क्या वोटर लिस्ट के बहाने नागरिकता पर..? असदुद्दीन ओवैसी के इस सवाल से बिहार में बढ़ा सियासी पारा
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर सवाल उठाए हैं. ओवैसी ने कहा कि क्या यह प्रक्रिया नागरिकता को प्रभावित करने के लिए की जा रही है? उनका यह बयान उस समय आया है, जब राज्य में मतदाता सूची को अपडेट करने का काम तेजी से चल रहा है. ओवैसी ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं हुई तो इससे लोगों के मतदान के अधिकार पर असर पड़ सकता है. नागरिकता पर उठ रहे सवाल बिहार के निर्वाचन विभाग ने हाल ही में घोषणा की है कि मतदाता सूची संशोधन का काम 31 जुलाई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इस प्रक्रिया में नए वोटरों को जोड़ने के साथ-साथ पुराने रिकॉर्ड को भी साफ करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ओवैसी का मानना है कि इस दौरान नागरिकता से जुड़े सवाल उठ रहे हैं, जिससे लोगों में असमंजस की स्थिति है. उन्होंने मांग की है कि सरकार को इस प्रक्रिया में सभी समुदायों के लोगों को भरोसा में लेना चाहिए. चुनाव आयोग से जांच की मांग हाल के दिनों में, बिहार में कुछ इलाकों से शिकायतें आई हैं कि कुछ लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं, जिसके पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया. इसको लेकर विपक्षी दलों ने भी आवाज उठाई है और चुनाव आयोग से जांच की मांग की है. दूसरी ओर निर्वाचन विभाग का कहना है कि यह नियमित प्रक्रिया है और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है. मतदाता जांच को लेकर करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस ओवैसी ने इस मामले को लेकर जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कही है, जिसमें वे अपनी पार्टी की रणनीति और आगे की योजना बताएंगे. इस बीच राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि मतदाता सूची संशोधन में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं होगी और सभी दावों-आपत्तियों पर ध्यान दिया जाएगा. लोग इस मुद्दे पर सरकार और चुनाव आयोग की ओर से आने वाले अगले अपडेट का इंतजार कर रहे हैं. ये भी पढ़ें:- तिरुपति-हिसार एक्सप्रेस ट्रेन में लगी आग, दो डिब्बे जलकर खाक, बड़ा हादसा टला

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर सवाल उठाए हैं. ओवैसी ने कहा कि क्या यह प्रक्रिया नागरिकता को प्रभावित करने के लिए की जा रही है?
उनका यह बयान उस समय आया है, जब राज्य में मतदाता सूची को अपडेट करने का काम तेजी से चल रहा है. ओवैसी ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं हुई तो इससे लोगों के मतदान के अधिकार पर असर पड़ सकता है.
नागरिकता पर उठ रहे सवाल
बिहार के निर्वाचन विभाग ने हाल ही में घोषणा की है कि मतदाता सूची संशोधन का काम 31 जुलाई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इस प्रक्रिया में नए वोटरों को जोड़ने के साथ-साथ पुराने रिकॉर्ड को भी साफ करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ओवैसी का मानना है कि इस दौरान नागरिकता से जुड़े सवाल उठ रहे हैं, जिससे लोगों में असमंजस की स्थिति है. उन्होंने मांग की है कि सरकार को इस प्रक्रिया में सभी समुदायों के लोगों को भरोसा में लेना चाहिए.
चुनाव आयोग से जांच की मांग
हाल के दिनों में, बिहार में कुछ इलाकों से शिकायतें आई हैं कि कुछ लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं, जिसके पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया. इसको लेकर विपक्षी दलों ने भी आवाज उठाई है और चुनाव आयोग से जांच की मांग की है. दूसरी ओर निर्वाचन विभाग का कहना है कि यह नियमित प्रक्रिया है और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है.
मतदाता जांच को लेकर करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
ओवैसी ने इस मामले को लेकर जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कही है, जिसमें वे अपनी पार्टी की रणनीति और आगे की योजना बताएंगे. इस बीच राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि मतदाता सूची संशोधन में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं होगी और सभी दावों-आपत्तियों पर ध्यान दिया जाएगा. लोग इस मुद्दे पर सरकार और चुनाव आयोग की ओर से आने वाले अगले अपडेट का इंतजार कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें:- तिरुपति-हिसार एक्सप्रेस ट्रेन में लगी आग, दो डिब्बे जलकर खाक, बड़ा हादसा टला
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