'पैदल न पार करें चिनाब और किशनगंगा नदी', पर्यटकों के लिए अधिकारियों ने क्यों जारी की ये चेतावनी?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक तनाव के बीच चिनाब नदी पर बने बगलिहार डैम से पानी के फ्लो को रोकने के बाद सोमवार को सलाल डैम से भी पानी को रोक दिया गया है. साथ ही झेलम पर बनाए गए किशनगंगा बांध पर भी इसी तरह के उपाय करने की योजना बनाई जा रही है. इसे लेकर अधिकारियों ने एक सार्वजनिक परामर्श जारी किया है. अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से किशनगंगा नदी और उसके आस-पास के जलाशय क्षेत्रों से दूर रहने का आग्रह किया है, क्योंकि गर्मियों में पानी का बहाव बढ़ जाता है. परामर्श के अनुसार आने वाले दिनों में नदी और जलाशय में जल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अचानक पानी का बहाव बढ़ने पर स्पिलवे गेट के माध्यम से पानी छोड़ना पड़ सकता है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को लोगों को जम्मू के अखनूर सेक्टर में चिनाब नदी को पैदल पार न करने की चेतावनी दी. यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की गई है जब नदी में पानी का बहाव सबसे कम हो गया है. अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर में गिरावट का कारण रामबन और रियासी जिलों में बगलिहार एवं सलाल बांधों से नदी में जलप्रवाह पर रोक लगाया जाना है। 'पानी छोड़ने से पहले चेतावनी सायरन बजाया जाएगा'सार्वजनिक परामर्श में कहा गया है कि पानी छोड़ने से पहले चेतावनी सायरन बजाया जाएगा. लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है. नदी के किनारे रहने वाले निवासियों और इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को विशेष रूप से सलाह दी गई है कि वे दुर्घटनाओं या आपात स्थितियों से बचने के लिए पानी के करीब न जाएं. किशनगंगा डैम पाकिस्तान के नीलम और झेलम बेसिन में जल आपूर्ति को कंट्रोल करता है. ये वही क्षेत्र हैं, जहां से पाकिस्तान की जलविद्युत परियोजनाएं, कृषि व्यवस्था और शहरों की जलापूर्ति की जाती है. PoK के मुजफ्फराबाद और आस-पास के इलाकों में झेलम का बहाव कमजोर पड़ते ही पाकिस्तान की कई योजनाएं ठप पड़ सकती हैं. किशनगंगा नदी भारत के जम्मू और कश्मीर में बहने वाली एक नदी है. ये झेलम नदी की एक उपनदी है. इसके प्रवाह मार्ग का कुछ भाग पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में है, जहां भारत अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है. ये भी पढ़ें: '7 मई को कराएं ब्लैक आउट एक्सरसाइज, हमले के हालात वाली मॉक ड्रिल', गृह मंत्रालय ने कई राज्यों को दिए निर्देश

May 5, 2025 - 22:30
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'पैदल न पार करें चिनाब और किशनगंगा नदी', पर्यटकों के लिए अधिकारियों ने क्यों जारी की ये चेतावनी?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक तनाव के बीच चिनाब नदी पर बने बगलिहार डैम से पानी के फ्लो को रोकने के बाद सोमवार को सलाल डैम से भी पानी को रोक दिया गया है. साथ ही झेलम पर बनाए गए किशनगंगा बांध पर भी इसी तरह के उपाय करने की योजना बनाई जा रही है. इसे लेकर अधिकारियों ने एक सार्वजनिक परामर्श जारी किया है.

अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से किशनगंगा नदी और उसके आस-पास के जलाशय क्षेत्रों से दूर रहने का आग्रह किया है, क्योंकि गर्मियों में पानी का बहाव बढ़ जाता है. परामर्श के अनुसार आने वाले दिनों में नदी और जलाशय में जल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अचानक पानी का बहाव बढ़ने पर स्पिलवे गेट के माध्यम से पानी छोड़ना पड़ सकता है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को लोगों को जम्मू के अखनूर सेक्टर में चिनाब नदी को पैदल पार न करने की चेतावनी दी. यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की गई है जब नदी में पानी का बहाव सबसे कम हो गया है. अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर में गिरावट का कारण रामबन और रियासी जिलों में बगलिहार एवं सलाल बांधों से नदी में जलप्रवाह पर रोक लगाया जाना है।

'पानी छोड़ने से पहले चेतावनी सायरन बजाया जाएगा'
सार्वजनिक परामर्श में कहा गया है कि पानी छोड़ने से पहले चेतावनी सायरन बजाया जाएगा. लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है. नदी के किनारे रहने वाले निवासियों और इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को विशेष रूप से सलाह दी गई है कि वे दुर्घटनाओं या आपात स्थितियों से बचने के लिए पानी के करीब न जाएं.

किशनगंगा डैम पाकिस्तान के नीलम और झेलम बेसिन में जल आपूर्ति को कंट्रोल करता है. ये वही क्षेत्र हैं, जहां से पाकिस्तान की जलविद्युत परियोजनाएं, कृषि व्यवस्था और शहरों की जलापूर्ति की जाती है. PoK के मुजफ्फराबाद और आस-पास के इलाकों में झेलम का बहाव कमजोर पड़ते ही पाकिस्तान की कई योजनाएं ठप पड़ सकती हैं. किशनगंगा नदी भारत के जम्मू और कश्मीर में बहने वाली एक नदी है. ये झेलम नदी की एक उपनदी है. इसके प्रवाह मार्ग का कुछ भाग पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में है, जहां भारत अपनी सम्प्रभुता का दावा करता है.

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'7 मई को कराएं ब्लैक आउट एक्सरसाइज, हमले के हालात वाली मॉक ड्रिल', गृह मंत्रालय ने कई राज्यों को दिए निर्देश

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