घर में ही कर लें यह छोटा-सा टेस्ट, ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी का लग जाएगा पता

अगर आप सोचते हैं कि ब्रेन की सेहत जांचने के लिए हमेशा बड़े और महंगे टेस्ट ही जरूरी होते हैं, तो यह सच नहीं है. कुछ आसान घरेलू टेस्ट भी आपके ब्रेन हेल्थ के बारे में शुरुआती संकेत दे सकते हैं. इनमें से एक है RAM टेस्ट यानी Rapid Alternate Movement टेस्ट. RAM टेस्ट क्या है? RAM टेस्ट एक सिंपल न्यूरोलॉजिकल टेस्ट है, जो आपके दिमाग और मांसपेशियों के बीच कोऑर्डिनेशन को चेक करता है. खासतौर पर यह टेस्ट सेरेबेलम की सेहत को जांचने में मदद करता है, जो बैलेंस, मांसपेशियों के तालमेल और मूवमेंट को कंट्रोल करता है. इस टेस्ट में आपको तेजी से हाथ पलटने या उंगलियों से खास पैटर्न में टैपिंग करने की जरूरत होती है. अगर इस टेस्ट के दौरान आपकी गति धीमी हो जाए या मूवमेंट स्मूथ न हो, तो यह ब्रेन या नर्वस सिस्टम में दिक्कत का संकेत हो सकता है. यह समस्या ब्रेन इंजरी, स्ट्रोक या ट्यूमर जैसी बीमारियों में दिख सकती है. RAM टेस्ट कैसे किया जाता है? कुर्सी पर आराम से बैठ जाएं और दोनों पैर जमीन पर रखें. अपने हाथों को जांघों पर रख लें, हथेलियां नीचे की तरफ हों. हथेलियों को ऊपर की तरफ पलटें और फिर तुरंत वापस नीचे करें. यह मूवमेंट लगातार 10 सेकंड तक जितनी जल्दी और स्मूथ हो सके करें. उंगलियों वाला वर्जन करने के लिए, अपने अंगूठे को पहले index finger से, फिर middle finger, फिर ring finger और आखिर में little finger से टच करें. इसके बाद उल्टे order में दोहराएं. यह sequence लगातार 10 सेकंड तक जितना fast और smooth हो सके करें. RAM टेस्ट क्या बताता है? यह टेस्ट आपके ब्रेन के मोटर कोऑर्डिनेशन को चेक करता है. अगर टेस्ट करते समय आपके मूवमेंट स्लो, अनस्टेबल या अनकॉर्डिनेटेड हों, तो यह सेरेबेलम या उससे जुड़े नर्व पाथवे में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है. स्ट्रोक, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, ब्रेन इंजरी और ट्यूमर जैसी बीमारियों में यह समस्या देखी जा सकती है. कब डॉक्टर को दिखाएं? अगर टेस्ट के दौरान आपको दिक्कत हो और साथ में चक्कर आना, बैलेंस बिगड़ना या कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. RAM टेस्ट की लिमिटेशन यह टेस्ट सिर्फ शुरुआती संकेत देता है. यह कोई बीमारी डायरेक्ट डायग्नोज नहीं कर सकता. स्ट्रेस, थकान या पोषण की कमी भी टेस्ट रिजल्ट को प्रभावित कर सकते हैं. सही कारण जानने के लिए पूरा न्यूरोलॉजिकल चेकअप जरूरी है. RAM टेस्ट एक आसान तरीका है जिससे आप घर बैठे अपने ब्रेन कोऑर्डिनेशन का अंदाजा लगा सकते हैं. लेकिन अगर इसमें कोई गड़बड़ी दिखे तो इसे हल्के में न लें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें. इसे भी पढ़ें: कुत्ते क्यों हो जाते हैं खूंखार, आप भी हैं एनिमल लवर तो जान लीजिए जरूरी बात Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Aug 16, 2025 - 10:30
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घर में ही कर लें यह छोटा-सा टेस्ट, ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी का लग जाएगा पता

अगर आप सोचते हैं कि ब्रेन की सेहत जांचने के लिए हमेशा बड़े और महंगे टेस्ट ही जरूरी होते हैं, तो यह सच नहीं है. कुछ आसान घरेलू टेस्ट भी आपके ब्रेन हेल्थ के बारे में शुरुआती संकेत दे सकते हैं. इनमें से एक है RAM टेस्ट यानी Rapid Alternate Movement टेस्ट.

RAM टेस्ट क्या है?

RAM टेस्ट एक सिंपल न्यूरोलॉजिकल टेस्ट है, जो आपके दिमाग और मांसपेशियों के बीच कोऑर्डिनेशन को चेक करता है. खासतौर पर यह टेस्ट सेरेबेलम की सेहत को जांचने में मदद करता है, जो बैलेंस, मांसपेशियों के तालमेल और मूवमेंट को कंट्रोल करता है. इस टेस्ट में आपको तेजी से हाथ पलटने या उंगलियों से खास पैटर्न में टैपिंग करने की जरूरत होती है. अगर इस टेस्ट के दौरान आपकी गति धीमी हो जाए या मूवमेंट स्मूथ न हो, तो यह ब्रेन या नर्वस सिस्टम में दिक्कत का संकेत हो सकता है. यह समस्या ब्रेन इंजरी, स्ट्रोक या ट्यूमर जैसी बीमारियों में दिख सकती है.

RAM टेस्ट कैसे किया जाता है?

  • कुर्सी पर आराम से बैठ जाएं और दोनों पैर जमीन पर रखें.
  • अपने हाथों को जांघों पर रख लें, हथेलियां नीचे की तरफ हों.
  • हथेलियों को ऊपर की तरफ पलटें और फिर तुरंत वापस नीचे करें. यह मूवमेंट लगातार 10 सेकंड तक जितनी जल्दी और स्मूथ हो सके करें.

उंगलियों वाला वर्जन करने के लिए, अपने अंगूठे को पहले index finger से, फिर middle finger, फिर ring finger और आखिर में little finger से टच करें. इसके बाद उल्टे order में दोहराएं. यह sequence लगातार 10 सेकंड तक जितना fast और smooth हो सके करें.

RAM टेस्ट क्या बताता है?

यह टेस्ट आपके ब्रेन के मोटर कोऑर्डिनेशन को चेक करता है. अगर टेस्ट करते समय आपके मूवमेंट स्लो, अनस्टेबल या अनकॉर्डिनेटेड हों, तो यह सेरेबेलम या उससे जुड़े नर्व पाथवे में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है. स्ट्रोक, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, ब्रेन इंजरी और ट्यूमर जैसी बीमारियों में यह समस्या देखी जा सकती है.

कब डॉक्टर को दिखाएं?

अगर टेस्ट के दौरान आपको दिक्कत हो और साथ में चक्कर आना, बैलेंस बिगड़ना या कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

RAM टेस्ट की लिमिटेशन

यह टेस्ट सिर्फ शुरुआती संकेत देता है. यह कोई बीमारी डायरेक्ट डायग्नोज नहीं कर सकता. स्ट्रेस, थकान या पोषण की कमी भी टेस्ट रिजल्ट को प्रभावित कर सकते हैं. सही कारण जानने के लिए पूरा न्यूरोलॉजिकल चेकअप जरूरी है. RAM टेस्ट एक आसान तरीका है जिससे आप घर बैठे अपने ब्रेन कोऑर्डिनेशन का अंदाजा लगा सकते हैं. लेकिन अगर इसमें कोई गड़बड़ी दिखे तो इसे हल्के में न लें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

इसे भी पढ़ें: कुत्ते क्यों हो जाते हैं खूंखार, आप भी हैं एनिमल लवर तो जान लीजिए जरूरी बात

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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