनियम की धारा 44AD, 44ADA और 44AE के तहत बिजनेस से होने वाली कमाई पर प्रिजंप्टिव टैक्स का विकल्प चुना है, तो यह फॉर्म आपके लिए सही है. अगर आप NRI हैं या किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से कमाई होती है, तो आप इस फॉर्म को नहीं भर सकेंगे. अगर आपके पास अनलिस्टेड शेयर है, ESOP पर टैक्स का भुगतान स्थगित है, लॉटरी या घुड़दौड़ जैसे स्त्रोतों से कमाई हो रही है, तो भी आप इस फॉर्म को नहीं भर सकेंगे. ITR-1 और ITR-4 में बस कमाई का अंतर है. सैलरी और पेंशन से कमाने वाले सहज भर सकेंगे. वहीं, बिजनेस या फ्रीलांस वाले सुगम भर सकते हैं. ये भी पढ़ें: 35000 लोगों की चली जाएगी नौकरी, जर्मनी में फॉक्सवैगन का बड़ा ऐलान; ट्रेनी कर्मचारी भी होंगे कम

Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने का काम शुरू हो चुका है. अब टैक्सपेयर्स असेस्मेंट ईयर 2025-26 के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए ITR-1 और ITR-4 फॉर्म भरकर अपना रिटर्न ऑनलाइन दाखिल कर सकते हैं. हालांकि, सैलरी पाने वाले लोग कंपनी से फॉर्म-16 मिलने के बाद ही अपना रिटर्न भर सकेंगे. अगर आप भी जल्द से जल्द अपना रिटर्न जमा कराने का सोच रहे हैं, तो सबसे पहले ये जान लेना जरूरी है कि आपको कौन सा फॉर्म भरना होगा.
ITR-1
ITR-1 को सहज फॉर्म भी कहा जाता है, जो हर किसी के लिए नहीं है. अगर आपकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपये से कम है. साथ ही कमाई का जरिया मुख्य रूप से सैलरी, पेंशन, किसी एक घर से आने वाला किराया, बैंक में जमा पैसों पर मिल रहा इंटरेस्ट और 5,000 रुपये तक की खेती से आय है, तो ही आप ITR-1 फॉर्म भर सकते हैं. 1.25 लाख तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कमाने वाले भी इस फॉर्म को भर सकेंगे. कैपिटल गेन का मतलब शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड्स या किसी डिजिटल एसेट्स की बिक्री से होने वाली कमाई है.
इसके अलावा, 1.25 लाख रुपये से ज्यादा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कमाने वाले इस फॉर्म को नहीं भर सकेंगे. जिनका अपना कोई बिजनेस है, एक से ज्यादा घरों के मालिक, लॉटरी जीतने या घुड़दौड़ जैसी एक्टीविटीज से कमाने वाले इस फॉर्म को नहीं भर सकेंगे. खेती से 5000 रुपये से ज्यादा कमाने वाले, विदेश से कमाई करने वाले या अगर किसी के पास अनलिस्टेड कंपनी के शेयर हैं, वे भी -1 नहीं भर सकेंगे.
ITR-2
अगर आप नौकरी करते हैं या पेंशनर्स हैं, लेकिन आपकी आमदनी के कई स्त्रोत हैं जैसे कि कोई बिजनेस है, शेयर से प्रॉफिट कमा रहे हैं, विदेश से कमाई हो रही है या एक से अधिक संपत्तियों से किराया आ रहा है या डॉक्टर-वकील जैसा अपना कोई पेशा है, तो उन्हें ITR-2 भरना होगा.
ITR-4
ITR-4 को सुगम फॉर्म के नाम से भी जाना जाता है. यह फॉर्म हिंदू अविभाजित परिवार, स्मॉल बिजनेस चलाने वाले या पार्टनरशिप में किसी फर्म को चलाने वालों के लिए है. इसके अलावा, फ्रीलांसिंग, कंसल्टेंसी, मेडिसिन या रिटेल कारोबार वाले भी इस फॉर्म को भर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए सालाना आमदनी 50 लाख रुपये तक की होनी चाहिए. इस फॉर्म में आप 5,000 रुपये तक की सैलरी, पेंशन, इंटरेस्ट से हो रही कमाई, फैमिली पेंशन और खेती से आय की भी जानकारी दे सकते हैं. अगर आपने आयकर अधिनियम की धारा 44AD, 44ADA और 44AE के तहत बिजनेस से होने वाली कमाई पर प्रिजंप्टिव टैक्स का विकल्प चुना है, तो यह फॉर्म आपके लिए सही है.
अगर आप NRI हैं या किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से कमाई होती है, तो आप इस फॉर्म को नहीं भर सकेंगे. अगर आपके पास अनलिस्टेड शेयर है, ESOP पर टैक्स का भुगतान स्थगित है, लॉटरी या घुड़दौड़ जैसे स्त्रोतों से कमाई हो रही है, तो भी आप इस फॉर्म को नहीं भर सकेंगे.
ITR-1 और ITR-4 में बस कमाई का अंतर है. सैलरी और पेंशन से कमाने वाले सहज भर सकेंगे. वहीं, बिजनेस या फ्रीलांस वाले सुगम भर सकते हैं.
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35000 लोगों की चली जाएगी नौकरी, जर्मनी में फॉक्सवैगन का बड़ा ऐलान; ट्रेनी कर्मचारी भी होंगे कम
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