चीन और तुर्किए भी तो रूस से खरीदते हैं तेल! ट्रंप ने लगाया 25% एक्स्ट्रा टैरिफ तो भारत ने इशारों-इशारों में किया टारगेट

भारत ने 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने के अमेरिका के कदम को बुधवार (6 अगस्त 2025) को अनुचित ओर दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि बाकी दूसरे देश भी रूस से तेल खरीद कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका ने भारत को ही गलत तरीके से निशाना बनाया. भारत का संकेत चीन और तुर्किए को लेकर था, जो रूस से तेल खरीदता है और उसपर कोई एक्शन नहीं लिया गया. 'दूसरे देश भी राष्ट्रीय हितों को लेकर उठा रहे ऐसे कदम' विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है कि हमारा आयात बाजार कारकों पर आधारित है और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किया जाता है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह फैसला इसलिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे कदमों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का विकल्प चुना है, जिन्हें कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों के मद्देनजर उठा रहे हैं." चीन-तुर्किए है रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार विदेश मंत्रालय का संकेत चीन और तुर्किए जैसे देशों की ओर था, जो भारी मात्रा में रूस से कच्चे तेल खरीदते हैं. सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर की रिपोर्टे के अनुसार जून 2025 में चीन ने रूस के कुल कच्चे तेल निर्यात का 47 फीसदी खरीदा है. इसके बाद भारत 38 फीसदी, यूोरोपीय यूनियन (EU) 6 फीसदी और तुर्किए 6 फीसदी का स्थान है. वहीं तुर्किए रूस से तेल उत्पादों का सबसे बड़ा खरीदार है. उसने रूस के तेल उत्पाद निर्यात का 26 फीसदी हिस्सा खरीदा है. उसके बा चीन 13 फीसदी और ब्राजील 12 फीसदी का स्थान है.  रूस से एलएनजी गैस का सबसे बड़ा खरीदार EU  यूरोपीय यूनियन रूस से एलएनजी गैस का सबसे बड़ा खरीदार था. जून 2025 में यूरोपीय यूनियन ने रूस के एलएनजी निर्यात का 51 फीसदी खरीदा, उसके बाद चीन 21 फीसदी और जापान 18 फीसदी का स्थान है. EU रूस की पाइपलाइन गैस का भी सबसे बड़ा खरीदार था. इसके कुल निर्यात को 37 फीसदी अकेले EU ने खरीदा, उसके बाद चीन ने 30 फीसदी और तुर्किए 27 फीसदी है. व्हाइट हाउस की ओर से जारी आदेश के अनुसार, ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के साथ-साथ व्यापार कानूनों का हवाला दिया. इसमें कहा गया कि भारत की ओर से रूस से तेल खरीदना प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के लिए खतरा पैदा करता है. ये भी पढ़ें : 'PM मोदी अपनी कमजोरी को जनता के हितों...', ट्रंप ने भारत पर फोड़ा टैरिफ बम तो राहुल गांधी का आया पहला रिएक्शन

Aug 6, 2025 - 23:30
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चीन और तुर्किए भी तो रूस से खरीदते हैं तेल! ट्रंप ने लगाया 25% एक्स्ट्रा टैरिफ तो भारत ने इशारों-इशारों में किया टारगेट

भारत ने 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने के अमेरिका के कदम को बुधवार (6 अगस्त 2025) को अनुचित ओर दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि बाकी दूसरे देश भी रूस से तेल खरीद कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका ने भारत को ही गलत तरीके से निशाना बनाया. भारत का संकेत चीन और तुर्किए को लेकर था, जो रूस से तेल खरीदता है और उसपर कोई एक्शन नहीं लिया गया.

'दूसरे देश भी राष्ट्रीय हितों को लेकर उठा रहे ऐसे कदम'

विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है कि हमारा आयात बाजार कारकों पर आधारित है और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किया जाता है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह फैसला इसलिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर ऐसे कदमों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का विकल्प चुना है, जिन्हें कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों के मद्देनजर उठा रहे हैं."

चीन-तुर्किए है रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार

विदेश मंत्रालय का संकेत चीन और तुर्किए जैसे देशों की ओर था, जो भारी मात्रा में रूस से कच्चे तेल खरीदते हैं. सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर की रिपोर्टे के अनुसार जून 2025 में चीन ने रूस के कुल कच्चे तेल निर्यात का 47 फीसदी खरीदा है. इसके बाद भारत 38 फीसदी, यूोरोपीय यूनियन (EU) 6 फीसदी और तुर्किए 6 फीसदी का स्थान है. वहीं तुर्किए रूस से तेल उत्पादों का सबसे बड़ा खरीदार है. उसने रूस के तेल उत्पाद निर्यात का 26 फीसदी हिस्सा खरीदा है. उसके बा चीन 13 फीसदी और ब्राजील 12 फीसदी का स्थान है. 

रूस से एलएनजी गैस का सबसे बड़ा खरीदार EU 

यूरोपीय यूनियन रूस से एलएनजी गैस का सबसे बड़ा खरीदार था. जून 2025 में यूरोपीय यूनियन ने रूस के एलएनजी निर्यात का 51 फीसदी खरीदा, उसके बाद चीन 21 फीसदी और जापान 18 फीसदी का स्थान है. EU रूस की पाइपलाइन गैस का भी सबसे बड़ा खरीदार था. इसके कुल निर्यात को 37 फीसदी अकेले EU ने खरीदा, उसके बाद चीन ने 30 फीसदी और तुर्किए 27 फीसदी है.

व्हाइट हाउस की ओर से जारी आदेश के अनुसार, ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के साथ-साथ व्यापार कानूनों का हवाला दिया. इसमें कहा गया कि भारत की ओर से रूस से तेल खरीदना प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के लिए खतरा पैदा करता है.

ये भी पढ़ें : 'PM मोदी अपनी कमजोरी को जनता के हितों...', ट्रंप ने भारत पर फोड़ा टैरिफ बम तो राहुल गांधी का आया पहला रिएक्शन

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