चीन में AI चिप के एक्सपोर्ट से इस शर्त पर हटा बैन, Nvidia और AMD को देना होगा अपने मुनाफे का इतना हिस्सा

AI चिप बनाने वाली कंपनी एनवीडिया और AMD चीन में सेमीकंडक्टर चिप से बिक्री से होने वाले मुनाफे का 15 परसेंट अमेरिकी सरकार को देने के लिए राजी हो गई है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह समझौता दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी के लिए एक्सपोर्ट लाइसेंस हासिल करने का एक हिस्सा है. Nvidia ने BBC को बताया, हम दुनियाभर के बाजारों में अपनी भागीदारी के लिए अमेरिकी सरकार के बनाए गए नियमों का पालन करते हैं. हमने महीनों से चीन में अपने H20 चिप नहीं भेजे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि निर्यात को काबू में रखने के लिए बनाए गए नियम से अमेरिका को चीन और दुनिया भर में प्रतिस्पर्धी बनाए रखने से मदद मिलेगी. AMD ने फिलहाल इस पर कुछ नहीं कहा है.  बाइडेन की सरकार में लागू हुआ एक्सपोर्ट कंट्रोल बता दें कि अक्टूबर 2022 में जो बाइडेन के प्रशासन में अमेरिका ने एक्सपोर्ट कंट्रोल लागू किया था. इसका मकसद चीन में एडवांस्ड चिप की पहुंच को रोकना था ताकि टेक्नोलॉजी की ओर चीन के लगातार बढ़ते कदम को रोका जा सके. अमेरिका को इस बात की आशंका थी कि इन AI चिप्स के बलबूते चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को मजबूत बनाने के साथ मिलिट्री टेक्नोलॉजी में भी आगे बढ़ जाएगा क्योंकि AI चिप्स का इस्तेमाल Autonomous Weapons Systems को संचालित करने के लिए भी होता है. ऐसे में अगर चीन की सेना मजबूत हो जाती है, तो इससे अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती पैदा हो जाएगी. इसी के चलते अमेरिका ने Nvidia के H100 और A100 जैसे GPU चिप्स की चीन में बिक्री पर रोक लगा दी.  कंपनी को हो रहा अरबों का नुकसान अमेरिका के इसी बैन के चलते कंपनी को साल की शुरुआत में 5.5 अरब डॉलर के अनुमानित भारी-भरकम नुकसान का सामना करना पड़ा. कंपनी को जुलाई तिमाही में 8 अरब डॉलर के नुकसान का भी खतरा बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, इस सिलसिले में Nvidia के सीईओ जेनसन हुआंग ने बीते बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. कंपनी की तरफ से भी जुलाई में चीन को H20 की शिपमेंट फिर से शुरू करने के लिए लाइसेंस अप्लाई करने की जानकारी दी गई थी.  इस शर्त पर बनी बात  अब अमेरिकी सरकार के साथ हुई डील के तहत कंपनी चीन में H20 चिप की बिक्री से होने वाले अपने रेवेन्यू का 15 परसेंट अमेरिकी सरकार को देगी. वहीं, AMD भी अपने MI308 चिप से होने वाले रेवेन्यू का इतना ही हिस्सा देगा. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.    ये भी पढ़ें:  हिंदुस्तान की खूबसूरती का दीवाना हुआ पाक, 'ऑपरेशन सिंदूर' से पहले 26000 से ज्यादा पाकिस्तानी आए घूमने

Aug 11, 2025 - 13:30
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चीन में AI चिप के एक्सपोर्ट से इस शर्त पर हटा बैन, Nvidia और AMD को देना होगा अपने मुनाफे का इतना हिस्सा

AI चिप बनाने वाली कंपनी एनवीडिया और AMD चीन में सेमीकंडक्टर चिप से बिक्री से होने वाले मुनाफे का 15 परसेंट अमेरिकी सरकार को देने के लिए राजी हो गई है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह समझौता दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी के लिए एक्सपोर्ट लाइसेंस हासिल करने का एक हिस्सा है.

Nvidia ने BBC को बताया, हम दुनियाभर के बाजारों में अपनी भागीदारी के लिए अमेरिकी सरकार के बनाए गए नियमों का पालन करते हैं. हमने महीनों से चीन में अपने H20 चिप नहीं भेजे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि निर्यात को काबू में रखने के लिए बनाए गए नियम से अमेरिका को चीन और दुनिया भर में प्रतिस्पर्धी बनाए रखने से मदद मिलेगी. AMD ने फिलहाल इस पर कुछ नहीं कहा है. 

बाइडेन की सरकार में लागू हुआ एक्सपोर्ट कंट्रोल

बता दें कि अक्टूबर 2022 में जो बाइडेन के प्रशासन में अमेरिका ने एक्सपोर्ट कंट्रोल लागू किया था. इसका मकसद चीन में एडवांस्ड चिप की पहुंच को रोकना था ताकि टेक्नोलॉजी की ओर चीन के लगातार बढ़ते कदम को रोका जा सके.

अमेरिका को इस बात की आशंका थी कि इन AI चिप्स के बलबूते चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को मजबूत बनाने के साथ मिलिट्री टेक्नोलॉजी में भी आगे बढ़ जाएगा क्योंकि AI चिप्स का इस्तेमाल Autonomous Weapons Systems को संचालित करने के लिए भी होता है. ऐसे में अगर चीन की सेना मजबूत हो जाती है, तो इससे अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती पैदा हो जाएगी. इसी के चलते अमेरिका ने Nvidia के H100 और A100 जैसे GPU चिप्स की चीन में बिक्री पर रोक लगा दी. 

कंपनी को हो रहा अरबों का नुकसान

अमेरिका के इसी बैन के चलते कंपनी को साल की शुरुआत में 5.5 अरब डॉलर के अनुमानित भारी-भरकम नुकसान का सामना करना पड़ा. कंपनी को जुलाई तिमाही में 8 अरब डॉलर के नुकसान का भी खतरा बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, इस सिलसिले में Nvidia के सीईओ जेनसन हुआंग ने बीते बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. कंपनी की तरफ से भी जुलाई में चीन को H20 की शिपमेंट फिर से शुरू करने के लिए लाइसेंस अप्लाई करने की जानकारी दी गई थी. 

इस शर्त पर बनी बात 

अब अमेरिकी सरकार के साथ हुई डील के तहत कंपनी चीन में H20 चिप की बिक्री से होने वाले अपने रेवेन्यू का 15 परसेंट अमेरिकी सरकार को देगी. वहीं, AMD भी अपने MI308 चिप से होने वाले रेवेन्यू का इतना ही हिस्सा देगा. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. 

 

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हिंदुस्तान की खूबसूरती का दीवाना हुआ पाक, 'ऑपरेशन सिंदूर' से पहले 26000 से ज्यादा पाकिस्तानी आए घूमने

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