मिसाइल, टैंक और बम नहीं, अब लेजर से लड़ी जाएगी जंग! जानिए कितनी एडवांस है ये तकनीक

Laser War: अब युद्ध सिर्फ मिसाइलों, टैंकों और बमों का खेल नहीं रहा. दुनिया के बड़े देश अब ऐसी तकनीकें विकसित कर रहे हैं जो दुश्मन को बिना धमाके के पल भर में खत्म कर सकती हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं लेजर हथियारों (Laser Weapons) की एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक जो युद्ध के मायनों को पूरी तरह बदलने वाली है. क्या है लेजर हथियार? लेजर यानी "Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation" यह एक उच्च ऊर्जा वाली प्रकाश किरण होती है जो जब किसी लक्ष्य पर फोकस की जाती है तो उसे बहुत तेजी से जला या नष्ट कर सकती है. आधुनिक लेजर हथियारों को इस तरह बनाया जा रहा है कि वे ड्रोन, मिसाइल, सैटेलाइट और यहां तक कि लड़ाकू विमानों को भी हवा में ही मार गिरा सकें. कितनी एडवांस है ये तकनीक? अमेरिका, रूस, चीन, इजरायल और अब भारत भी लेजर हथियारों के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहे हैं. अमेरिका की नौसेना ने पहले ही अपने कुछ जहाजों पर लेजर सिस्टम तैनात कर दिए हैं. इन हथियारों की खास बात यह है कि इन्हें बार-बार लोड करने की जरूरत नहीं होती, न ही बारूद चाहिए, बस बिजली चाहिए और दुश्मन का सफाया हो सकता है. भारतीय DRDO भी स्वदेशी लेजर हथियार "DIR-VIEW" और "ADITYA" जैसी प्रणालियों पर काम कर रहा है, जो आने वाले समय में भारत की सेना का बड़ा हथियार बन सकती हैं. कितना खतरनाक है यह? लेजर हथियारों की सबसे बड़ी ताकत इनकी गति है. ये प्रकाश की रफ्तार से चलते हैं यानी लक्ष्य तक पहुंचने में इन्हें लगभग कोई समय नहीं लगता. इसके अलावा, इनसे होने वाला हमला चुपचाप और बिना किसी विस्फोट के होता है न आवाज, न धुआं, न मलबा. ऐसे में दुश्मन को पता भी नहीं चलता और नुकसान हो जाता है. दूसरा पहलू ये है कि ये तकनीक बहुत सटीक है. यानी कोलैटरल डैमेज (गलती से किसी आम नागरिक को नुकसान) की संभावना बहुत कम होती है. क्या यह जंग को और भी भयानक बना देगा? बिल्कुल, जहां पहले एक मिसाइल को तैयार करने में लाखों का खर्च और समय लगता था, वहीं लेजर हथियारों को बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है. भविष्य में अगर ये हथियार आम हो गए तो युद्ध की गति और विनाश की क्षमता दोनों ही कई गुना बढ़ जाएंगी. दुश्मन के सैटेलाइट को अंतरिक्ष में ही नष्ट किया जा सकेगा, हाइपरसोनिक मिसाइलों को उड़ान में रोका जा सकेगा और ड्रोन्स की पूरी फौज को सेकेंडों में गिराया जा सकेगा. यह भी पढ़ें: अब रोते बच्चों की रातें खत्म! AI झूला सुलाएगा आपका लाडला, नई माओं को मिलेगी चैन की नींद

Jul 16, 2025 - 11:30
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मिसाइल, टैंक और बम नहीं, अब लेजर से लड़ी जाएगी जंग! जानिए कितनी एडवांस है ये तकनीक

Laser War: अब युद्ध सिर्फ मिसाइलों, टैंकों और बमों का खेल नहीं रहा. दुनिया के बड़े देश अब ऐसी तकनीकें विकसित कर रहे हैं जो दुश्मन को बिना धमाके के पल भर में खत्म कर सकती हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं लेजर हथियारों (Laser Weapons) की एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक जो युद्ध के मायनों को पूरी तरह बदलने वाली है.

क्या है लेजर हथियार?

लेजर यानी "Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation" यह एक उच्च ऊर्जा वाली प्रकाश किरण होती है जो जब किसी लक्ष्य पर फोकस की जाती है तो उसे बहुत तेजी से जला या नष्ट कर सकती है. आधुनिक लेजर हथियारों को इस तरह बनाया जा रहा है कि वे ड्रोन, मिसाइल, सैटेलाइट और यहां तक कि लड़ाकू विमानों को भी हवा में ही मार गिरा सकें.

कितनी एडवांस है ये तकनीक?

अमेरिका, रूस, चीन, इजरायल और अब भारत भी लेजर हथियारों के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहे हैं. अमेरिका की नौसेना ने पहले ही अपने कुछ जहाजों पर लेजर सिस्टम तैनात कर दिए हैं. इन हथियारों की खास बात यह है कि इन्हें बार-बार लोड करने की जरूरत नहीं होती, न ही बारूद चाहिए, बस बिजली चाहिए और दुश्मन का सफाया हो सकता है.

भारतीय DRDO भी स्वदेशी लेजर हथियार "DIR-VIEW" और "ADITYA" जैसी प्रणालियों पर काम कर रहा है, जो आने वाले समय में भारत की सेना का बड़ा हथियार बन सकती हैं.

कितना खतरनाक है यह?

लेजर हथियारों की सबसे बड़ी ताकत इनकी गति है. ये प्रकाश की रफ्तार से चलते हैं यानी लक्ष्य तक पहुंचने में इन्हें लगभग कोई समय नहीं लगता. इसके अलावा, इनसे होने वाला हमला चुपचाप और बिना किसी विस्फोट के होता है न आवाज, न धुआं, न मलबा. ऐसे में दुश्मन को पता भी नहीं चलता और नुकसान हो जाता है.

दूसरा पहलू ये है कि ये तकनीक बहुत सटीक है. यानी कोलैटरल डैमेज (गलती से किसी आम नागरिक को नुकसान) की संभावना बहुत कम होती है.

क्या यह जंग को और भी भयानक बना देगा?

बिल्कुल, जहां पहले एक मिसाइल को तैयार करने में लाखों का खर्च और समय लगता था, वहीं लेजर हथियारों को बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है. भविष्य में अगर ये हथियार आम हो गए तो युद्ध की गति और विनाश की क्षमता दोनों ही कई गुना बढ़ जाएंगी. दुश्मन के सैटेलाइट को अंतरिक्ष में ही नष्ट किया जा सकेगा, हाइपरसोनिक मिसाइलों को उड़ान में रोका जा सकेगा और ड्रोन्स की पूरी फौज को सेकेंडों में गिराया जा सकेगा.

यह भी पढ़ें:

अब रोते बच्चों की रातें खत्म! AI झूला सुलाएगा आपका लाडला, नई माओं को मिलेगी चैन की नींद

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