देश के टेक्सटाइल इंडस्ट्री में खुशी की लहर, कपास पर इम्पोर्ट ड्यूटी 42 दिन के लिए हटा

Cotton Import Duty: भारत ने 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कपास पर आयात शुल्क में छूट दे दी है. इससे देश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को राहत मिली है, जो पहले से ही कच्चे माल की बढ़ती कीमतों और अमेरिकी टैरिफ जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है. इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना था कि छूट से इस सेक्टर को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी. सोमवार देर रात जारी आदेश में कपास के आयात पर सीमा शुल्क में अस्थायी छूट की घोषणा की गई.   अमेरिका में शिपमेंट पर हाई टैरिफ  अमेरिका ने पहले भारत पर 25 परसेंट टैरिफ लगाया. इसके बाद रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर अतिरिक्त 25 परसेंट टैरिफ लगाने की भी धमकी दी. वहीं, दूसरे एशियाई देशों जैसे कि बांग्लादेश पर 20 परसेंट, वियतनाम पर भी 20 परसेंट और चीन पर 30 परसेंट का टैरिफ लगाया गया है, जो भारत पर लगाए गए 50 परसेंट के भारी-भरकम टैरिफ से कम है.  सरकार के सामने रखी गई थी यह डिमांड  कंफिडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (CITI) जैसे उद्योग निकायों ने सरकार से कपास पर आयात शुल्क को वापस लेने का आग्रह किया था. इस छूट से पहले कपास के आयात पर 11 परसेंट शुल्क लगता था. अब इस उद्योग से जुड़े अधिकारियों को उम्मीद है कि सरकार सितंबर के बाद भी कपास के आयात को ड्यूटी-फ्री रखेगी. रॉयटर्स ने पहले अपनी रिपोर्ट में बताया था कि ऊंचे टैरिफ के असर से बचने के लिए कुछ भारतीय एक्सपोटर्स दूसरे देशों में मैन्युफैक्चरिंग के विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. देश का गारमेंट सेक्टर पहले से ही लेबर में कमी और अपनी लिमिटेड प्रोडक्शन कैपेसिटी से जूझ रहा था. अब अगर एक्सपोटर्स दूसरे देशों में मैन्युफैक्चरिंग करने लगेंगे, तो यह सरकार के 'मेक इन इंडिया' पहल के लिए एक चुनौती होगी.  भारत के सामने आई यह चुनौती भारत का लक्ष्य 2030 तक कपड़ा निर्यात को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाना है. अमेरिकी टैरिफ की परेशानी एक ऐसे वक्त में सामने आई है, जब भारत अमेरिका में कपड़ों की खरीदारी करने वाले ग्राहकों के लिए एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रहा है क्योंकि बांग्लादेश राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा है और कंपनियां चीन से परे अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने की कोशिश कर रही हैं.  शेयरों में आया उछाल  इधर, इस खबर के आने के बाद अरविंद लिमिटेड और पेज इंडस्ट्रीज जैसी कई कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली. जहां ढाई परसेंट की उछाल के साथ अरविंद लिमिटेड के शेयर 300 के पार चले गए. वहीं, 275 रुपये की बढ़त के साथ पेज इंडस्ट्रीज के शेयर 44965 पर पहुंच गए.    ये भी पढ़ें:  रूस से कच्चे तेल की खरीद रहेगी जारी, अमेरिकी टैरिफ की धमकी के बीच इंडियन ऑयल ने लिया फैसला

Aug 19, 2025 - 17:30
 0
देश के टेक्सटाइल इंडस्ट्री में खुशी की लहर, कपास पर इम्पोर्ट ड्यूटी 42 दिन के लिए हटा

Cotton Import Duty: भारत ने 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कपास पर आयात शुल्क में छूट दे दी है. इससे देश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को राहत मिली है, जो पहले से ही कच्चे माल की बढ़ती कीमतों और अमेरिकी टैरिफ जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है. इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना था कि छूट से इस सेक्टर को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी. सोमवार देर रात जारी आदेश में कपास के आयात पर सीमा शुल्क में अस्थायी छूट की घोषणा की गई.  

अमेरिका में शिपमेंट पर हाई टैरिफ 

अमेरिका ने पहले भारत पर 25 परसेंट टैरिफ लगाया. इसके बाद रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर अतिरिक्त 25 परसेंट टैरिफ लगाने की भी धमकी दी. वहीं, दूसरे एशियाई देशों जैसे कि बांग्लादेश पर 20 परसेंट, वियतनाम पर भी 20 परसेंट और चीन पर 30 परसेंट का टैरिफ लगाया गया है, जो भारत पर लगाए गए 50 परसेंट के भारी-भरकम टैरिफ से कम है. 

सरकार के सामने रखी गई थी यह डिमांड 

कंफिडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (CITI) जैसे उद्योग निकायों ने सरकार से कपास पर आयात शुल्क को वापस लेने का आग्रह किया था. इस छूट से पहले कपास के आयात पर 11 परसेंट शुल्क लगता था. अब इस उद्योग से जुड़े अधिकारियों को उम्मीद है कि सरकार सितंबर के बाद भी कपास के आयात को ड्यूटी-फ्री रखेगी.

रॉयटर्स ने पहले अपनी रिपोर्ट में बताया था कि ऊंचे टैरिफ के असर से बचने के लिए कुछ भारतीय एक्सपोटर्स दूसरे देशों में मैन्युफैक्चरिंग के विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. देश का गारमेंट सेक्टर पहले से ही लेबर में कमी और अपनी लिमिटेड प्रोडक्शन कैपेसिटी से जूझ रहा था. अब अगर एक्सपोटर्स दूसरे देशों में मैन्युफैक्चरिंग करने लगेंगे, तो यह सरकार के 'मेक इन इंडिया' पहल के लिए एक चुनौती होगी. 

भारत के सामने आई यह चुनौती

भारत का लक्ष्य 2030 तक कपड़ा निर्यात को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाना है. अमेरिकी टैरिफ की परेशानी एक ऐसे वक्त में सामने आई है, जब भारत अमेरिका में कपड़ों की खरीदारी करने वाले ग्राहकों के लिए एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रहा है क्योंकि बांग्लादेश राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा है और कंपनियां चीन से परे अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने की कोशिश कर रही हैं. 

शेयरों में आया उछाल 

इधर, इस खबर के आने के बाद अरविंद लिमिटेड और पेज इंडस्ट्रीज जैसी कई कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली. जहां ढाई परसेंट की उछाल के साथ अरविंद लिमिटेड के शेयर 300 के पार चले गए. वहीं, 275 रुपये की बढ़त के साथ पेज इंडस्ट्रीज के शेयर 44965 पर पहुंच गए. 

 

ये भी पढ़ें: 

रूस से कच्चे तेल की खरीद रहेगी जारी, अमेरिकी टैरिफ की धमकी के बीच इंडियन ऑयल ने लिया फैसला

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow