वैक्सीन को लेकर रिसर्च में बड़ा खुलासा, वैज्ञानिकों ने बताया टीकों को एक ही बाजू में लगाने से क्या होगा

Research on Vaccine: नई रिसर्च के मुताबिक अगर वैक्सीन की बूस्टर डोज उसी बाजू में ली जाए जिसमें पहली डोज लगी थी तो शरीर जल्दी और ज्यादा मजबूत इम्यूनिटी बनाता है. इससे शरीर जल्दी सुरक्षा तैयार करता है. सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह खोज वैक्सीन की रणनीति को बेहतर बना सकती है और हो सकता है कि भविष्य में कम बूस्टर डोज की जरूरत पड़े. यह रिसर्च ऑस्ट्रेलिया की गार्वन इंस्टीट्यूट और किर्बी इंस्टीट्यूट (यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स) ने मिलकर किया है. रिसर्च में क्या पाया गया? 'सेल' जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में पाया गया कि जब दोनों डोज एक ही बाजू में दी जाती हैं, तो शरीर की रोगों से लड़ने वाली सेल्स (जो पास के लिम्फ नोड्स में होती हैं) पहले से तैयार रहती हैं. दूसरी डोज वहीं देने से ये सेल्स तुरंत सक्रिय हो जाती हैं और तेजी से ताकतवर एंटीबॉडीज बनाती हैं. शोधकर्ताओं ने सबसे पहले चूहों में यह असर देखा. फिर उन्होंने 30 लोगों पर एक रिसर्च किया, जिन्हें फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन लगी थी. इस रिसर्च में उन्होंने पाया कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराक एक ही बाजू में लगवाई थीं, उनमें तेजी से और ज्यादा सुरक्षा बनी, खासकर डेल्टा और ओमिक्रॉन जैसे कोविड-19 के अलग-अलग वैरिएंट्स से. दोनों बाजू में वैक्सीन ली है तो घबराने की जरूरत नहीं गार्वन इंस्टीट्यूट में प्रिसिजन इम्यूनोलॉजी प्रोग्राम के निदेशक ट्राई फैन ने कहा कि यह हमारी इम्यूनिटी के काम करने के तरीके की एक अहम खोज है. हालांकि चार हफ्तों बाद दोनों ही समूहों में एंटीबॉडी का स्तर लगभग बराबर था, लेकिन एक ही बाजू में डोज लेने वालों को पहले सुरक्षा मिली जो महामारी के समय में बहुत मायने रखती है. स्टडी की एक अन्य लेखिका मी लिंग मुनियर ने कहा कि अगर किसी ने दोनों बाजू में वैक्सीन ली है तो घबराने की जरूरत नहीं, समय के साथ सुरक्षा में फर्क कम हो जाता है. लेकिन महामारी के समय में कुछ दिन भी काफी अहम हो सकते हैं. यह भी पढ़ें - Pakistan PPP MP: बिलावल भुट्टो के बाद उनके MP की निकलने लगी आवाज! कहा- 'बाबरी मस्जिद की पहली ईंट रखेगी PAK Army'

Apr 30, 2025 - 16:30
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वैक्सीन को लेकर रिसर्च में बड़ा खुलासा, वैज्ञानिकों ने बताया टीकों को एक ही बाजू में लगाने से क्या होगा

Research on Vaccine: नई रिसर्च के मुताबिक अगर वैक्सीन की बूस्टर डोज उसी बाजू में ली जाए जिसमें पहली डोज लगी थी तो शरीर जल्दी और ज्यादा मजबूत इम्यूनिटी बनाता है. इससे शरीर जल्दी सुरक्षा तैयार करता है. सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह खोज वैक्सीन की रणनीति को बेहतर बना सकती है और हो सकता है कि भविष्य में कम बूस्टर डोज की जरूरत पड़े. यह रिसर्च ऑस्ट्रेलिया की गार्वन इंस्टीट्यूट और किर्बी इंस्टीट्यूट (यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स) ने मिलकर किया है.

रिसर्च में क्या पाया गया?

'सेल' जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में पाया गया कि जब दोनों डोज एक ही बाजू में दी जाती हैं, तो शरीर की रोगों से लड़ने वाली सेल्स (जो पास के लिम्फ नोड्स में होती हैं) पहले से तैयार रहती हैं. दूसरी डोज वहीं देने से ये सेल्स तुरंत सक्रिय हो जाती हैं और तेजी से ताकतवर एंटीबॉडीज बनाती हैं.

शोधकर्ताओं ने सबसे पहले चूहों में यह असर देखा. फिर उन्होंने 30 लोगों पर एक रिसर्च किया, जिन्हें फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन लगी थी. इस रिसर्च में उन्होंने पाया कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराक एक ही बाजू में लगवाई थीं, उनमें तेजी से और ज्यादा सुरक्षा बनी, खासकर डेल्टा और ओमिक्रॉन जैसे कोविड-19 के अलग-अलग वैरिएंट्स से.

दोनों बाजू में वैक्सीन ली है तो घबराने की जरूरत नहीं

गार्वन इंस्टीट्यूट में प्रिसिजन इम्यूनोलॉजी प्रोग्राम के निदेशक ट्राई फैन ने कहा कि यह हमारी इम्यूनिटी के काम करने के तरीके की एक अहम खोज है. हालांकि चार हफ्तों बाद दोनों ही समूहों में एंटीबॉडी का स्तर लगभग बराबर था, लेकिन एक ही बाजू में डोज लेने वालों को पहले सुरक्षा मिली जो महामारी के समय में बहुत मायने रखती है.

स्टडी की एक अन्य लेखिका मी लिंग मुनियर ने कहा कि अगर किसी ने दोनों बाजू में वैक्सीन ली है तो घबराने की जरूरत नहीं, समय के साथ सुरक्षा में फर्क कम हो जाता है. लेकिन महामारी के समय में कुछ दिन भी काफी अहम हो सकते हैं.

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Pakistan PPP MP: बिलावल भुट्टो के बाद उनके MP की निकलने लगी आवाज! कहा- 'बाबरी मस्जिद की पहली ईंट रखेगी PAK Army'

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