पाकिस्तान को बेनकाब करने वाली संसदीय टीम के साथ जाने से यूसुफ पठान ने किया इनकार, सामने आया बड़ा कारण!

Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए कई देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भेजने का फैसला किया है. इसमें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों के नेताओं को भी शामिल किया गया है. सरकार ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को भी शामिल किया है, लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक पठान ने इस टीम के साथ जाने से इंकार कर दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार को बताया कि यूसुफ पठान या पार्टी का कोई अन्य सांसद सर्वदलीय प्रतिनिमंडल का हिस्सा नहीं बनेगा. यह प्रतिनिधमंडल पाक को आतंकवाद के मसले पर बेनकाब करने के लिए कई देशों में जाएगा.  ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी टीएमसी ने कहा, ''हम मानते हैं कि देश सबसे पहले है और केंद्र सरकार को देश की रक्षा के लिए आवश्यक किसी भी कार्रवाई करने के लिए अपना पूरा समर्थन दिया है. हमारे सशस्त्र बलों ने देश को गौरवान्वित किया है और उनके प्रति हमेशा ऋणी रहेंगे. विदेश नीति पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है. इसलिए, केवल केंद्र सरकार को ही हमारी विदेश नीति तय करने और इसके लिए पूरी जिम्मेदारी लेने देना चाहिए.” अपडेट जारी है... यह भी पढ़ें : Israel-Hamas War: गाजा में इजरायल का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

May 19, 2025 - 10:30
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पाकिस्तान को बेनकाब करने वाली संसदीय टीम के साथ जाने से यूसुफ पठान ने किया इनकार, सामने आया बड़ा कारण!

Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए कई देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भेजने का फैसला किया है. इसमें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों के नेताओं को भी शामिल किया गया है. सरकार ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को भी शामिल किया है, लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक पठान ने इस टीम के साथ जाने से इंकार कर दिया है.

तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार को बताया कि यूसुफ पठान या पार्टी का कोई अन्य सांसद सर्वदलीय प्रतिनिमंडल का हिस्सा नहीं बनेगा. यह प्रतिनिधमंडल पाक को आतंकवाद के मसले पर बेनकाब करने के लिए कई देशों में जाएगा. 

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी टीएमसी ने कहा, ''हम मानते हैं कि देश सबसे पहले है और केंद्र सरकार को देश की रक्षा के लिए आवश्यक किसी भी कार्रवाई करने के लिए अपना पूरा समर्थन दिया है. हमारे सशस्त्र बलों ने देश को गौरवान्वित किया है और उनके प्रति हमेशा ऋणी रहेंगे. विदेश नीति पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है. इसलिए, केवल केंद्र सरकार को ही हमारी विदेश नीति तय करने और इसके लिए पूरी जिम्मेदारी लेने देना चाहिए.”

अपडेट जारी है...

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