लंदन या अमेरिका नहीं, इस देश में हैं जॉब लगने के सबसे अधिक चांसेज; वर्कफोर्स बढ़ाने की तैयारी में एम्प्लॉयर्स
इंसान को आमतौर पर लगता है कि कनाडा, अमेरिका या ब्रिटेन जैसे देशों में नौकरी की संभावनाएं अधिक हैं, लेकिन इन सभी को पीछे छोड़ते हुए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहले पायदान पर है. साल 2025 की तीसरी तिमाही में हायरिंग के मामले में दुनिया भर में पहले नंबर पर है. यहां का नेट एम्प्लॉयमेंट आउटलुक (NEO) +48 परसेंट है, जो ग्लोबल एवरेज +24 परसेंट से कहीं ज्यादा है. ये हैं UAE के टॉप हायरिंग वाले सेक्टर NEO एक सर्वे बेस्ड नंबर है, जिससे यह पता चलता है कि हायरिंग को लेकर एम्प्लॉयर्स के क्या इरादे हैं. इससे श्रम बाजार के रूझानों के बारे में पता लगता है कि मार्केट में नौकरी की कितनी संभावनाएं हैं. संयुक्त अरब अमीरात के 56 परसेंट एम्प्लॉयर्स को अपने वर्कफोर्स का दायरा बढ़ाने की उम्मीद है. केवल 8 परसेंट ही ऐसे हैं, जिन्हें कर्मचारियों की संख्या में कमी आने की संभावनाएं नजर आती हैं. यहां के टॉप हायरिंग सेक्टर्स में ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स और ऑटोमेटिव (+64 परसेंट), कन्ज्यूमर गुड्स एंड सर्विसेज (+60 परसेंट), एनर्जी और यूटिलिटीज (+62 परसेंट) शामिल हैं. ये सभी वैश्विक मानदंडों से कहीं ऊपर हैं. हायरिंग के मामले में टॉप पर यूएई यहां के एम्प्लॉयर्स बढ़ती महंगाई के साथ कई तरह की सुविधाएं दे रहे हैं जैसे कि तरह-तरह के भत्ते, परफॉर्मेंस बोनस, काम करने के लिए हाइब्रिड या रिमोट ऑप्शन वगैरह. इन्हें देखते हुए ग्लोबल जॉब मार्केट में यूएई 2025 की तीसरी तिमाही में नौकरी चाहने वालों के लिए दुनिया के सबसे आशाजनक गंतव्य के रूप में उभरा है. मैनपावरग्रुप के हालिया एम्प्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे के मुताबिक, यूएई ने रिकॉर्ड तोड़ नेट एम्प्लॉयमेंट आउटलुक (NEO) +48 परसेंट दर्ज किया है. इससे यह दुनियाभर में हायरिंग के मामले में टॉप रैंकिंग वाला देश बन गया है. आधे से अधिक एम्प्लॉयर्स खासतौर पर लॉजिस्टिक्स, कन्ज्यूमर गुड्स और एनर्जी जैसे सेक्टर्स में अपना वर्कफोर्स बढ़ाने का प्लान बना रहे हैं. प्रोफेश्नल ग्रोथ, टैलेंट अट्रैक्शन और इकोनॉमिक फ्लेक्सिबिटी के बलबूते यूएई एक हब के रूप में अपनी जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है. ये भी पढ़ें: TCS के शेयरों में आई बड़ी गिरावट, अब छंटनी पर कंपनी के CEO ने दिया अपना बयान

इंसान को आमतौर पर लगता है कि कनाडा, अमेरिका या ब्रिटेन जैसे देशों में नौकरी की संभावनाएं अधिक हैं, लेकिन इन सभी को पीछे छोड़ते हुए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहले पायदान पर है. साल 2025 की तीसरी तिमाही में हायरिंग के मामले में दुनिया भर में पहले नंबर पर है. यहां का नेट एम्प्लॉयमेंट आउटलुक (NEO) +48 परसेंट है, जो ग्लोबल एवरेज +24 परसेंट से कहीं ज्यादा है.
ये हैं UAE के टॉप हायरिंग वाले सेक्टर
NEO एक सर्वे बेस्ड नंबर है, जिससे यह पता चलता है कि हायरिंग को लेकर एम्प्लॉयर्स के क्या इरादे हैं. इससे श्रम बाजार के रूझानों के बारे में पता लगता है कि मार्केट में नौकरी की कितनी संभावनाएं हैं.
संयुक्त अरब अमीरात के 56 परसेंट एम्प्लॉयर्स को अपने वर्कफोर्स का दायरा बढ़ाने की उम्मीद है. केवल 8 परसेंट ही ऐसे हैं, जिन्हें कर्मचारियों की संख्या में कमी आने की संभावनाएं नजर आती हैं. यहां के टॉप हायरिंग सेक्टर्स में ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स और ऑटोमेटिव (+64 परसेंट), कन्ज्यूमर गुड्स एंड सर्विसेज (+60 परसेंट), एनर्जी और यूटिलिटीज (+62 परसेंट) शामिल हैं. ये सभी वैश्विक मानदंडों से कहीं ऊपर हैं.
हायरिंग के मामले में टॉप पर यूएई
यहां के एम्प्लॉयर्स बढ़ती महंगाई के साथ कई तरह की सुविधाएं दे रहे हैं जैसे कि तरह-तरह के भत्ते, परफॉर्मेंस बोनस, काम करने के लिए हाइब्रिड या रिमोट ऑप्शन वगैरह. इन्हें देखते हुए ग्लोबल जॉब मार्केट में यूएई 2025 की तीसरी तिमाही में नौकरी चाहने वालों के लिए दुनिया के सबसे आशाजनक गंतव्य के रूप में उभरा है.
मैनपावरग्रुप के हालिया एम्प्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे के मुताबिक, यूएई ने रिकॉर्ड तोड़ नेट एम्प्लॉयमेंट आउटलुक (NEO) +48 परसेंट दर्ज किया है. इससे यह दुनियाभर में हायरिंग के मामले में टॉप रैंकिंग वाला देश बन गया है. आधे से अधिक एम्प्लॉयर्स खासतौर पर लॉजिस्टिक्स, कन्ज्यूमर गुड्स और एनर्जी जैसे सेक्टर्स में अपना वर्कफोर्स बढ़ाने का प्लान बना रहे हैं. प्रोफेश्नल ग्रोथ, टैलेंट अट्रैक्शन और इकोनॉमिक फ्लेक्सिबिटी के बलबूते यूएई एक हब के रूप में अपनी जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है.
ये भी पढ़ें:
TCS के शेयरों में आई बड़ी गिरावट, अब छंटनी पर कंपनी के CEO ने दिया अपना बयान
What's Your Reaction?






