डायबिटीज के मरीजों को कितने घंटे में कुछ न कुछ खाना होता है? जानें ये जरूरी बात
Diabetes Diet Plan: शुगर की बीमारी यानी डायबिटीज एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जो सिर्फ दवाओं से नहीं बल्कि सही दिनचर्या और खानपान से भी नियंत्रित की जा सकती है. अगर आप या आपके परिवार में कोई इस बीमारी से जूझ रहा है, तो आपने ये बात जरूर सुनी होगी कि डायबिटीज में भूखा नहीं रहना चाहिए। लेकिन असली सवाल ये है कि, कितने घंटे के अंदर कुछ न कुछ खाना जरूरी है? क्योंकि लंबे समय तक भूखे रहना या खाने में देरी करना डायबिटिक मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. डायबिटीज में लंबे समय तक भूखा रहना क्यों खतरनाक है? डायबिटीज में शरीर का ब्लड शुगर लेवल या तो बहुत ज्यादा हो जाता है या बहुत कम. अगर मरीज कई घंटे तक कुछ नहीं खाता, तो ब्लड शुगर लो होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे चक्कर आना, पसीना आना, घबराहट और यहां तक कि बेहोशी भी हो सकती है. वहीं दूसरी तरफ अगर अचानक ज्यादा खा लिया जाए तो शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है, जो हाइपरग्लाइसीमिया का कारण बनता है. इसीलिए, डायबिटीज मरीजों के लिए नियमित अंतराल पर खाना बेहद जरूरी है. ये भी पढ़े- दीपिका कक्कड़ हुईं गंभीर बीमारी का शिकार, जानें लिवर में ट्यूमर होना कितना खतरनाक डायबिटीज वाले लोगों को कितने घंटे में खाना चाहिए? जानकरी के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को हर ढाई से तीन घंटे में कुछ हल्का और संतुलित आहार लेना चाहिए. इसमें मुख्य भोजन (ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर) के अलावा दो स्नैक्स शामिल होते हैं. इससे शुगर लेवल स्थिर बना रहता है और अचानक उतार-चढ़ाव से बचाव होता है. डायबिटिक वाले लोगों के लिए डाइट प्लान सुबह 8 बजे: दलिया, ब्राउन ब्रेड, उबला अंडा या स्प्राउट्स सुबह 11 बजे: मुट्ठी भर भुने चने या खीरा-टमाटर दोपहर 1 बजे: रोटी, हरी सब्ज़ी, दाल और सलाद शाम 4 बजे: फ्रूट (जैसे सेब या अमरूद) और ग्रीन टी रात 7 बजे: लाइट मील, जैसे सूप और रोटी-सब्ज़ी रात 9 बजे: दूध या नट्स को खा सकते हैं डायबिटीज कोई सामान्य बीमारी नहीं है, लेकिन सही खानपान और समय पर भोजन करके इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है. हर 3 घंटे में कुछ हल्का और पौष्टिक खाना न सिर्फ आपकी शुगर को कंट्रोल में रखेगा, बल्कि आपको ऊर्जावान भी बनाए रखेगा. डायबिटीज का इलाज सिर्फ दवाओं से नहीं, बल्कि अनुशासन से भी होता है. यह भी पढ़ें : पूरी तरह शुगर छोड़ने के फायदे तो जान गए होंगे, अब जान लीजिए क्या है इसके नुकसान Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Diabetes Diet Plan: शुगर की बीमारी यानी डायबिटीज एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जो सिर्फ दवाओं से नहीं बल्कि सही दिनचर्या और खानपान से भी नियंत्रित की जा सकती है. अगर आप या आपके परिवार में कोई इस बीमारी से जूझ रहा है, तो आपने ये बात जरूर सुनी होगी कि डायबिटीज में भूखा नहीं रहना चाहिए। लेकिन असली सवाल ये है कि, कितने घंटे के अंदर कुछ न कुछ खाना जरूरी है? क्योंकि लंबे समय तक भूखे रहना या खाने में देरी करना डायबिटिक मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
डायबिटीज में लंबे समय तक भूखा रहना क्यों खतरनाक है?
डायबिटीज में शरीर का ब्लड शुगर लेवल या तो बहुत ज्यादा हो जाता है या बहुत कम. अगर मरीज कई घंटे तक कुछ नहीं खाता, तो ब्लड शुगर लो होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे चक्कर आना, पसीना आना, घबराहट और यहां तक कि बेहोशी भी हो सकती है. वहीं दूसरी तरफ अगर अचानक ज्यादा खा लिया जाए तो शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है, जो हाइपरग्लाइसीमिया का कारण बनता है. इसीलिए, डायबिटीज मरीजों के लिए नियमित अंतराल पर खाना बेहद जरूरी है.
ये भी पढ़े- दीपिका कक्कड़ हुईं गंभीर बीमारी का शिकार, जानें लिवर में ट्यूमर होना कितना खतरनाक
डायबिटीज वाले लोगों को कितने घंटे में खाना चाहिए?
जानकरी के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को हर ढाई से तीन घंटे में कुछ हल्का और संतुलित आहार लेना चाहिए. इसमें मुख्य भोजन (ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर) के अलावा दो स्नैक्स शामिल होते हैं. इससे शुगर लेवल स्थिर बना रहता है और अचानक उतार-चढ़ाव से बचाव होता है.
डायबिटिक वाले लोगों के लिए डाइट प्लान
सुबह 8 बजे: दलिया, ब्राउन ब्रेड, उबला अंडा या स्प्राउट्स
सुबह 11 बजे: मुट्ठी भर भुने चने या खीरा-टमाटर
दोपहर 1 बजे: रोटी, हरी सब्ज़ी, दाल और सलाद
शाम 4 बजे: फ्रूट (जैसे सेब या अमरूद) और ग्रीन टी
रात 7 बजे: लाइट मील, जैसे सूप और रोटी-सब्ज़ी
रात 9 बजे: दूध या नट्स को खा सकते हैं
डायबिटीज कोई सामान्य बीमारी नहीं है, लेकिन सही खानपान और समय पर भोजन करके इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है. हर 3 घंटे में कुछ हल्का और पौष्टिक खाना न सिर्फ आपकी शुगर को कंट्रोल में रखेगा, बल्कि आपको ऊर्जावान भी बनाए रखेगा. डायबिटीज का इलाज सिर्फ दवाओं से नहीं, बल्कि अनुशासन से भी होता है.
यह भी पढ़ें : पूरी तरह शुगर छोड़ने के फायदे तो जान गए होंगे, अब जान लीजिए क्या है इसके नुकसान
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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