कुछ लोगों को क्यों लगता है इलेक्ट्रिक शॉक, क्या विटामिन बी12 की कमी है इसकी वजह?

किसी से हाथ मिलाते वक्त तो कभी कोई सामान छूते ही क्या आपको भी बिजली का झटका महसूस होता है? कई बार यह झटका इतना तगड़ा होता है कि लोग इसे किसी बीमारी का लक्षण समझ लेते हैं. हालांकि, कई रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि इस तरह के इलेक्ट्रिक शॉक सेंसेशन की वजह विटामिन बी12 की कमी भी हो सकती है. आइए जानते हैं कि इसमें क्या हकीकत है? क्या है इलेक्ट्रिक शॉक सेंसेशन? इलेक्ट्रिक शॉक सेंसेशन को मेडिकल टर्म में लर्मिट साइन कहते हैं. इसमें किसी भी शख्स को अपने शरीर में बिजली के झटके जैसा अहसास होता है. यह आमतौर पर रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर नीचे की ओर पैरों या बांहों तक फैलता है. यह अहसास तब होता है, जब व्यक्ति अपनी गर्दन आगे की ओर झुकाता है. इसे 'बार्बर चेयर फिनोमेनन' भी कहा जाता है. यह अहसास कुछ सेकंड तक रह सकता है और दिन में कई बार महसूस हो सकती है. कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि यह अहसास नर्वस सिस्टम में किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है. इसके पीछे नर्व डैमेज, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, रीढ़ की हड्डी की चोट या विटामिन बी12 की कमी भी हो सकती है. विटामिन बी12 बॉडी के लिए क्यों जरूरी? विटामिन बी12 को कोबालमिन भी कहते हैं. यह पानी में घुलनशील विटामिन है, जो ह्यूमन बॉडी के लिए बेहद जरूरी होता है. रेड ब्लड सेल्स बनने और हेल्दी नर्वस सिस्टम के लिए विटामिन बी12 बेहद कारगर है. यह तंत्रिकाओं को ढंकने वाली मायलिन शीथ बनाने में मदद करता है. अहम बात यह है कि हमारे शरीर में विटामिन बी12 का प्रॉडक्शन नहीं होता है. यह खाने से सप्लीमेंट्स से मिलता है. वेजिटेरियन और वीगन डाइट वाले लोगों में इसकी कमी का खतरा ज्यादा रहता है, क्योंकि पौधों में यह विटामिन स्वाभाविक रूप से नहीं मिलता है. एक अडल्ट को रोजाना औसतन 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन बी12 की जरूरत होती है.  विटामिन बी12 की कमी के कारण कई रिसर्च में सामने आया है कि भारत में 15 पर्सेंट से ज्यादा लोग विटामिन बी12 की कमी से पीड़ित हैं. इनमें ज्यादातर लोग वेजिटेरियन हैं. दरअसल, वेज या वीगन डाइट लेने वाले लोगों में विटामिन बी12 अक्सर कम पाया जाता है. अगर किसी को पर्निशियस एनीमिया, क्रोहन डिजीज, सीलियक डिजीज या गैस्ट्राइटिस है तो उनका शरीर सही तरीके से विटामिन बी12 को एब्जॉर्ब नहीं कर पाता है. इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का प्रॉडक्शन कम हो सकता है, जो विटामिन बी12 के अवशोषण के लिए बेहद जरूरी है.  इलेक्ट्रिक शॉक सेंसेशन से विटामिन बी12 का कनेक्शन एक्सपर्ट्स की मानें तो विटामिन बी12 की कमी से नर्वस सिस्टम पर गंभीर असर पड़ सकता है, क्योंकि यह मायलिन शीथ को बनाने और उसकी देखभाल करने के लिए जरूरी होता है. ऐसे में विटामिन बी12 की कमी के कारण मायलिन शीथ डैमेज हो सकती है. मेडिकल टर्म में इसे डिमाइलिनेशन (demyelination) कहते हैं. यह कंडीशन नर्वस सिग्नल्स में गड़बड़ी पैदा करती है, जिसकी वजह से इलेक्ट्रिक शॉक जैसा अहसास हो सकता है. ये भी पढ़ें: इन लोगों की सेहत का दुश्मन है अदरक, खाते ही हो सकती है ये परेशानी Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Jun 21, 2025 - 10:30
 0
कुछ लोगों को क्यों लगता है इलेक्ट्रिक शॉक, क्या विटामिन बी12 की कमी है इसकी वजह?

किसी से हाथ मिलाते वक्त तो कभी कोई सामान छूते ही क्या आपको भी बिजली का झटका महसूस होता है? कई बार यह झटका इतना तगड़ा होता है कि लोग इसे किसी बीमारी का लक्षण समझ लेते हैं. हालांकि, कई रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि इस तरह के इलेक्ट्रिक शॉक सेंसेशन की वजह विटामिन बी12 की कमी भी हो सकती है. आइए जानते हैं कि इसमें क्या हकीकत है?

क्या है इलेक्ट्रिक शॉक सेंसेशन?

इलेक्ट्रिक शॉक सेंसेशन को मेडिकल टर्म में लर्मिट साइन कहते हैं. इसमें किसी भी शख्स को अपने शरीर में बिजली के झटके जैसा अहसास होता है. यह आमतौर पर रीढ़ की हड्डी से शुरू होकर नीचे की ओर पैरों या बांहों तक फैलता है. यह अहसास तब होता है, जब व्यक्ति अपनी गर्दन आगे की ओर झुकाता है. इसे 'बार्बर चेयर फिनोमेनन' भी कहा जाता है. यह अहसास कुछ सेकंड तक रह सकता है और दिन में कई बार महसूस हो सकती है. कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि यह अहसास नर्वस सिस्टम में किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है. इसके पीछे नर्व डैमेज, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, रीढ़ की हड्डी की चोट या विटामिन बी12 की कमी भी हो सकती है.

विटामिन बी12 बॉडी के लिए क्यों जरूरी?

विटामिन बी12 को कोबालमिन भी कहते हैं. यह पानी में घुलनशील विटामिन है, जो ह्यूमन बॉडी के लिए बेहद जरूरी होता है. रेड ब्लड सेल्स बनने और हेल्दी नर्वस सिस्टम के लिए विटामिन बी12 बेहद कारगर है. यह तंत्रिकाओं को ढंकने वाली मायलिन शीथ बनाने में मदद करता है. अहम बात यह है कि हमारे शरीर में विटामिन बी12 का प्रॉडक्शन नहीं होता है. यह खाने से सप्लीमेंट्स से मिलता है. वेजिटेरियन और वीगन डाइट वाले लोगों में इसकी कमी का खतरा ज्यादा रहता है, क्योंकि पौधों में यह विटामिन स्वाभाविक रूप से नहीं मिलता है. एक अडल्ट को रोजाना औसतन 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन बी12 की जरूरत होती है. 

विटामिन बी12 की कमी के कारण

कई रिसर्च में सामने आया है कि भारत में 15 पर्सेंट से ज्यादा लोग विटामिन बी12 की कमी से पीड़ित हैं. इनमें ज्यादातर लोग वेजिटेरियन हैं. दरअसल, वेज या वीगन डाइट लेने वाले लोगों में विटामिन बी12 अक्सर कम पाया जाता है. अगर किसी को पर्निशियस एनीमिया, क्रोहन डिजीज, सीलियक डिजीज या गैस्ट्राइटिस है तो उनका शरीर सही तरीके से विटामिन बी12 को एब्जॉर्ब नहीं कर पाता है. इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का प्रॉडक्शन कम हो सकता है, जो विटामिन बी12 के अवशोषण के लिए बेहद जरूरी है. 

इलेक्ट्रिक शॉक सेंसेशन से विटामिन बी12 का कनेक्शन

एक्सपर्ट्स की मानें तो विटामिन बी12 की कमी से नर्वस सिस्टम पर गंभीर असर पड़ सकता है, क्योंकि यह मायलिन शीथ को बनाने और उसकी देखभाल करने के लिए जरूरी होता है. ऐसे में विटामिन बी12 की कमी के कारण मायलिन शीथ डैमेज हो सकती है. मेडिकल टर्म में इसे डिमाइलिनेशन (demyelination) कहते हैं. यह कंडीशन नर्वस सिग्नल्स में गड़बड़ी पैदा करती है, जिसकी वजह से इलेक्ट्रिक शॉक जैसा अहसास हो सकता है.

ये भी पढ़ें: इन लोगों की सेहत का दुश्मन है अदरक, खाते ही हो सकती है ये परेशानी

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow