तेलंगाना हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: ग्रुप-1 रैंकिंग लिस्ट रद्द, दोबारा जांच के दिए आदेश
तेलंगाना हाई कोर्ट ने तेलंगाना पब्लिक सर्विस कमीशन (टीजीपीएससी) की ग्रुप-1 परीक्षाओं की रैंकिंग लिस्ट को रद्द कर दिया है. यह लिस्ट 10 मार्च 2025 को जारी की गई थी. कोर्ट ने साफ कहा है कि परीक्षा के पेपर्स की दोबारा जांच (री-वैल्यूएशन) करनी होगी. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक नया रिजल्ट जारी नहीं होगा. अगर दोबारा जांच मुमकिन नहीं हुई तो परीक्षा दोबारा करानी होगी. जस्टिस नामवरपु राजेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 7 जुलाई 2025 को विस्तृत सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने टीजीपीएससी को यह जांच पूरी करने के लिए आठ महीने का समय दिया है. इस फैसले से ग्रुप-1 की परीक्षा देने वाले हजारों अभ्यर्थी प्रभावित होंगे, जो काफी समय से रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे. क्या है पूरा मामला? तेलंगाना पब्लिक सर्विस कमीशन (टीजीपीएससी) ने 10 मार्च 2025 को ग्रुप-1 परीक्षाओं का रिजल्ट जारी किया था. यह परीक्षा राज्य की सरकारी नौकरियों के लिए होती है, जिसमें कई बड़े पदों के लिए भर्तियां की जाती हैं. हालांकि, रिजल्ट आने के बाद कई अभ्यर्थियों ने इसकी जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए. उनका कहना था कि पेपर्स की जांच में गड़बड़ी हुई है और रिजल्ट में कई गलतियां हैं. अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी थी. इन शिकायतों को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में कहा गया कि टीजीपीएससी ने पेपर्स की जांच ठीक ढंग से नहीं की. अभ्यर्थियों ने कोर्ट को कुछ सबूत भी दिए, जिनमें मूल्यांकन में गड़बड़ी के दावे किए गए थे. कोर्ट ने इन याचिकाओं पर गंभीरता से सुनवाई की. 7 जुलाई को हुई सुनवाई में जस्टिस राजेश्वर राव की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनीं और सबूतों का जायजा लिया. इसके बाद कोर्ट ने रैंकिंग लिस्ट को रद्द करने का फैसला सुनाया. कोर्ट ने क्या कहा? कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि टीजीपीएससी को ग्रुप-1 परीक्षा के पेपर्स की दोबारा जांच करनी होगी. यह जांच पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए. कोर्ट ने टीजीपीएससी को इसके लिए आठ महीने का समय दिया है. ऐसे में टीजीपीएससी को मार्च 2026 तक यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी. अगर किसी वजह से दोबारा जांच नहीं हो पाई तो कोर्ट ने यह भी कहा है कि टीजीपीएससी को नए सिरे से परीक्षा आयोजित करनी होगी. कोर्ट का यह फैसला उन अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत है, जो रिजल्ट से खुश नहीं थे. हालांकि, उन लोगों को परेशानी होगी, जो पहले रिजल्ट में पास हो चुके थे. अब उन्हें नए रिजल्ट का इंतजार करना होगा. अभ्यर्थियों पर क्या असर होगा? ग्रुप-1 परीक्षा में हजारों अभ्यर्थी शामिल हुए थे. ये वे युवा हैं, जो सरकारी नौकरी के सपने देख रहे हैं. इस फैसले से उन कैंडिडेट्स पर सीधा असर पड़ेगा, जो लोग पास हो गए थे. अगर दोबारा जांच में रिजल्ट बदल गया तो उनकी रैंकिंग भी बदल सकती है. वहीं, जिन लोगों ने गड़बड़ी की शिकायत की थी, उनके लिए यह फैसला उम्मीद की एक किरण है. (इनपुट: शेख मोहसिन) ये भी पढ़ें: कितने पढ़े-लिखे हैं नेपाल के प्रदर्शनकारी GEN-Z के नेता बालेन शाह? देख लें पूरा एजुकेशन चार्ट

तेलंगाना हाई कोर्ट ने तेलंगाना पब्लिक सर्विस कमीशन (टीजीपीएससी) की ग्रुप-1 परीक्षाओं की रैंकिंग लिस्ट को रद्द कर दिया है. यह लिस्ट 10 मार्च 2025 को जारी की गई थी. कोर्ट ने साफ कहा है कि परीक्षा के पेपर्स की दोबारा जांच (री-वैल्यूएशन) करनी होगी. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक नया रिजल्ट जारी नहीं होगा. अगर दोबारा जांच मुमकिन नहीं हुई तो परीक्षा दोबारा करानी होगी.
जस्टिस नामवरपु राजेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 7 जुलाई 2025 को विस्तृत सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने टीजीपीएससी को यह जांच पूरी करने के लिए आठ महीने का समय दिया है. इस फैसले से ग्रुप-1 की परीक्षा देने वाले हजारों अभ्यर्थी प्रभावित होंगे, जो काफी समय से रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे.
क्या है पूरा मामला?
तेलंगाना पब्लिक सर्विस कमीशन (टीजीपीएससी) ने 10 मार्च 2025 को ग्रुप-1 परीक्षाओं का रिजल्ट जारी किया था. यह परीक्षा राज्य की सरकारी नौकरियों के लिए होती है, जिसमें कई बड़े पदों के लिए भर्तियां की जाती हैं. हालांकि, रिजल्ट आने के बाद कई अभ्यर्थियों ने इसकी जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए. उनका कहना था कि पेपर्स की जांच में गड़बड़ी हुई है और रिजल्ट में कई गलतियां हैं. अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी थी. इन शिकायतों को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की.
याचिका में कहा गया कि टीजीपीएससी ने पेपर्स की जांच ठीक ढंग से नहीं की. अभ्यर्थियों ने कोर्ट को कुछ सबूत भी दिए, जिनमें मूल्यांकन में गड़बड़ी के दावे किए गए थे. कोर्ट ने इन याचिकाओं पर गंभीरता से सुनवाई की. 7 जुलाई को हुई सुनवाई में जस्टिस राजेश्वर राव की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनीं और सबूतों का जायजा लिया. इसके बाद कोर्ट ने रैंकिंग लिस्ट को रद्द करने का फैसला सुनाया.
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि टीजीपीएससी को ग्रुप-1 परीक्षा के पेपर्स की दोबारा जांच करनी होगी. यह जांच पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए. कोर्ट ने टीजीपीएससी को इसके लिए आठ महीने का समय दिया है. ऐसे में टीजीपीएससी को मार्च 2026 तक यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी. अगर किसी वजह से दोबारा जांच नहीं हो पाई तो कोर्ट ने यह भी कहा है कि टीजीपीएससी को नए सिरे से परीक्षा आयोजित करनी होगी. कोर्ट का यह फैसला उन अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत है, जो रिजल्ट से खुश नहीं थे. हालांकि, उन लोगों को परेशानी होगी, जो पहले रिजल्ट में पास हो चुके थे. अब उन्हें नए रिजल्ट का इंतजार करना होगा.
अभ्यर्थियों पर क्या असर होगा?
ग्रुप-1 परीक्षा में हजारों अभ्यर्थी शामिल हुए थे. ये वे युवा हैं, जो सरकारी नौकरी के सपने देख रहे हैं. इस फैसले से उन कैंडिडेट्स पर सीधा असर पड़ेगा, जो लोग पास हो गए थे. अगर दोबारा जांच में रिजल्ट बदल गया तो उनकी रैंकिंग भी बदल सकती है. वहीं, जिन लोगों ने गड़बड़ी की शिकायत की थी, उनके लिए यह फैसला उम्मीद की एक किरण है. (इनपुट: शेख मोहसिन)
ये भी पढ़ें: कितने पढ़े-लिखे हैं नेपाल के प्रदर्शनकारी GEN-Z के नेता बालेन शाह? देख लें पूरा एजुकेशन चार्ट
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