लखीमपुर खीरी कांड: सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा पर धमकाने का आरोप लगाने वाले किसान की शिकायत की जांच के लिए कहा, लखनऊ के एसपी से मांगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस से लखीमपुर खीरी केस के आरोपी आशीष मिश्रा पर एक किसान की शिकायत की जांच के लिए कहा है. यूपी पुलिस ने बताया था कि शिकायतकर्ता बलजिंदर सिंह को लखनऊ के एसपी ने कई बार बयान लेने के लिए बुलाया. लेकिन वह नहीं आए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई पुलिस अधिकारी उनके घर जाकर पुष्टि करे कि शिकायत उन्होंने भेजी है या नहीं. वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि ज़मानत पर चल रहे आरोपी की तरफ से धमकी दिए जाने की शिकायत पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. इस पर यूपी की एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने कहा कि शिकायत के प्रामाणिक होने की पुष्टि नहीं हो पाई है. जिस व्यक्ति के नाम से शिकायत मिली है, वह अपना बयान दर्ज करवाने नहीं आ रहा.  आशीष मिश्रा के लिए पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने आरोप लगाया कि एक प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नेता के इशारे पर यह शिकायत भेजी गई है. इसमें कोई तथ्य नहीं है. इसका मकसद सिर्फ उनके मुवक्किल को परेशान करना है. 3 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सूर्य कांत ने लखनऊ के एसपी को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता से संपर्क कर शिकायत की प्रमाणिकता की पुष्टि करें. प्रशांत भूषण ने निचली अदालत में चल रहे केस की तेज सुनवाई की मांग की. इस पर कोर्ट ने कहा कि मामले को सुन रहे जज 20 अगस्त को होने वाली सुनवाई में अधिक से अधिक गवाहों के बयान दर्ज करने की कोशिश करें. क्या है मामला?3 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आंदोलनकारी किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाए जाने की घटना हुई थी. इस घटना में और उसके बाद उग्र किसानों की तरफ से की गई आरोपियों की पिटाई में कुल 8 लोगों की जान गई थी. मामले का मुख्य आरोपी तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू है. 10 फरवरी, 2022 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आशीष को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. 18 अप्रैल, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया था. उसके बाद वह जेल में रहा. 25 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ उसकी रिहाई का आदेश दिया. जुलाई, 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत को नियमित ज़मानत में बदल दिया था. कोर्ट ने शर्त रखी थी कि वह दिल्ली या लखनऊ में रहे. इस साल 8 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ रियायत देते हुए कहा था कि वह सप्ताह में 1 दिन परिवार से मिलने लखीमपुर जा सकता है.

Aug 7, 2025 - 15:30
 0
लखीमपुर खीरी कांड: सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा पर धमकाने का आरोप लगाने वाले किसान की शिकायत की जांच के लिए कहा, लखनऊ के एसपी से मांगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस से लखीमपुर खीरी केस के आरोपी आशीष मिश्रा पर एक किसान की शिकायत की जांच के लिए कहा है. यूपी पुलिस ने बताया था कि शिकायतकर्ता बलजिंदर सिंह को लखनऊ के एसपी ने कई बार बयान लेने के लिए बुलाया. लेकिन वह नहीं आए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई पुलिस अधिकारी उनके घर जाकर पुष्टि करे कि शिकायत उन्होंने भेजी है या नहीं.

वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि ज़मानत पर चल रहे आरोपी की तरफ से धमकी दिए जाने की शिकायत पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. इस पर यूपी की एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने कहा कि शिकायत के प्रामाणिक होने की पुष्टि नहीं हो पाई है. जिस व्यक्ति के नाम से शिकायत मिली है, वह अपना बयान दर्ज करवाने नहीं आ रहा. 

आशीष मिश्रा के लिए पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने आरोप लगाया कि एक प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नेता के इशारे पर यह शिकायत भेजी गई है. इसमें कोई तथ्य नहीं है. इसका मकसद सिर्फ उनके मुवक्किल को परेशान करना है. 3 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सूर्य कांत ने लखनऊ के एसपी को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता से संपर्क कर शिकायत की प्रमाणिकता की पुष्टि करें.

प्रशांत भूषण ने निचली अदालत में चल रहे केस की तेज सुनवाई की मांग की. इस पर कोर्ट ने कहा कि मामले को सुन रहे जज 20 अगस्त को होने वाली सुनवाई में अधिक से अधिक गवाहों के बयान दर्ज करने की कोशिश करें.

क्या है मामला?
3 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आंदोलनकारी किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाए जाने की घटना हुई थी. इस घटना में और उसके बाद उग्र किसानों की तरफ से की गई आरोपियों की पिटाई में कुल 8 लोगों की जान गई थी. मामले का मुख्य आरोपी तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू है.

10 फरवरी, 2022 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आशीष को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. 18 अप्रैल, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया था. उसके बाद वह जेल में रहा. 25 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ उसकी रिहाई का आदेश दिया.

जुलाई, 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत को नियमित ज़मानत में बदल दिया था. कोर्ट ने शर्त रखी थी कि वह दिल्ली या लखनऊ में रहे. इस साल 8 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ रियायत देते हुए कहा था कि वह सप्ताह में 1 दिन परिवार से मिलने लखीमपुर जा सकता है.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow