टैरिफ का डर दिखाने वाले ट्रंप की भारत ने निकाल ली काट, अब सरकार के इस कदम से हैरान होगा अमेरिका
FDI Rule Relaxations: अमेरिका की ट्रंप सरकार दुनियाभर के देशों को लगातार टैरिफ का डर दिखा रही है. उनके ऊपर भारी भरकम टैरिफ लगाकर दबाव बना रही है. ट्रंप प्रशासन के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितताएं देखी जा रही हैं. उनके इस कदम से भारत में भी कारोबार प्रभावित हुआ है. लेकिन, भारत सरकार देश में कारोबार को बढ़ाने के लिए कुछ खास कदम उठाने जा रही है. चीनी कंपनियों को छूट का प्रस्ताव प्रत्यक्ष विदेश निवेश को बढ़ावा देने के लिए अब नीति आयोग ने उन नियमों में ढील देने का प्रस्ताव किया है, जिससे अब तक चीन की कंपनियों को भारत में निवेश के लिए अतिरिक्त कड़ी जांच की जरूरत पड़ती थी. नीति आयोग का मानना है कि उनके इस कदम से कुछ बड़ी डील होगी और देश में कारोबार करने वाली कंपनियों को फायदा होगा, क्योंकि इससे पहले कड़े नियमों के चलते कुछ बड़ी डील को फाइलन होने में काफी देरी हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की कंपनियों को भारत में कारोबार करने के लिए इस समय विदेश मंत्रालयों और गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी एप्रूवल की जरूरत पड़ती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि नीति आयोग की तरफ से ऐसा प्रस्ताव दिया गया है कि कोई भी चीन की कंपनी भारत में किसी कंपनी के साथ बिना अनुमोदन के ही 24 प्रतिशत तक हिस्सेदारी ले सकती है. एफडीआई बढ़ाने के उद्देश्य से कदम प्रत्यक्ष विदेश निवेश में बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीति आयोग की तरफ से इस तरह का प्रस्ताव दिया गया है. सरकार के थिंक टैंक के इस प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही व्यापार मंत्रालय का उद्योग विभाग, विदेश मंत्रालय और वित्त विभाग इस मामले पर फिलहाल मंथन कर रहा है. गौरतलब है कि साल 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद जो रिश्तों में खटास पैदा हुई थी, उसके सुधारने के लिए दोनों देशों की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे हैं. रायटर्स ने अपनी खबर में बताया है कि उन्होंने इस विषय पर पीएमओ, नीति आयोग, उद्योग विभाग और दूसरे मंत्रालयों से संपर्क किया, लेकिन उस पर अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. ये भी पढ़ें: ये शेयर है या सोना उगलने की मशीन, पांच साल में निवेशकों को किया मालामाल, अब भी जबरदस्त खरीदारी

FDI Rule Relaxations: अमेरिका की ट्रंप सरकार दुनियाभर के देशों को लगातार टैरिफ का डर दिखा रही है. उनके ऊपर भारी भरकम टैरिफ लगाकर दबाव बना रही है. ट्रंप प्रशासन के इस कदम से अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितताएं देखी जा रही हैं. उनके इस कदम से भारत में भी कारोबार प्रभावित हुआ है. लेकिन, भारत सरकार देश में कारोबार को बढ़ाने के लिए कुछ खास कदम उठाने जा रही है.
चीनी कंपनियों को छूट का प्रस्ताव
प्रत्यक्ष विदेश निवेश को बढ़ावा देने के लिए अब नीति आयोग ने उन नियमों में ढील देने का प्रस्ताव किया है, जिससे अब तक चीन की कंपनियों को भारत में निवेश के लिए अतिरिक्त कड़ी जांच की जरूरत पड़ती थी. नीति आयोग का मानना है कि उनके इस कदम से कुछ बड़ी डील होगी और देश में कारोबार करने वाली कंपनियों को फायदा होगा, क्योंकि इससे पहले कड़े नियमों के चलते कुछ बड़ी डील को फाइलन होने में काफी देरी हुई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की कंपनियों को भारत में कारोबार करने के लिए इस समय विदेश मंत्रालयों और गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी एप्रूवल की जरूरत पड़ती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि नीति आयोग की तरफ से ऐसा प्रस्ताव दिया गया है कि कोई भी चीन की कंपनी भारत में किसी कंपनी के साथ बिना अनुमोदन के ही 24 प्रतिशत तक हिस्सेदारी ले सकती है.
एफडीआई बढ़ाने के उद्देश्य से कदम
प्रत्यक्ष विदेश निवेश में बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीति आयोग की तरफ से इस तरह का प्रस्ताव दिया गया है. सरकार के थिंक टैंक के इस प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही व्यापार मंत्रालय का उद्योग विभाग, विदेश मंत्रालय और वित्त विभाग इस मामले पर फिलहाल मंथन कर रहा है.
गौरतलब है कि साल 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद जो रिश्तों में खटास पैदा हुई थी, उसके सुधारने के लिए दोनों देशों की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे हैं. रायटर्स ने अपनी खबर में बताया है कि उन्होंने इस विषय पर पीएमओ, नीति आयोग, उद्योग विभाग और दूसरे मंत्रालयों से संपर्क किया, लेकिन उस पर अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
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