बीमारियों की पकड़ अब होगी सटीक, भारत लाएगा 'स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स'
Swadeshi Health Index: भारत तेजी से हेल्थ टेक्नोलॉजी और मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है. अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है, जिसका नाम है ‘स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स’ अब देश के लोगों की सेहत की पहचान किसी विदेशी मॉडल से नहीं, बल्कि अपने देश में विकसित इंडेक्स के आधार पर होगी. इस पहल के तहत, भारत खुद का हेल्थ इंडेक्स तैयार करेगा जो खासतौर पर मधुमेह, बीपी और हृदय रोगों जैसी गंभीर बीमारियों की सटीक जांच और मूल्यांकन में मदद करेगा. क्या है 'स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स'? स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स एक ऐसा डेटा-बेस्ड प्लेटफॉर्म होगा जो भारत की जनसंख्या की बीमारियों, उनकी प्रवृत्तियों और जोखिमों को समझते हुए उन्हें स्कोर या इंडेक्स के रूप में दर्शाएगा. इसे विकसित करने में देश के प्रमुख संस्थान आईआईपी और सीएसआईआर शामिल हैं. ये भी पढ़े- पीठ का दर्द कर रहा है परेशान? बचने के लिए रोजना करें ये एक काम किस तरह हो रहा है विकास? स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स के निर्माण में ‘फिनोम इंडिया पीआई चेक’ प्रमुख भूमिका निभा रहा है. इसके दूसरे चरण की टेस्टिंग अभी आईआईपी और सीएसआईआर में चल रही है, जहां शोधकर्ता इसका वैज्ञानिक मूल्यांकन कर रहे हैं. किन बीमारियों पर है फोकस? शुरुआती चरण में इस हेल्थ इंडेक्स का मुख्य फोकस तीन प्रमुख बीमारियों पर होगा डायबिटीज (मधुमेह) – ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव और जोखिम की पहचान हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) – तनाव और रक्तचाप के प्रभाव को मॉनिटर करना हृदय रोग (हार्ट डिजीज) – हृदय से जुड़ी समस्याओं की शुरुआती पहचान इन बीमारियों को ट्रैक करने के लिए जो डेटा इकठ्ठा किया जाएगा, वही आगे चलकर ‘स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स’ का आधार बनेगा. क्या होंगे इसके फायदे? सटीक जांच: रोगों की पहचान अब पहले से ज्यादा जल्दी और सटीक होगी कम लागत: भारत में बनी तकनीक से हेल्थ चेकअप सस्ता और सुलभ होगा स्वस्थ भारत की दिशा में कदम: देश की हेल्थ प्रोफाइल तैयार कर पब्लिक हेल्थ पॉलिसी को बेहतर बनाया जा सकेगा रोगों की रोकथाम: समय रहते जोखिमों की पहचान कर गंभीर बीमारियों से बचाव संभव होगा ‘स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स’ न सिर्फ भारत को मेडिकल रिसर्च में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि लाखों लोगों की जान भी समय रहते बचा सकेगा. यह पहल एक ऐसे भविष्य की ओर इशारा है, जहां भारतीयों की सेहत को भारतीय तकनीक से ही मापा और संभाला जाएगा. अब सेहत को आंकने का पैमाना भी देसी होगा, वैज्ञानिक, भरोसेमंद और देश के अनुसार बना हुआ. ये भी पढ़ें: कहीं आपके ब्रेस्ट में तो नहीं बन रही गांठ? घर में खुद ऐसे कर सकते हैं जांच Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Swadeshi Health Index: भारत तेजी से हेल्थ टेक्नोलॉजी और मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है. अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है, जिसका नाम है ‘स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स’ अब देश के लोगों की सेहत की पहचान किसी विदेशी मॉडल से नहीं, बल्कि अपने देश में विकसित इंडेक्स के आधार पर होगी. इस पहल के तहत, भारत खुद का हेल्थ इंडेक्स तैयार करेगा जो खासतौर पर मधुमेह, बीपी और हृदय रोगों जैसी गंभीर बीमारियों की सटीक जांच और मूल्यांकन में मदद करेगा.
क्या है 'स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स'?
स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स एक ऐसा डेटा-बेस्ड प्लेटफॉर्म होगा जो भारत की जनसंख्या की बीमारियों, उनकी प्रवृत्तियों और जोखिमों को समझते हुए उन्हें स्कोर या इंडेक्स के रूप में दर्शाएगा. इसे विकसित करने में देश के प्रमुख संस्थान आईआईपी और सीएसआईआर शामिल हैं.
ये भी पढ़े- पीठ का दर्द कर रहा है परेशान? बचने के लिए रोजना करें ये एक काम
किस तरह हो रहा है विकास?
स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स के निर्माण में ‘फिनोम इंडिया पीआई चेक’ प्रमुख भूमिका निभा रहा है. इसके दूसरे चरण की टेस्टिंग अभी आईआईपी और सीएसआईआर में चल रही है, जहां शोधकर्ता इसका वैज्ञानिक मूल्यांकन कर रहे हैं.
किन बीमारियों पर है फोकस?
- शुरुआती चरण में इस हेल्थ इंडेक्स का मुख्य फोकस तीन प्रमुख बीमारियों पर होगा
- डायबिटीज (मधुमेह) – ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव और जोखिम की पहचान
- हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) – तनाव और रक्तचाप के प्रभाव को मॉनिटर करना
- हृदय रोग (हार्ट डिजीज) – हृदय से जुड़ी समस्याओं की शुरुआती पहचान
- इन बीमारियों को ट्रैक करने के लिए जो डेटा इकठ्ठा किया जाएगा, वही आगे चलकर ‘स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स’ का आधार बनेगा.
क्या होंगे इसके फायदे?
- सटीक जांच: रोगों की पहचान अब पहले से ज्यादा जल्दी और सटीक होगी
- कम लागत: भारत में बनी तकनीक से हेल्थ चेकअप सस्ता और सुलभ होगा
- स्वस्थ भारत की दिशा में कदम: देश की हेल्थ प्रोफाइल तैयार कर पब्लिक हेल्थ पॉलिसी को बेहतर बनाया जा सकेगा
- रोगों की रोकथाम: समय रहते जोखिमों की पहचान कर गंभीर बीमारियों से बचाव संभव होगा
‘स्वदेशी हेल्थ इंडेक्स’ न सिर्फ भारत को मेडिकल रिसर्च में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि लाखों लोगों की जान भी समय रहते बचा सकेगा. यह पहल एक ऐसे भविष्य की ओर इशारा है, जहां भारतीयों की सेहत को भारतीय तकनीक से ही मापा और संभाला जाएगा. अब सेहत को आंकने का पैमाना भी देसी होगा, वैज्ञानिक, भरोसेमंद और देश के अनुसार बना हुआ.
ये भी पढ़ें: कहीं आपके ब्रेस्ट में तो नहीं बन रही गांठ? घर में खुद ऐसे कर सकते हैं जांच
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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