रूस से कच्चे तेल की खरीद रहेगी जारी, अमेरिकी टैरिफ की धमकी के बीच इंडियन ऑयल ने लिया फैसला

Indian Oil: सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC), जिसे इंडियन ऑयल के नाम से भी जाना जाता है, ने एक बड़ा फैसला लिया है. कंपनी ने सोमवार को कहा कि कंपनी चालू तिमाही में भी रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगी. कंपनी ने बताया कि यह कंपनी की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा. हालांकि, कंपनी ने यह भी बताया कि रूसी बैरल पर छूट काफी कम होकर केवल 1.5-2 डॉलर प्रति बैरल रह गई है.  ट्रंप पहले ही दे चुके हैं यह धमकी कंपनी ने यह फैसला एक ऐसे वक्त पर लिया है, जब भारत पर अमेरिकी टैरिफ का खतरा मंडरा रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही यह कह चुके हैं कि अगर भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखा, तो उसे 25 परसेंट अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. बता दें कि कारोबारी साल 2026 की पहली तिमाही में रूसी तेल का हिस्सा IOCL के आयात का 24 परसेंट था, जो 2025 में 22 परसेंट था. कंपनी ने कहा, पिछले साल हमने रूस से लगभग 22 परसेंट कच्चे तेल का आयात किया था. वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में यह लगभग 24 परसेंट था. इस तिमाही में हम अपनी आर्थिक स्थिति के आधार पर रूसी कच्चे तेल की खरीदारी जारी रखेंगे.  रिफाइनिंग कैपेसिटी को बढ़ा रही कंपनी  FY26 में इंडियन ऑयल ने अपने कारोबार पर 34,000 करोड़ खर्च करने का प्लान बनाया है. इनमें से 14,000-15,000 करोड़ रिफाइनरी के संचालन पर और 15,000-16,000 करोड़ पेट्रोकेमिकल्स, मार्केटिंग, पाइपलाइनों और शहरों में गैस डिस्ट्रीब्यूशन पर खर्च किए जाएंगे. कंपनी कई प्रोजेक्ट्स के जरिए अपनी रिफाइनिंग कैपेसिटी को बढ़ा रही है. पानीपत में इसकी रिफाइनरी का दायरा भी बढ़ रहा है, जिसे सालाना 15 मिलियन मीट्रिक टन  (MMTPA) से 25 मिलियन मीट्रिक टन तक करने की कोशिश की जारी है. इसके साल के अंत तक चालू होने की उम्मीद है. इस बीच, बिहार में बरौनी में भी रिफाइनरी का दायरा बढ़ाया जाएगा. इसकी क्षमता 6 MMTPA से 9 MMTPA की जाएगी. साथ ही गुजरात में कोयली रिफाइनरी का भी विस्तार 13.7 MMTPA से 18 MMTPA कर दिया जाएगा.  ट्रंप नहीं चाहते रूस से तेल खरीदे भारत ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर कहा था, "भारत न सिर्फ भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए ज्यादातर तेल को खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच भी रहा है. उसे इस बात की कोई परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूस के हमले में कितने लोगों की मौतें हो रही हैं." इसी के साथ ट्रंप ने भारत को रूस से तेल की खरीद पर 25 परसेंट अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी भी दी थी. अगर ट्रंप ने वाकई में भारत पर 25 परसेंट एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया, तो भारत पर कुल टैरिफ बढ़कर 50 परसेंट हो जाएगा.  हालांकि, हाल ही में ट्रंप ने यह भी कहा कि वह फिलहाल रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर विचार नहीं कर रहे हैं. इस बारे में सोचने पर उन्हें दो-तीन हफ्ते चाहिए. भारत पर रूस से तेल की खरीद पर 25 परसेंट टैरिफ लगाने की बात पर ट्रंप ने कहा कि रूस ने एक बड़ा ग्राहक खो दिया.   ये भी पढ़ें:  कंपनियों की छंटनी और ट्रंप टैरिफ की मार के बीच भारत के लिए राहत, बेचैन होगा चीन-अमेरिका

Aug 19, 2025 - 13:30
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रूस से कच्चे तेल की खरीद रहेगी जारी, अमेरिकी टैरिफ की धमकी के बीच इंडियन ऑयल ने लिया फैसला

Indian Oil: सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC), जिसे इंडियन ऑयल के नाम से भी जाना जाता है, ने एक बड़ा फैसला लिया है. कंपनी ने सोमवार को कहा कि कंपनी चालू तिमाही में भी रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगी. कंपनी ने बताया कि यह कंपनी की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा. हालांकि, कंपनी ने यह भी बताया कि रूसी बैरल पर छूट काफी कम होकर केवल 1.5-2 डॉलर प्रति बैरल रह गई है. 

ट्रंप पहले ही दे चुके हैं यह धमकी

कंपनी ने यह फैसला एक ऐसे वक्त पर लिया है, जब भारत पर अमेरिकी टैरिफ का खतरा मंडरा रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही यह कह चुके हैं कि अगर भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखा, तो उसे 25 परसेंट अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.

बता दें कि कारोबारी साल 2026 की पहली तिमाही में रूसी तेल का हिस्सा IOCL के आयात का 24 परसेंट था, जो 2025 में 22 परसेंट था. कंपनी ने कहा, पिछले साल हमने रूस से लगभग 22 परसेंट कच्चे तेल का आयात किया था. वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में यह लगभग 24 परसेंट था. इस तिमाही में हम अपनी आर्थिक स्थिति के आधार पर रूसी कच्चे तेल की खरीदारी जारी रखेंगे. 

रिफाइनिंग कैपेसिटी को बढ़ा रही कंपनी 

FY26 में इंडियन ऑयल ने अपने कारोबार पर 34,000 करोड़ खर्च करने का प्लान बनाया है. इनमें से 14,000-15,000 करोड़ रिफाइनरी के संचालन पर और 15,000-16,000 करोड़ पेट्रोकेमिकल्स, मार्केटिंग, पाइपलाइनों और शहरों में गैस डिस्ट्रीब्यूशन पर खर्च किए जाएंगे. कंपनी कई प्रोजेक्ट्स के जरिए अपनी रिफाइनिंग कैपेसिटी को बढ़ा रही है.

पानीपत में इसकी रिफाइनरी का दायरा भी बढ़ रहा है, जिसे सालाना 15 मिलियन मीट्रिक टन  (MMTPA) से 25 मिलियन मीट्रिक टन तक करने की कोशिश की जारी है. इसके साल के अंत तक चालू होने की उम्मीद है. इस बीच, बिहार में बरौनी में भी रिफाइनरी का दायरा बढ़ाया जाएगा. इसकी क्षमता 6 MMTPA से 9 MMTPA की जाएगी. साथ ही गुजरात में कोयली रिफाइनरी का भी विस्तार 13.7 MMTPA से 18 MMTPA कर दिया जाएगा. 

ट्रंप नहीं चाहते रूस से तेल खरीदे भारत

ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर कहा था, "भारत न सिर्फ भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए ज्यादातर तेल को खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच भी रहा है. उसे इस बात की कोई परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूस के हमले में कितने लोगों की मौतें हो रही हैं." इसी के साथ ट्रंप ने भारत को रूस से तेल की खरीद पर 25 परसेंट अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी भी दी थी. अगर ट्रंप ने वाकई में भारत पर 25 परसेंट एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया, तो भारत पर कुल टैरिफ बढ़कर 50 परसेंट हो जाएगा. 

हालांकि, हाल ही में ट्रंप ने यह भी कहा कि वह फिलहाल रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर विचार नहीं कर रहे हैं. इस बारे में सोचने पर उन्हें दो-तीन हफ्ते चाहिए. भारत पर रूस से तेल की खरीद पर 25 परसेंट टैरिफ लगाने की बात पर ट्रंप ने कहा कि रूस ने एक बड़ा ग्राहक खो दिया.  

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कंपनियों की छंटनी और ट्रंप टैरिफ की मार के बीच भारत के लिए राहत, बेचैन होगा चीन-अमेरिका

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