डिलीवरी के कितने महीने बाद तक खानी चाहिए दवाएं, बेहद जरूरी है ये बात
Medicines after Delivery: मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत अहसास होता है, लेकिन डिलीवरी के बाद शरीर काफी कमजोर हो जाता है और मां को न सिर्फ बच्चे की देखभाल करनी होती है, बल्कि खुद के स्वास्थ्य का भी खास ख्याल रखना पड़ता है. ऐसे में एक बड़ा सवाल जो नई माताओं के मन में उठता है, वह यह है, "डिलीवरी के बाद कितने महीने तक दवाएं लेना जरूरी है?" बाजार में मिलने वाले तरह-तरह के सप्लीमेंट, डॉक्टर की सलाह से दी जाने वाली आयरन, कैल्शियम और मल्टीविटामिन गोलियां, इन सबको कब तक लेना चाहिए? क्या सभी दवाएं एक जैसी होती हैं और क्या दवाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के अचानक बंद कर देना सही है? इन तमाम सवालों का जवाब जानना हर नई मां के लिए बेहद जरूरी है। इसी पर डॉ. सुप्रिया पुराणिक, जो स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, अपने यूट्यूब चैनल पर इस विषय में विस्तार से जानकारी देती हैं. उनके अनुसार आइए जानते हैं डिलीवरी के बाद दवाओं का सही समय, महत्व और सावधानियां. ये भी पढ़े- बरसात के मौसम में क्या वाकई नहीं खानी चाहिए दही? जान लीजिए क्या है सच डिलीवरी के बाद शरीर की जरूरतें बदलती हैं डिलीवरी के बाद महिला का शरीर बहुत कुछ झेलता है, खून की कमी, हॉर्मोनल बदलाव, थकान, और प्रसव के बाद आई शारीरिक कमजोरी. ऐसे में शरीर को पोषण की जरूरत होती है, जो सामान्य भोजन से तुरंत नहीं मिल पाता. इसलिए डॉक्टर आयरन, कैल्शियम और मल्टीविटामिन जैसी दवाएं लेने की सलाह देते हैं. डॉक्टर की सलाह से लें दवाएं डॉ. सुप्रिया पुराणिक के अनुसार, डिलीवरी के बाद कम से कम 3 से 6 महीने तक दवाएं नियमित रूप से लेनी चाहिए. अगर मां स्तनपान करवा रही है, तो दवाएं उसके दूध के जरिए भी शिशु को पोषण देती हैं. इसलिए दवाओं का सही समय पर और सही मात्रा में सेवन बहुत जरूरी होता है. कौन-कौन सी दवाएं जरूरी होती हैं? आयरन सप्लीमेंट – प्रसव के बाद खून की कमी को पूरा करने के लिए कैल्शियम टैबलेट्स – हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए मल्टीविटामिन्स – ऊर्जा और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए दवाएं बंद कब करें? कई महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के 2 महीने में दवाएं बंद कर देती हैं, जो गलत है. दवाओं की अवधि आपकी शारीरिक स्थिति, प्रसव के प्रकार (नॉर्मल या सी-सेक्शन) और रिकवरी की रफ्तार पर निर्भर करती है. इसलिए डॉक्टर से रेगुलर फॉलो-अप बहुत जरूरी है. ये भी पढ़ें: किस बीमारी से जूझ रहीं पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की दोनों बेटियां, जानें ये कितनी खतरनाक? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Medicines after Delivery: मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत अहसास होता है, लेकिन डिलीवरी के बाद शरीर काफी कमजोर हो जाता है और मां को न सिर्फ बच्चे की देखभाल करनी होती है, बल्कि खुद के स्वास्थ्य का भी खास ख्याल रखना पड़ता है. ऐसे में एक बड़ा सवाल जो नई माताओं के मन में उठता है, वह यह है, "डिलीवरी के बाद कितने महीने तक दवाएं लेना जरूरी है?"
बाजार में मिलने वाले तरह-तरह के सप्लीमेंट, डॉक्टर की सलाह से दी जाने वाली आयरन, कैल्शियम और मल्टीविटामिन गोलियां, इन सबको कब तक लेना चाहिए? क्या सभी दवाएं एक जैसी होती हैं और क्या दवाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के अचानक बंद कर देना सही है? इन तमाम सवालों का जवाब जानना हर नई मां के लिए बेहद जरूरी है। इसी पर डॉ. सुप्रिया पुराणिक, जो स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, अपने यूट्यूब चैनल पर इस विषय में विस्तार से जानकारी देती हैं. उनके अनुसार आइए जानते हैं डिलीवरी के बाद दवाओं का सही समय, महत्व और सावधानियां.
ये भी पढ़े- बरसात के मौसम में क्या वाकई नहीं खानी चाहिए दही? जान लीजिए क्या है सच
डिलीवरी के बाद शरीर की जरूरतें बदलती हैं
डिलीवरी के बाद महिला का शरीर बहुत कुछ झेलता है, खून की कमी, हॉर्मोनल बदलाव, थकान, और प्रसव के बाद आई शारीरिक कमजोरी. ऐसे में शरीर को पोषण की जरूरत होती है, जो सामान्य भोजन से तुरंत नहीं मिल पाता. इसलिए डॉक्टर आयरन, कैल्शियम और मल्टीविटामिन जैसी दवाएं लेने की सलाह देते हैं.
डॉक्टर की सलाह से लें दवाएं
डॉ. सुप्रिया पुराणिक के अनुसार, डिलीवरी के बाद कम से कम 3 से 6 महीने तक दवाएं नियमित रूप से लेनी चाहिए. अगर मां स्तनपान करवा रही है, तो दवाएं उसके दूध के जरिए भी शिशु को पोषण देती हैं. इसलिए दवाओं का सही समय पर और सही मात्रा में सेवन बहुत जरूरी होता है.
कौन-कौन सी दवाएं जरूरी होती हैं?
- आयरन सप्लीमेंट – प्रसव के बाद खून की कमी को पूरा करने के लिए
- कैल्शियम टैबलेट्स – हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए
- मल्टीविटामिन्स – ऊर्जा और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए
दवाएं बंद कब करें?
कई महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के 2 महीने में दवाएं बंद कर देती हैं, जो गलत है. दवाओं की अवधि आपकी शारीरिक स्थिति, प्रसव के प्रकार (नॉर्मल या सी-सेक्शन) और रिकवरी की रफ्तार पर निर्भर करती है. इसलिए डॉक्टर से रेगुलर फॉलो-अप बहुत जरूरी है.
ये भी पढ़ें: किस बीमारी से जूझ रहीं पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की दोनों बेटियां, जानें ये कितनी खतरनाक?
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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