तुर्की के बाद अब बारी चीन की... इस तरह से ड्रैगन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है भारत सरकार

India China Investment Deal: तुर्की के बाद अब भारत पाकिस्तान के एक और दोस्त चीन को सबक सिखाने की तैयारी में है. रिपोर्ट के मुताबिक, 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत के साथ तनाव में पाकिस्तान ने अधिकतर तुर्की और चीन के हथियारों का इस्तेमाल किया था. अब सबक सिखाने की भारत की बारी है.  चीन समर्थित इंवेस्टमेंट डील की होगी सख्त रिव्यू भारत में चीन से चल रही इंवेस्टमेंट डील में देरी होने की खबर सामने आ रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार कम से कम 6-7 चीन समर्थित इंवेस्टमेंट डील की नए सिरे से रिव्यू करने वाली है, जिससे इन्हें मंजूरी मिलने में देरी लग सकती है. NDTV Profit की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने चीन की कंपनियों की तरफ से विदेशी निवेश प्रस्तावों और संयुक्त उद्यमों की जांच तेज कर सकती है. निवेश संबंधी जितने भी प्रस्तावों पर बात होनी थी उनकी अब दोबारा से रिव्यू किए जाने पर मंजूरी मिलने में देरी हो सकती है. जानकारी के मुताबिक, मौजूदा और आने वाले समय में चीन समर्थित ज्वॉइंट वेंचर्स को स्ट्रिक्ट कम्प्लायेंस रिक्वायरमेंट के तहत गुजरना पड़ सकता है.  2020 में लगा चीन से FDI पर प्रतिबंध भारत ने पहले अप्रैल 2020 में चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि इस तरह के सभी प्रस्तावों की जांच की जानी चाहिए और इस फ्रेमवर्क के आधार पर सरकार को मंजूरी दी जानी चाहिए. बता दें कि इस दौरान कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद घरेलू कंपनियों के अवसरवादी अधिग्रहण को रोकने के लिए भारत ने अपने साथ भूमि साझा करने वाले देशों से विदेशी निवेश के लिए सरकारी मंजूरी लेने को अनिवार्य कर दिया था. उस दौरान भारत के उठाए इस कदम से चीन बौखला गया था.  चीन ने दिया पाकिस्तान का साथ अब सरकार ने यह नया कदम एक ऐसे वक्त पर उठाया है, जब चीन ने न केवल पाकिस्तान का सच्चा दोस्त बनकर उसके साथ खड़े रहने की बात कही, बल्कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने जिन मिसाइलों व एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया था उसकी भी सप्लाई चीन से होने की खबरें सामने आई थीं.  ये भी पढ़ें: अब तुर्की को चुकानी होगी आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान का साथ देने की कीमत, भारत अब ऐसे चखाएगा मजा

May 14, 2025 - 19:30
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तुर्की के बाद अब बारी चीन की... इस तरह से ड्रैगन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है भारत सरकार

India China Investment Deal: तुर्की के बाद अब भारत पाकिस्तान के एक और दोस्त चीन को सबक सिखाने की तैयारी में है. रिपोर्ट के मुताबिक, 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत के साथ तनाव में पाकिस्तान ने अधिकतर तुर्की और चीन के हथियारों का इस्तेमाल किया था. अब सबक सिखाने की भारत की बारी है. 

चीन समर्थित इंवेस्टमेंट डील की होगी सख्त रिव्यू

भारत में चीन से चल रही इंवेस्टमेंट डील में देरी होने की खबर सामने आ रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार कम से कम 6-7 चीन समर्थित इंवेस्टमेंट डील की नए सिरे से रिव्यू करने वाली है, जिससे इन्हें मंजूरी मिलने में देरी लग सकती है.

NDTV Profit की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने चीन की कंपनियों की तरफ से विदेशी निवेश प्रस्तावों और संयुक्त उद्यमों की जांच तेज कर सकती है. निवेश संबंधी जितने भी प्रस्तावों पर बात होनी थी उनकी अब दोबारा से रिव्यू किए जाने पर मंजूरी मिलने में देरी हो सकती है. जानकारी के मुताबिक, मौजूदा और आने वाले समय में चीन समर्थित ज्वॉइंट वेंचर्स को स्ट्रिक्ट कम्प्लायेंस रिक्वायरमेंट के तहत गुजरना पड़ सकता है. 

2020 में लगा चीन से FDI पर प्रतिबंध

भारत ने पहले अप्रैल 2020 में चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि इस तरह के सभी प्रस्तावों की जांच की जानी चाहिए और इस फ्रेमवर्क के आधार पर सरकार को मंजूरी दी जानी चाहिए.

बता दें कि इस दौरान कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद घरेलू कंपनियों के अवसरवादी अधिग्रहण को रोकने के लिए भारत ने अपने साथ भूमि साझा करने वाले देशों से विदेशी निवेश के लिए सरकारी मंजूरी लेने को अनिवार्य कर दिया था. उस दौरान भारत के उठाए इस कदम से चीन बौखला गया था. 

चीन ने दिया पाकिस्तान का साथ

अब सरकार ने यह नया कदम एक ऐसे वक्त पर उठाया है, जब चीन ने न केवल पाकिस्तान का सच्चा दोस्त बनकर उसके साथ खड़े रहने की बात कही, बल्कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने जिन मिसाइलों व एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया था उसकी भी सप्लाई चीन से होने की खबरें सामने आई थीं. 

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अब तुर्की को चुकानी होगी आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान का साथ देने की कीमत, भारत अब ऐसे चखाएगा मजा

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