मंगल-केतु युति से जुलाई में विश्व युद्ध, अग्निकांड और राजनीतिक विस्फोट की आहट?
Prediction 2025: 18 से 26 जुलाई 2025 के बीच, आकाश में एक ऐसा खतरनाक योग बन रहा है जो मेदिनी ज्योतिष के अनुसार हिंसा, विस्फोट, युद्ध और राजनीतिक अनिश्चितता का संकेतक है. सिंह राशि में मंगल और केतु की युति, न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भूकंपीय, भू-राजनीतिक और मानवीय संकटों की भूमिका भी तय कर सकती है. मंगल-केतु की युति: क्यों माना जाता है यह 'विनाशकारी योग'?मंगल ग्रह को ज्योतिष में युद्ध, अग्नि, सैनिक शक्ति, उग्र, सक्रियता का कारक माना गया है, वहीं पाप ग्रह केतु अदृश्य भय, दुर्घटना, विस्फोट अप्रत्याशित, कटौती आदि का प्रतीक माना गया है. ये दोनों ग्रह सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं, सिंह राशि अग्नि तत्व की राशि है जो सत्ता और सैन्य नेतृत्व करती है. ये युति इसलिए खास हो जाती है क्योंकि इस समय में दुनिया में दो युद्ध चल रहे हैं. इजराइल-ईरान और रूस-यूक्रेन युद्ध से पूरी दुनिया में तनाव है, आपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच भलेही सीजफायर हो लेकिन स्थितियां तनावपूर्ण हैं. ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार जब मंगल जो आक्रमण, केतु जे विघटन का कारक है उसकी सिंह राशि में युति किसी बड़ी घटनाओं की संभावना को व्यक्त करती है. बृहत संहिता, वराहमिहिर के अनुसार- यदि मङ्गलः केतुयोगेन सिंहस्थो भवति, तदा पृथिव्यां दारुणानि वह्निकृतानि कार्याणि समुपस्थितानि भवन्ति. अर्थ: सिंह में मंगल-केतु की युति से पृथ्वी पर भयानक अग्निकांड, रक्तपात और युद्धजन्य संकट उत्पन्न होते हैं. 18 से 26 जुलाई 2025: विशेष संकट काल, क्यों है यह 9 दिन इतना संवेदनशील? 18 जुलाई: चंद्रमा का गोचर सिंह राशि से शुरू होगा. 22 जुलाई: चंद्रमा, मंगल, केतु के साथ पूर्ण युति में. 26 जुलाई: वक्री शनि मीन राशि से दृष्टि डालेगा. इन दिनों में क्या होने के संकेत मिल रहे हैं अंतरराष्ट्रीय हवाई हमले, ड्रोन अटैक औद्योगिक दुर्घटनाएं, गैस रिसाव, आग नेताओं की हत्या या स्वास्थ्य संकट तकनीकी ढांचे पर साइबर अटैक विश्व पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है, क्या युद्ध शुरू होगा? ईरान-इजराइल टकराव इजराइल की तरफ से सीमित हवाई हमले की आशंका ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित टारगेटिंग अमेरिका-रूस-चीन की राजनयिक टकराहट कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर, वैश्विक बाजार में भूचाल भारत पर संभावित प्रभावइस गोचर युति से देश में अग्निकांड और औद्योगिक घटनाएं के संकेत मिल रहे हैं, इसलिए सावधानी बरतने की अतिआवश्यकता है. राज्य संभावित घटना महाराष्ट्र फैक्ट्री अग्निकांड, गैस रिसाव गुजरात रासायनिक संयंत्र विस्फोट ओडिशा, छत्तीसगढ़ खदानों में दुर्घटना दिल्ली-NCR बाजारों में आगजनी, इलेक्ट्रिकल शॉर्ट भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ने वाला हैमंगल-केतु की युति से सीमा पर तनाव की स्थिति भी देखने को मिल सकती है इस कारण LOC पर झड़पें, घुसपैठ बढ़ सकती है पंजाब, जम्मू-कश्मीर में सामरिक गतिविधियां तेज सर्जिकल स्ट्राइक जैसे जवाबी एक्शन संभव बचाव और उपाय, ज्योतिष की दृष्टिकोण से मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा, मंगल कवच का पाठ करें. केतु शांति हेतु: नीलम रत्न पहनने से बचें, बल्कि केतु बीज मंत्र का जाप करें: ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः 21 जुलाई को अग्निहोत्र यज्ञ करवाना लाभकारी. रुद्राभिषेक से मारक योग की शांति संभव. आर्थिक और राजनीतिक संकट की चेतावनी शेयर बाजार में अचानक गिरावट संभव राजनीतिक अस्थिरता: भारत सहित कई देशों में मंत्रिमंडल परिवर्तन तेल और गैस के दाम में भारी उछाल साइबर अटैक या कम्युनिकेशन सिस्टम ठप होने की घटनाएं सिंह राशि का यह संयोग एक 'ग्लोबल अलार्म' है. मंगल-केतु की युति कोई साधारण संयोग नहीं, बल्कि वैश्विक चेतावनी है. विशेषकर 18 से 26 जुलाई तक हर देश, हर तंत्र को सजग रहने की जरूरत है. FAQsQ1. क्या हर बार मंगल-केतु की युति से ऐसे संकट आते हैं?A. नहीं, लेकिन जब यह अग्नि राशि (जैसे सिंह) में हो और चंद्रमा साथ हो, तब प्रभाव कई गुना घातक होता है. Q2. भारत में सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र कौन से हैं?A. महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली-NCR, ओडिशा और सीमा पर स्थित राज्य जैसे पंजाब और जम्मू-कश्मीर. Q3. क्या ये घटनाएं रोकी जा सकती हैं?A. पूर्ण रूप से नहीं, परंतु ज्योतिषीय उपायों, सुरक्षा तंत्र, और जनचेतना से प्रभाव को कम किया जा सकता है. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Prediction 2025: 18 से 26 जुलाई 2025 के बीच, आकाश में एक ऐसा खतरनाक योग बन रहा है जो मेदिनी ज्योतिष के अनुसार हिंसा, विस्फोट, युद्ध और राजनीतिक अनिश्चितता का संकेतक है. सिंह राशि में मंगल और केतु की युति, न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भूकंपीय, भू-राजनीतिक और मानवीय संकटों की भूमिका भी तय कर सकती है.
मंगल-केतु की युति: क्यों माना जाता है यह 'विनाशकारी योग'?
मंगल ग्रह को ज्योतिष में युद्ध, अग्नि, सैनिक शक्ति, उग्र, सक्रियता का कारक माना गया है, वहीं पाप ग्रह केतु अदृश्य भय, दुर्घटना, विस्फोट अप्रत्याशित, कटौती आदि का प्रतीक माना गया है.
ये दोनों ग्रह सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं, सिंह राशि अग्नि तत्व की राशि है जो सत्ता और सैन्य नेतृत्व करती है. ये युति इसलिए खास हो जाती है क्योंकि इस समय में दुनिया में दो युद्ध चल रहे हैं.
इजराइल-ईरान और रूस-यूक्रेन युद्ध से पूरी दुनिया में तनाव है, आपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच भलेही सीजफायर हो लेकिन स्थितियां तनावपूर्ण हैं.
ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार जब मंगल जो आक्रमण, केतु जे विघटन का कारक है उसकी सिंह राशि में युति किसी बड़ी घटनाओं की संभावना को व्यक्त करती है.
बृहत संहिता, वराहमिहिर के अनुसार-
यदि मङ्गलः केतुयोगेन सिंहस्थो भवति, तदा पृथिव्यां दारुणानि वह्निकृतानि कार्याणि समुपस्थितानि भवन्ति.
अर्थ: सिंह में मंगल-केतु की युति से पृथ्वी पर भयानक अग्निकांड, रक्तपात और युद्धजन्य संकट उत्पन्न होते हैं.
18 से 26 जुलाई 2025: विशेष संकट काल, क्यों है यह 9 दिन इतना संवेदनशील?
- 18 जुलाई: चंद्रमा का गोचर सिंह राशि से शुरू होगा.
- 22 जुलाई: चंद्रमा, मंगल, केतु के साथ पूर्ण युति में.
- 26 जुलाई: वक्री शनि मीन राशि से दृष्टि डालेगा.
इन दिनों में क्या होने के संकेत मिल रहे हैं
- अंतरराष्ट्रीय हवाई हमले, ड्रोन अटैक
- औद्योगिक दुर्घटनाएं, गैस रिसाव, आग
- नेताओं की हत्या या स्वास्थ्य संकट
- तकनीकी ढांचे पर साइबर अटैक
विश्व पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है, क्या युद्ध शुरू होगा?
- ईरान-इजराइल टकराव
- इजराइल की तरफ से सीमित हवाई हमले की आशंका
- ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित टारगेटिंग
- अमेरिका-रूस-चीन की राजनयिक टकराहट
- कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर, वैश्विक बाजार में भूचाल
भारत पर संभावित प्रभाव
इस गोचर युति से देश में अग्निकांड और औद्योगिक घटनाएं के संकेत मिल रहे हैं, इसलिए सावधानी बरतने की अतिआवश्यकता है.
राज्य | संभावित घटना |
महाराष्ट्र | फैक्ट्री अग्निकांड, गैस रिसाव |
गुजरात | रासायनिक संयंत्र विस्फोट |
ओडिशा, छत्तीसगढ़ | खदानों में दुर्घटना |
दिल्ली-NCR | बाजारों में आगजनी, इलेक्ट्रिकल शॉर्ट |
भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ने वाला है
मंगल-केतु की युति से सीमा पर तनाव की स्थिति भी देखने को मिल सकती है इस कारण
- LOC पर झड़पें, घुसपैठ बढ़ सकती है
- पंजाब, जम्मू-कश्मीर में सामरिक गतिविधियां तेज
- सर्जिकल स्ट्राइक जैसे जवाबी एक्शन संभव
बचाव और उपाय, ज्योतिष की दृष्टिकोण से
- मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा, मंगल कवच का पाठ करें.
- केतु शांति हेतु: नीलम रत्न पहनने से बचें, बल्कि केतु बीज मंत्र का जाप करें:
- ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
- 21 जुलाई को अग्निहोत्र यज्ञ करवाना लाभकारी.
- रुद्राभिषेक से मारक योग की शांति संभव.
आर्थिक और राजनीतिक संकट की चेतावनी
- शेयर बाजार में अचानक गिरावट संभव
- राजनीतिक अस्थिरता: भारत सहित कई देशों में मंत्रिमंडल परिवर्तन
- तेल और गैस के दाम में भारी उछाल
- साइबर अटैक या कम्युनिकेशन सिस्टम ठप होने की घटनाएं
सिंह राशि का यह संयोग एक 'ग्लोबल अलार्म' है. मंगल-केतु की युति कोई साधारण संयोग नहीं, बल्कि वैश्विक चेतावनी है. विशेषकर 18 से 26 जुलाई तक हर देश, हर तंत्र को सजग रहने की जरूरत है.
FAQs
Q1. क्या हर बार मंगल-केतु की युति से ऐसे संकट आते हैं?
A. नहीं, लेकिन जब यह अग्नि राशि (जैसे सिंह) में हो और चंद्रमा साथ हो, तब प्रभाव कई गुना घातक होता है.
Q2. भारत में सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र कौन से हैं?
A. महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली-NCR, ओडिशा और सीमा पर स्थित राज्य जैसे पंजाब और जम्मू-कश्मीर.
Q3. क्या ये घटनाएं रोकी जा सकती हैं?
A. पूर्ण रूप से नहीं, परंतु ज्योतिषीय उपायों, सुरक्षा तंत्र, और जनचेतना से प्रभाव को कम किया जा सकता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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