दवाओं का पूरा कोर्स करना क्यों होता है जरूरी? जानें बीच में छोड़ने पर क्या होता है नुकसान

Complete Antibiotc Course: आपको बुखार हुआ, डॉक्टर ने दवा दी, 5 दिन की. आप दो दिन में ठीक महसूस करने लगे और दवा लेना बंद कर दी. यही सबसे बड़ी भूल है, जो हम में से अधिकतर लोग करते हैं. बीमारी तो गई नहीं होती, बस उसके लक्षण दब जाते हैं और जैसे ही आपने दवा बीच में छोड़ी, वो दुश्मन फिर से ताक में लग जाता है.  बता दें, दवाएं सिर्फ लक्षणों को नहीं, बीमारी की जड़ को खत्म करती हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें समय चाहिए और जब हम दवा का कोर्स पूरा नहीं करते, तो हम शरीर के अंदर अधूरी जंग छोड़ देते हैं. इस लेख में समझते हैं कि दवा का कोर्स पूरा करना क्यों जरूरी है और बीच में छोड़ देने से क्या गंभीर नुकसान हो सकते हैं.  ये भी पढ़े- क्या होता है डाउन सिंड्रोम, जानिए लक्षण और पूरी तरह इसे ठीक क्यों नहीं किया जा सकता? बीच में दवा छोड़ने से क्या होता है? बीमारी दोबारा लौट आती है: जब आप दवा अधूरी छोड़ते हैं, तो बैक्टीरिया या वायरस पूरी तरह खत्म नहीं होते. कुछ बचे हुए जीवाणु दोबारा सक्रिय हो जाते हैं.  रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर: अधूरा इलाज आपकी इम्यून सिस्टम पर जोर डालता है. आपका शरीर थक जाता है बार-बार उसी बीमारी से लड़ते हुए.  एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस का खतरा: ये सबसे खतरनाक समस्या है. जब बैक्टीरिया बार-बार अधूरी दवा के संपर्क में आते हैं, तो वो उस दवा के प्रति प्रतिरोधक हो जाते हैं.  लंबा और महंगा इलाज:फिर से बीमार पड़ने पर आपको ज्यादा दवाएं, ज्यादा समय और कभी-कभी हॉस्पिटल तक की जरूरत पड़ सकती है.  कुछ लोग कहते हैं कि, “दवा से नींद आती है या पेट खराब होता है, इसलिए छोड़ दी।” दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन डॉक्टर को बताकर दवा बदलवाई जा सकती है.  डॉक्टर के निर्देश का पालन करें पूरा डोज लें: जितने दिन की दवा दी गई है, उतने दिन तक लें, चाहे आप पहले ही ठीक क्यों न लगें.  दवा समय पर लें: समय से दवा लेना उतना ही जरूरी है जितना कोर्स पूरा करना होता है.   बिना डॉक्टर से पूछे दवा बंद न करें दवाएं बीमारी की जड़ पर वार करती हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें समय और अनुशासन चाहिए. बीच में दवा छोड़ना मतलब बीमारी को दोबारा बुलाना और इस बार वो ज्यादा ताकतवर होकर लौट सकती है. इसलिए दवा का पूरा डोज लेना महत्वपूर्ण है. चाहे आपको सबकुछ ठीक लग रहा हो, फिर भी दवा को बंद न करें.  ये भी पढ़ें: कैसे होता है डीएनए टेस्ट, अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बुरी तरह जले हुए शवों की कौन-सी चीज करेगी मदद? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Jun 19, 2025 - 14:30
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दवाओं का पूरा कोर्स करना क्यों होता है जरूरी? जानें बीच में छोड़ने पर क्या होता है नुकसान

Complete Antibiotc Course: आपको बुखार हुआ, डॉक्टर ने दवा दी, 5 दिन की. आप दो दिन में ठीक महसूस करने लगे और दवा लेना बंद कर दी. यही सबसे बड़ी भूल है, जो हम में से अधिकतर लोग करते हैं. बीमारी तो गई नहीं होती, बस उसके लक्षण दब जाते हैं और जैसे ही आपने दवा बीच में छोड़ी, वो दुश्मन फिर से ताक में लग जाता है. 

बता दें, दवाएं सिर्फ लक्षणों को नहीं, बीमारी की जड़ को खत्म करती हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें समय चाहिए और जब हम दवा का कोर्स पूरा नहीं करते, तो हम शरीर के अंदर अधूरी जंग छोड़ देते हैं. इस लेख में समझते हैं कि दवा का कोर्स पूरा करना क्यों जरूरी है और बीच में छोड़ देने से क्या गंभीर नुकसान हो सकते हैं. 

ये भी पढ़े- क्या होता है डाउन सिंड्रोम, जानिए लक्षण और पूरी तरह इसे ठीक क्यों नहीं किया जा सकता?

बीच में दवा छोड़ने से क्या होता है?

बीमारी दोबारा लौट आती है: जब आप दवा अधूरी छोड़ते हैं, तो बैक्टीरिया या वायरस पूरी तरह खत्म नहीं होते. कुछ बचे हुए जीवाणु दोबारा सक्रिय हो जाते हैं. 

रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर: अधूरा इलाज आपकी इम्यून सिस्टम पर जोर डालता है. आपका शरीर थक जाता है बार-बार उसी बीमारी से लड़ते हुए. 

एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस का खतरा: ये सबसे खतरनाक समस्या है. जब बैक्टीरिया बार-बार अधूरी दवा के संपर्क में आते हैं, तो वो उस दवा के प्रति प्रतिरोधक हो जाते हैं. 

लंबा और महंगा इलाज:फिर से बीमार पड़ने पर आपको ज्यादा दवाएं, ज्यादा समय और कभी-कभी हॉस्पिटल तक की जरूरत पड़ सकती है. 

कुछ लोग कहते हैं कि, “दवा से नींद आती है या पेट खराब होता है, इसलिए छोड़ दी।” दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन डॉक्टर को बताकर दवा बदलवाई जा सकती है. 

डॉक्टर के निर्देश का पालन करें

पूरा डोज लें: जितने दिन की दवा दी गई है, उतने दिन तक लें, चाहे आप पहले ही ठीक क्यों न लगें. 

दवा समय पर लें: समय से दवा लेना उतना ही जरूरी है जितना कोर्स पूरा करना होता है.  

बिना डॉक्टर से पूछे दवा बंद न करें

दवाएं बीमारी की जड़ पर वार करती हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें समय और अनुशासन चाहिए. बीच में दवा छोड़ना मतलब बीमारी को दोबारा बुलाना और इस बार वो ज्यादा ताकतवर होकर लौट सकती है. इसलिए दवा का पूरा डोज लेना महत्वपूर्ण है. चाहे आपको सबकुछ ठीक लग रहा हो, फिर भी दवा को बंद न करें. 

ये भी पढ़ें: कैसे होता है डीएनए टेस्ट, अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बुरी तरह जले हुए शवों की कौन-सी चीज करेगी मदद?

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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