यूरोप की समस्या, पूरी दुनिया की समस्या, लेकिन... EU ने पहलगाम हमले पर कही ऐसी बात, याद आया एस जयशंकर का बयान!

EU stand on Pahalgam Terror Attack : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को यूरोपियन यूनियन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की. जिसके बाद से एक्सपर्ट्स और सोशल मीडिया ने यूरोपियन यूनियन पर दोहरे मापदंड अपनाने को लेकर आचोलना की है. दरअसल, यह आलोचना इसलिए की जा रही है क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के वक्त यूरोपियन यूनियन का रुख बिल्कुल ही अलग था. यूरोपियन यूनियन की एक टॉप राजनीतिक काजा कालास ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की, जिसके बाद कई एक्सपर्ट्स ने EU की इस मामलेसक से दूरी बनाने की नीति की आलोचना की. वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स ने तो इस मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की साल 2022 में की टिप्प्णी तक की याद दिला दी. जिसमें उन्होंने यूरोप की समस्याओं की बात को लेकर एक टिप्पणी की थी. EU के टॉप राजनयिक ने भारत-पाक को दी सलाह पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद EU की टॉप राजनयिक काजा कालास ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार से शुक्रवार (2 मई) को अलग-अलग बात की. इसके बाद काजा कालास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे लेकर  एक पोस्ट किया. अपने पोस्ट में काजा कालास ने कहा, “स्थिति में तनाव बढ़ाने से किसी का भला नहीं होगा.” हालांकि उन्होंने सीमा पार पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करने की भूमिका को लेकर एक बार कुछ नहीं कहा, जिससे भारत दशकों से पीड़ित रहा है. कालास यूरोपियन यूनियन की विदेश मामलों की उच्च प्रतिनिधि है. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, “मैंने दोनो पक्षों से संयम बरतने की अपील की है और इस स्थिति के निपटाने के लिए बातचीत करने की अपील करती हूं. तनाव की किसी का भला नहीं होगा.” Rising tensions between India and Pakistan are alarming. I urge both sides to show restraint and pursue dialogue to ease the situation. Escalation helps no one. I spoke to both @DrSJaishankar and @MIshaqDar50 today to convey these messages. — Kaja Kallas (@kajakallas) May 2, 2025 हालांकि, काजा कालास की इस टिप्पणी के बाद विदेश मामलों के कई एक्सपर्ट्स और सोशल मीडिया के एक सेक्शन ने उनके दोहरे मापदंड की ओर इशारा करते हुए रूस-यूक्रेन को लेकर किए गए उनके पुराने पोस्ट को दिखाया, जिसमें कालास ने कहा था, “रक्षा करने को उकसाना नहीं कहा जाता है और हमलावर को रोकना भी जरूरी है.” एक्सपर्ट्स ने यूरोपीय यूनियन की आलोचना की इस स्थिति पर यूरोपियन यूनियन की आलोचना करते हुए विदेश नीति के एक्सपर्ट ने एक्स पर लिखा, “अधिकांश भारतीयों को यूरोप के ऐतिहासिक रुख को देखते हुए शायद ही कोई उम्मीद होगी कि EU पाकिस्तान के खिलाफ कुछ भी करेगा, क्योंकि EU पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेंडिग पार्टनर है और उन दोनों के बीच सालों से करीबी संबंध बने हुए हैं.” जयशंकर ने यूरोप को लेकर की थी टिप्पणी वहीं, कुछ लोगों ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की साल 2022 में यूरोप को लेकर उस टिप्पणी को भी याद कराया, जिसमें ब्रैटिस्लावा के एक कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा था, “यूरोप को अपनी उस मानसिकता से बाहर निकलना होगा, जिसमें उसे लगता है कि यूरोप की समस्या पूरी दुनिया की समस्या है, लेकिन पूरी दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्या नहीं है.” यह भी पढ़ेंः पहले दे रहे थे परमाणु हमले की धमकी, जब भारत ने दिखाए तेवर तो सहम गए पाकिस्तानी नेता, पूर्व मंत्री बोलीं- 'इंशाल्लाह हम जंग नहीं चाहते'

May 3, 2025 - 18:30
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यूरोप की समस्या, पूरी दुनिया की समस्या, लेकिन... EU ने पहलगाम हमले पर कही ऐसी बात, याद आया एस जयशंकर का बयान!

EU stand on Pahalgam Terror Attack : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को यूरोपियन यूनियन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की. जिसके बाद से एक्सपर्ट्स और सोशल मीडिया ने यूरोपियन यूनियन पर दोहरे मापदंड अपनाने को लेकर आचोलना की है. दरअसल, यह आलोचना इसलिए की जा रही है क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के वक्त यूरोपियन यूनियन का रुख बिल्कुल ही अलग था.

यूरोपियन यूनियन की एक टॉप राजनीतिक काजा कालास ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की, जिसके बाद कई एक्सपर्ट्स ने EU की इस मामलेसक से दूरी बनाने की नीति की आलोचना की. वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स ने तो इस मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की साल 2022 में की टिप्प्णी तक की याद दिला दी. जिसमें उन्होंने यूरोप की समस्याओं की बात को लेकर एक टिप्पणी की थी.

EU के टॉप राजनयिक ने भारत-पाक को दी सलाह

पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद EU की टॉप राजनयिक काजा कालास ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार से शुक्रवार (2 मई) को अलग-अलग बात की. इसके बाद काजा कालास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे लेकर  एक पोस्ट किया. अपने पोस्ट में काजा कालास ने कहा, “स्थिति में तनाव बढ़ाने से किसी का भला नहीं होगा.” हालांकि उन्होंने सीमा पार पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करने की भूमिका को लेकर एक बार कुछ नहीं कहा, जिससे भारत दशकों से पीड़ित रहा है.

कालास यूरोपियन यूनियन की विदेश मामलों की उच्च प्रतिनिधि है. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, “मैंने दोनो पक्षों से संयम बरतने की अपील की है और इस स्थिति के निपटाने के लिए बातचीत करने की अपील करती हूं. तनाव की किसी का भला नहीं होगा.”

हालांकि, काजा कालास की इस टिप्पणी के बाद विदेश मामलों के कई एक्सपर्ट्स और सोशल मीडिया के एक सेक्शन ने उनके दोहरे मापदंड की ओर इशारा करते हुए रूस-यूक्रेन को लेकर किए गए उनके पुराने पोस्ट को दिखाया, जिसमें कालास ने कहा था, “रक्षा करने को उकसाना नहीं कहा जाता है और हमलावर को रोकना भी जरूरी है.”

एक्सपर्ट्स ने यूरोपीय यूनियन की आलोचना की

इस स्थिति पर यूरोपियन यूनियन की आलोचना करते हुए विदेश नीति के एक्सपर्ट ने एक्स पर लिखा, “अधिकांश भारतीयों को यूरोप के ऐतिहासिक रुख को देखते हुए शायद ही कोई उम्मीद होगी कि EU पाकिस्तान के खिलाफ कुछ भी करेगा, क्योंकि EU पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेंडिग पार्टनर है और उन दोनों के बीच सालों से करीबी संबंध बने हुए हैं.”

जयशंकर ने यूरोप को लेकर की थी टिप्पणी

वहीं, कुछ लोगों ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की साल 2022 में यूरोप को लेकर उस टिप्पणी को भी याद कराया, जिसमें ब्रैटिस्लावा के एक कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा था, “यूरोप को अपनी उस मानसिकता से बाहर निकलना होगा, जिसमें उसे लगता है कि यूरोप की समस्या पूरी दुनिया की समस्या है, लेकिन पूरी दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्या नहीं है.”

यह भी पढ़ेंः पहले दे रहे थे परमाणु हमले की धमकी, जब भारत ने दिखाए तेवर तो सहम गए पाकिस्तानी नेता, पूर्व मंत्री बोलीं- 'इंशाल्लाह हम जंग नहीं चाहते'

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