भारतीय बॉक्सिंग में मचा बवाल... महिला बॉक्सर लवलीना ने लगाया अपमान का आरोप, IOA ने शुरू की जांच
भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के कार्यकारी निदेशक रिटायर कर्नल अरुण मलिक पर महिलाओं के प्रति भेदभाव और असम्मानजनक व्यवहार का आरोप लगाया है. लवलीना ने 2 पन्नों में लिखी शिकायत दी है. उन्होंने इसमें लिखा है कि 8 जुलाई को हुई टॉप्स (Target Olympic Podium Scheme) की ज़ूम मीटिंग में मलिक ने उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया. IOA (इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन) ने मामले की जांच शुरू कर दी है. टीओआई की रिपोर्ट्स के अनुसार लवलीना ने ये शिकायत खेल मंत्री, टॉप्स डिवीजन, आईओए, बॉक्सिंग फेडेरेशन और साई के डायरेक्टर जनरल को भेजी है. महिला बॉक्सर ने इस शिकायत पत्र में लिखा है कि इस मीटिंग के बाद उन्हें बहुत ठेस पहुंची, जिससे वह दुखी और निराश हो गई. उन्हें ऐसा लगा कि क्या सच में महिला खिलाड़ियों को सम्मान के लायक समझा जाता है. लवलीना बोरगोहेन द्वारा लगाए गए आरोपों को निदेशक ने किया खारिज रिपोर्ट्स के अनुसार अरुण मालिक ने महिला बॉक्सर द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. साथ में उन्होंने कहा कि लवलीना भारत देश का गौरव हैं. उनके अनुसार मीटिंग पूरे प्रोफेशन तरीके से हुई और इसकी रिकॉर्डिंग भी हुई, जो सभी संबंधित अधिकारियों के पास मौजूद है. नियमों का पालन करते हुए हमने लवलीना की बातों को सुना और समझा. रिपोर्ट्स के अनुसार बॉक्सर लवलीना ने अपने शिकायत पत्र में लिखा, 'मैं सिर्फ एक खिलाड़ी होने के नाते नहीं बल्कि एक महिला होने के नाते भी ये पत्र लिख रही हूं. जो बॉक्सिंग रिंग में देश की उम्मीदें लेकर चलती रही. 8 जुलाई को टॉप्स की मीटिंग हुई, इसमें कर्नल मलिक ने मुझ पर चिल्लाकर बात की. मुझसे कहा गया कि 'चुप रहो, सिर झुकाकर रखो और वही करो जो कहा जा रहा है.' उनका ये बर्ताव सिर्फ अपमानजनक नहीं बल्कि महिलाओं के प्रति भेदभाव और ताकत दिखाने वाला था." अभी तक रिपोर्ट नहीं आई सरकार द्वारा निदेश के बाद ओलंपिक संघ ने 3 सदस्यीय जांच समिति बनाई है. इसमें एक महिला वकील, टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल और टॉप्स सीईओ नछत्तर सिंह जोहल शामिल हैं. इस समिति को 2 हफ़्तों में अपनी रिपोर्ट देनी है, लेकिन करीब 1 महीने बाद भी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. इसके आलावा साई अधिकारी ऋतु पाथिक भी मामले की अलग से जांच कर रही हैं.

भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के कार्यकारी निदेशक रिटायर कर्नल अरुण मलिक पर महिलाओं के प्रति भेदभाव और असम्मानजनक व्यवहार का आरोप लगाया है. लवलीना ने 2 पन्नों में लिखी शिकायत दी है. उन्होंने इसमें लिखा है कि 8 जुलाई को हुई टॉप्स (Target Olympic Podium Scheme) की ज़ूम मीटिंग में मलिक ने उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया. IOA (इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन) ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
टीओआई की रिपोर्ट्स के अनुसार लवलीना ने ये शिकायत खेल मंत्री, टॉप्स डिवीजन, आईओए, बॉक्सिंग फेडेरेशन और साई के डायरेक्टर जनरल को भेजी है. महिला बॉक्सर ने इस शिकायत पत्र में लिखा है कि इस मीटिंग के बाद उन्हें बहुत ठेस पहुंची, जिससे वह दुखी और निराश हो गई. उन्हें ऐसा लगा कि क्या सच में महिला खिलाड़ियों को सम्मान के लायक समझा जाता है.
लवलीना बोरगोहेन द्वारा लगाए गए आरोपों को निदेशक ने किया खारिज
रिपोर्ट्स के अनुसार अरुण मालिक ने महिला बॉक्सर द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. साथ में उन्होंने कहा कि लवलीना भारत देश का गौरव हैं. उनके अनुसार मीटिंग पूरे प्रोफेशन तरीके से हुई और इसकी रिकॉर्डिंग भी हुई, जो सभी संबंधित अधिकारियों के पास मौजूद है. नियमों का पालन करते हुए हमने लवलीना की बातों को सुना और समझा.
रिपोर्ट्स के अनुसार बॉक्सर लवलीना ने अपने शिकायत पत्र में लिखा, 'मैं सिर्फ एक खिलाड़ी होने के नाते नहीं बल्कि एक महिला होने के नाते भी ये पत्र लिख रही हूं. जो बॉक्सिंग रिंग में देश की उम्मीदें लेकर चलती रही. 8 जुलाई को टॉप्स की मीटिंग हुई, इसमें कर्नल मलिक ने मुझ पर चिल्लाकर बात की. मुझसे कहा गया कि 'चुप रहो, सिर झुकाकर रखो और वही करो जो कहा जा रहा है.' उनका ये बर्ताव सिर्फ अपमानजनक नहीं बल्कि महिलाओं के प्रति भेदभाव और ताकत दिखाने वाला था."
अभी तक रिपोर्ट नहीं आई
सरकार द्वारा निदेश के बाद ओलंपिक संघ ने 3 सदस्यीय जांच समिति बनाई है. इसमें एक महिला वकील, टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल और टॉप्स सीईओ नछत्तर सिंह जोहल शामिल हैं. इस समिति को 2 हफ़्तों में अपनी रिपोर्ट देनी है, लेकिन करीब 1 महीने बाद भी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. इसके आलावा साई अधिकारी ऋतु पाथिक भी मामले की अलग से जांच कर रही हैं.
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