भारत में हर साल दिल की बीमारियों से इतने लोगों की होती है मौत, रिसर्च रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

हाल ही में सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (Sample Registration Survey) के तहत Registrar General of India ने “Causes of Death: 2021-2023” रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि भारत में होने वाली मौतों में एक तिहाई व्यक्ति कार्डियोवैस्कुलर डिजीज  की वजह से मरता है. यह आंकड़ा साफ दिखाता है कि दिल की बीमारियां अब देश में मौत का सबसे बड़ा कारण बन गई हैं. चलिए आपको रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताते हैं.  नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज का बढ़ता खतरा रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में कुल मौतों में से 56.7 प्रतिशत मौतें नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज  की वजह से होती हैं. इसमें दिल की बीमारी, कैंसर, डायबिटीज और सांस की बीमारियां शामिल हैं. वहीं, कम्युनिकेबल डिजीज, मातृत्व और बच्चों से जुड़ी समस्याएं और न्यूट्रिशनल कंडीशंस मिलाकर 23.4 प्रतिशत मौतों का कारण बनती हैं. कोविड-19 के समय (2020-2022) में यह आंकड़ा थोड़ा अलग था, लेकिन अब नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज मौतों की बड़ी वजह बन गई हैं. मौतों के प्रमुख कारण रिपोर्ट में मौतों के टॉप कारण इस प्रकार बताए गए हैं- कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular Diseases): 31 प्रतिशत मौतें. रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (Respiratory Infections): 9.3 प्रतिशत. नियोप्लाज्म / ट्यूमर (Neoplasms / Tumor): 6.4 प्रतिशत. रेस्पिरेटरी डिजीज (Respiratory Diseases): 5.7 प्रतिशत. डाइजेस्टिव डिजीज (Digestive Diseases): 5.3प्रतिशत. फीवर ऑफ अननोन ओरिजिन (Fever of Unknown Origin): 4.9 प्रतिशत. अदर इंजरीज (Other Injuries): 3.7 प्रतिशत. डायबिटीज मेलिटस (Diabetes Mellitus): 3.5 प्रतिशत. जेनिटोयूरिनरी डिजीज (Genitourinary Diseases): 3.0 प्रतिशत. उम्र के हिसाब से मौतें 30 साल से ऊपर की उम्र- इस आयु वर्ग में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज सबसे बड़ा खतरा है. 15 से 29 साल की उम्र- यहां सबसे आम कारण इंटेंशनल इंजरी (Intentional Injuries) यानी सुसाइड है. 70 साल और ऊपर-  बुजुर्गों में ज्यादातर मौतें इल-डिफाइंड या अस्पष्ट कारणों से होती हैं. रिपोर्ट की चेतावनी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौत के कारणों में कभी-कभी मिसक्लासिफिकेशन हो सकता है. लेकिन इसके बावजूद यह डेटा सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों को देश में मौतों के असली कारण समझने और बेहतर नीतियां बनाने में मदद करेगा. रिपोर्ट से साफ है कि दिल की बीमारी भारत में मौत का सबसे बड़ा कारण है और हर तीसरा व्यक्ति इसकी वजह से मरता है. बदलती लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, खराब डाइट और शारीरिक निष्क्रियता (sedentary lifestyle) इसे और बढ़ा रहे हैं. ऐसे में लोगों को अपने हार्ट हेल्थ, सही डाइट और नियमित हेल्थ चेकअप पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. एक्सपर्ट कहते हैं कि सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों को भी जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि दिल की बीमारियों और अन्य नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज़ को कम किया जा सके. इसे भी पढ़ें- एलन मस्क ने की नई पहल, आंखों से नहीं दिखने वालों को मिल सकती है राहत Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.  

Sep 7, 2025 - 17:30
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भारत में हर साल दिल की बीमारियों से इतने लोगों की होती है मौत, रिसर्च रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

हाल ही में सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (Sample Registration Survey) के तहत Registrar General of India ने “Causes of Death: 2021-2023” रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि भारत में होने वाली मौतों में एक तिहाई व्यक्ति कार्डियोवैस्कुलर डिजीज  की वजह से मरता है. यह आंकड़ा साफ दिखाता है कि दिल की बीमारियां अब देश में मौत का सबसे बड़ा कारण बन गई हैं. चलिए आपको रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताते हैं. 

नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज का बढ़ता खतरा

रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में कुल मौतों में से 56.7 प्रतिशत मौतें नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज  की वजह से होती हैं. इसमें दिल की बीमारी, कैंसर, डायबिटीज और सांस की बीमारियां शामिल हैं. वहीं, कम्युनिकेबल डिजीज, मातृत्व और बच्चों से जुड़ी समस्याएं और न्यूट्रिशनल कंडीशंस मिलाकर 23.4 प्रतिशत मौतों का कारण बनती हैं. कोविड-19 के समय (2020-2022) में यह आंकड़ा थोड़ा अलग था, लेकिन अब नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज मौतों की बड़ी वजह बन गई हैं.

मौतों के प्रमुख कारण

रिपोर्ट में मौतों के टॉप कारण इस प्रकार बताए गए हैं-

  • कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular Diseases): 31 प्रतिशत मौतें.
  • रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (Respiratory Infections): 9.3 प्रतिशत.
  • नियोप्लाज्म / ट्यूमर (Neoplasms / Tumor): 6.4 प्रतिशत.
  • रेस्पिरेटरी डिजीज (Respiratory Diseases): 5.7 प्रतिशत.
  • डाइजेस्टिव डिजीज (Digestive Diseases): 5.3प्रतिशत.
  • फीवर ऑफ अननोन ओरिजिन (Fever of Unknown Origin): 4.9 प्रतिशत.
  • अदर इंजरीज (Other Injuries): 3.7 प्रतिशत.
  • डायबिटीज मेलिटस (Diabetes Mellitus): 3.5 प्रतिशत.
  • जेनिटोयूरिनरी डिजीज (Genitourinary Diseases): 3.0 प्रतिशत.

उम्र के हिसाब से मौतें

  • 30 साल से ऊपर की उम्र- इस आयु वर्ग में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज सबसे बड़ा खतरा है.
  • 15 से 29 साल की उम्र- यहां सबसे आम कारण इंटेंशनल इंजरी (Intentional Injuries) यानी सुसाइड है.
  • 70 साल और ऊपर-  बुजुर्गों में ज्यादातर मौतें इल-डिफाइंड या अस्पष्ट कारणों से होती हैं.

रिपोर्ट की चेतावनी

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौत के कारणों में कभी-कभी मिसक्लासिफिकेशन हो सकता है. लेकिन इसके बावजूद यह डेटा सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों को देश में मौतों के असली कारण समझने और बेहतर नीतियां बनाने में मदद करेगा. रिपोर्ट से साफ है कि दिल की बीमारी भारत में मौत का सबसे बड़ा कारण है और हर तीसरा व्यक्ति इसकी वजह से मरता है. बदलती लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, खराब डाइट और शारीरिक निष्क्रियता (sedentary lifestyle) इसे और बढ़ा रहे हैं. ऐसे में लोगों को अपने हार्ट हेल्थ, सही डाइट और नियमित हेल्थ चेकअप पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. एक्सपर्ट कहते हैं कि सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों को भी जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि दिल की बीमारियों और अन्य नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज़ को कम किया जा सके.

इसे भी पढ़ें- एलन मस्क ने की नई पहल, आंखों से नहीं दिखने वालों को मिल सकती है राहत

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

 

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