राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर भड़के अविमुक्तेश्ववरानंद सरस्वती, 'हमें बताएं, शंकराचार्य हम किस लिए, हमारे धर्म में...'

Shankaracharya Avimukteshwaranand Remark On Ram Mandir: अयोध्या राम जन्मभूमि में दूसरी प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो चुका है. यह ऐतिहासिक कार्यक्रम 3 जून से 5 जून 2025 तक चलने वाला है. मुख्य प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 3 जून सुबह 6:30 बजे से शुरू हो चुका है. आठ नवनिर्मित देवालयों में विग्रहों (देवताओं की मूर्तियों) को वैदिक परंपराओं के अनुसार स्थापित किया जाने वाला है. राम दरबार की मूर्तियों की मुख्य पूजा 5 जून को सुबह 11.25 बजे के बाद अभिजीत मुहूर्त में होगी. इस मुद्दे पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा तो हो चुकी है. अब क्या ? इसका मतलब है कि पहली प्रतिष्ठा गलत थी. अब शिखर बनने के बाद प्रतिष्ठा हो रही है. आपने जो कुछ भी किया वो गलत था, फिर से वहां जो शिखर प्रतिष्ठा आदि कार्यक्रम होंगे वो इस बात को प्रमाणित करेंगे कि पहले जो प्रतिष्ठा हुई वो धर्म - शास्त्र के विरुद्ध थी, हिंदू धर्म के विरुद्ध थी.  शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की तीखे सवालशंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष सरकारों का धार्मिक जगहों में क्या काम है. आप हिंदू धर्म के धर्म स्थलों पर ही हस्तक्षेप क्यों करते हैं. हमारे हिन्दू धर्म के धार्मिक स्थान में आने की क्या जरूरत है. आप किसी दूसरे धर्म पर ऐसा क्यों नहीं करते हैं. आप हमारे मंदिरों के साथ कॉरिडोर शब्द क्यों जोड़ रहे हैं. कॉरिडोर अंग्रेजी का शब्द है. हमारे धर्म में सरकार हस्तक्षेप कर रही है, जिसका विरोध हम कर रहे हैं. अगर कुछ ठीक करना है तो आप हमें बताइए हम क्यों शंकराचार्य बने हैं. जिन जगहो पर सरकारों ने ट्रस्ट बनवाया है, वहां क्या हो रहा है. जिन -जिन धार्मिक स्थलों को सरकार ने अपने हाथों में लिया है वहां आपने धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाई है और हिन्दू धर्म के विरुद्ध  काम होता है. हम ये नहीं चाहते हैं कि बांके बिहारी में सरकार कोई ट्रस्ट बनाए.

Jun 4, 2025 - 10:30
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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर भड़के अविमुक्तेश्ववरानंद सरस्वती, 'हमें बताएं, शंकराचार्य हम किस लिए, हमारे धर्म में...'

Shankaracharya Avimukteshwaranand Remark On Ram Mandir: अयोध्या राम जन्मभूमि में दूसरी प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो चुका है. यह ऐतिहासिक कार्यक्रम 3 जून से 5 जून 2025 तक चलने वाला है. मुख्य प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 3 जून सुबह 6:30 बजे से शुरू हो चुका है. आठ नवनिर्मित देवालयों में विग्रहों (देवताओं की मूर्तियों) को वैदिक परंपराओं के अनुसार स्थापित किया जाने वाला है. राम दरबार की मूर्तियों की मुख्य पूजा 5 जून को सुबह 11.25 बजे के बाद अभिजीत मुहूर्त में होगी.

इस मुद्दे पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा तो हो चुकी है. अब क्या ? इसका मतलब है कि पहली प्रतिष्ठा गलत थी. अब शिखर बनने के बाद प्रतिष्ठा हो रही है. आपने जो कुछ भी किया वो गलत था, फिर से वहां जो शिखर प्रतिष्ठा आदि कार्यक्रम होंगे वो इस बात को प्रमाणित करेंगे कि पहले जो प्रतिष्ठा हुई वो धर्म - शास्त्र के विरुद्ध थी, हिंदू धर्म के विरुद्ध थी. 

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की तीखे सवाल
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष सरकारों का धार्मिक जगहों में क्या काम है. आप हिंदू धर्म के धर्म स्थलों पर ही हस्तक्षेप क्यों करते हैं. हमारे हिन्दू धर्म के धार्मिक स्थान में आने की क्या जरूरत है. आप किसी दूसरे धर्म पर ऐसा क्यों नहीं करते हैं. आप हमारे मंदिरों के साथ कॉरिडोर शब्द क्यों जोड़ रहे हैं. कॉरिडोर अंग्रेजी का शब्द है. हमारे धर्म में सरकार हस्तक्षेप कर रही है, जिसका विरोध हम कर रहे हैं. अगर कुछ ठीक करना है तो आप हमें बताइए हम क्यों शंकराचार्य बने हैं. जिन जगहो पर सरकारों ने ट्रस्ट बनवाया है, वहां क्या हो रहा है. जिन -जिन धार्मिक स्थलों को सरकार ने अपने हाथों में लिया है वहां आपने धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाई है और हिन्दू धर्म के विरुद्ध  काम होता है. हम ये नहीं चाहते हैं कि बांके बिहारी में सरकार कोई ट्रस्ट बनाए.

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