रिस्टार्ट करने के बाद भी फोन हो रहा है हैंग? 90% लोग नहीं जानते इसका सबसे आसान इलाज!
आज के दौर में स्मार्टफोन हर किसी की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. सुबह की शुरुआत अलार्म से लेकर रात को सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करने तक, हम पूरा दिन अपने फोन के साथ बिताते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लगातार इस्तेमाल करने से आपका फोन थक भी सकता है? ज्यादातर लोग जब फोन स्लो चलने लगता है या बार-बार हैंग होता है, तो या तो गुस्से में नया फोन खरीदने का सोचने लगते हैं या फिर सर्विस सेंटर के चक्कर लगाने लगते हैं. लेकिन क्या वाकई इसकी जरूरत है? असल में, फोन की खराब परफॉर्मेंस की एक वजह हमारी एक आम लेकिन अनदेखी की जाने वाली आदत होती है, फोन को लंबे समय तक बिना रीस्टार्ट किए चलाना. क्यों जरूरी है फोन को रीस्टार्ट करना? फोन भी एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है और इसे भी समय-समय पर 'ब्रेक' की जरूरत होती है. लगातार ऐप्स का इस्तेमाल, बैकग्राउंड में चल रही प्रोसेसेज और भारी गेम्स या वीडियो कॉलिंग जैसी एक्टिविटीज फोन को थका देती हैं. अगर आप फोन को कभी-कभार रीस्टार्ट करते हैं, तो ये इन सभी टेम्पररी प्रोसेसेज़ को बंद करके डिवाइस को फिर से 'फ्रेश' मोड में ले आता है. कितने दिन बाद करें रीस्टार्ट? सवाल यही है कि आखिर कितने समय बाद हमें अपने स्मार्टफोन को रीस्टार्ट करना चाहिए? टेक एक्सपर्ट्स की मानें तो हफ्ते में कम से कम एक बार फोन को रीस्टार्ट करना चाहिए. अगर आपका फोन थोड़ा पुराना है या आप हैवी यूज़र हैं (जैसे बहुत सारे ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं), तो हफ्ते में दो बार भी फोन को रीस्टार्ट करना एक अच्छा आइडिया हो सकता है. रीस्टार्ट करने से क्या-क्या फायदे होते हैं? फोन की स्पीड बढ़ती है हैंग या फ्रीज़ होने की समस्या कम होती है बैटरी की परफॉर्मेंस बेहतर होती है ऐप्स क्रैश होने की दिक्कत घटती है फोन गर्म होने की शिकायत कम होती है तो अगली बार जब आपका फोन धीमा लगे तो सीधे उसे दोष देने से पहले एक बार खुद से सवाल कीजिए. 'आखिरी बार मैंने इस फोन को कब रीस्टार्ट किया था? शायद यही छोटा-सा कदम आपके फोन की बड़ी परेशानियों का हल बन जाए.

आज के दौर में स्मार्टफोन हर किसी की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. सुबह की शुरुआत अलार्म से लेकर रात को सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करने तक, हम पूरा दिन अपने फोन के साथ बिताते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लगातार इस्तेमाल करने से आपका फोन थक भी सकता है?
ज्यादातर लोग जब फोन स्लो चलने लगता है या बार-बार हैंग होता है, तो या तो गुस्से में नया फोन खरीदने का सोचने लगते हैं या फिर सर्विस सेंटर के चक्कर लगाने लगते हैं. लेकिन क्या वाकई इसकी जरूरत है? असल में, फोन की खराब परफॉर्मेंस की एक वजह हमारी एक आम लेकिन अनदेखी की जाने वाली आदत होती है, फोन को लंबे समय तक बिना रीस्टार्ट किए चलाना.
क्यों जरूरी है फोन को रीस्टार्ट करना?
फोन भी एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है और इसे भी समय-समय पर 'ब्रेक' की जरूरत होती है. लगातार ऐप्स का इस्तेमाल, बैकग्राउंड में चल रही प्रोसेसेज और भारी गेम्स या वीडियो कॉलिंग जैसी एक्टिविटीज फोन को थका देती हैं. अगर आप फोन को कभी-कभार रीस्टार्ट करते हैं, तो ये इन सभी टेम्पररी प्रोसेसेज़ को बंद करके डिवाइस को फिर से 'फ्रेश' मोड में ले आता है.
कितने दिन बाद करें रीस्टार्ट?
सवाल यही है कि आखिर कितने समय बाद हमें अपने स्मार्टफोन को रीस्टार्ट करना चाहिए? टेक एक्सपर्ट्स की मानें तो हफ्ते में कम से कम एक बार फोन को रीस्टार्ट करना चाहिए. अगर आपका फोन थोड़ा पुराना है या आप हैवी यूज़र हैं (जैसे बहुत सारे ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं), तो हफ्ते में दो बार भी फोन को रीस्टार्ट करना एक अच्छा आइडिया हो सकता है.
रीस्टार्ट करने से क्या-क्या फायदे होते हैं?
- फोन की स्पीड बढ़ती है
- हैंग या फ्रीज़ होने की समस्या कम होती है
- बैटरी की परफॉर्मेंस बेहतर होती है
- ऐप्स क्रैश होने की दिक्कत घटती है
- फोन गर्म होने की शिकायत कम होती है
तो अगली बार जब आपका फोन धीमा लगे तो सीधे उसे दोष देने से पहले एक बार खुद से सवाल कीजिए. 'आखिरी बार मैंने इस फोन को कब रीस्टार्ट किया था? शायद यही छोटा-सा कदम आपके फोन की बड़ी परेशानियों का हल बन जाए.
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