कितने साल की नौकरी के बाद मिलेगा DSP मोहम्मद सिराज को प्रमोशन, जान लीजिए सर्विस रूल
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज सिर्फ मैदान पर ही नहीं बल्कि अपनी नौकरी और जिम्मेदारियों में भी चर्चाओं में रहते हैं. हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने उन्हें डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) की मानद रैंक दी थी. इस सम्मान के बाद से यह सवाल लगातार उठ रहा है कि आखिर DSP की नौकरी में उन्हें प्रमोशन कब और कैसे मिलेगा? इसके लिए सरकार के सर्विस रूल्स क्या कहते हैं? आइए जानते हैं... सिराज को यह रैंक उनकी उपलब्धियों और देश के लिए योगदान को देखते हुए दी गई है. पुलिस विभाग में जब किसी खिलाड़ी या विशेष शख्सियत को मानद DSP की रैंक दी जाती है, तो उन्हें सामान्य अधिकारियों की तरह ही नौकरी और प्रमोशन के नियम फॉलो करने पड़ते हैं. यानी उनकी सर्विस और कामकाज के हिसाब से आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं.DSP से आगे प्रमोशन की राहकिसी भी DSP को लगभग 8 से 10 साल की नौकरी के बाद प्रमोशन मिल सकता है. इसके बाद उन्हें Additional SP (एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) के पद पर पदोन्नति मिलती है.वहीं, यदि अधिकारी अच्छा काम करते हैं और विभागीय परीक्षाएं भी पास करते हैं, तो यह प्रमोशन जल्दी भी मिल सकता है.प्रमोशन की प्रक्रिया सर्विस रिकॉर्ड सीनियरिटी डिपार्टमेंटल टेस्ट गवर्नमेंट अप्रूवल यह भी पढ़ें- DSP सिराज, ग्रुप कैप्टन तेंदुलकर या लेफ्टिनेंट कर्नल एमएस धोनी, जानिए सबसे बड़ी पोस्ट पर है कौन सा खिलाड़ी? मोहम्मद सिराज के लिए क्या मायने रखता है DSP रैंक?सिराज पहले से ही भारतीय क्रिकेट टीम में खेलते हैं और उनका पूरा ध्यान खेल पर है. ऐसे में पुलिस विभाग में उनकी यह जिम्मेदारी एक मानद पद (Honorary Rank) के रूप में है. इसका मतलब है कि वे विभाग की इज्जत और गौरव को बढ़ाने के लिए यह पद संभालते हैं, लेकिन उन्हें रोजाना ड्यूटी पर नहीं जाना होता. हालांकि, अगर वे भविष्य में पुलिस विभाग में सक्रिय रूप से काम करना चाहें तो उन्हें भी वही सर्विस रूल्स और प्रमोशन की प्रक्रिया फॉलो करनी होगी जो बाकी अधिकारियों पर लागू होती है. यह भी पढ़ें- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पीजी एडमिशन का आखिरी मौका, 1200 सीटें खाली; यहां हैं डिटेल्सDSP से आगे का सफर DSP (डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) Additional SP (एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) SP (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) DIG (डेप्युटी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) IG (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) ADG (एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) DGP (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) यह भी पढ़ें- सैम मानेकशॉ, ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान और मेजर सोमनाथ शर्मा की कहानियां पढ़ेंगे स्टूडेंट्स, NCERT के सिलेबस में बड़ा बदलाव

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज सिर्फ मैदान पर ही नहीं बल्कि अपनी नौकरी और जिम्मेदारियों में भी चर्चाओं में रहते हैं. हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने उन्हें डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) की मानद रैंक दी थी. इस सम्मान के बाद से यह सवाल लगातार उठ रहा है कि आखिर DSP की नौकरी में उन्हें प्रमोशन कब और कैसे मिलेगा? इसके लिए सरकार के सर्विस रूल्स क्या कहते हैं? आइए जानते हैं...
सिराज को यह रैंक उनकी उपलब्धियों और देश के लिए योगदान को देखते हुए दी गई है. पुलिस विभाग में जब किसी खिलाड़ी या विशेष शख्सियत को मानद DSP की रैंक दी जाती है, तो उन्हें सामान्य अधिकारियों की तरह ही नौकरी और प्रमोशन के नियम फॉलो करने पड़ते हैं. यानी उनकी सर्विस और कामकाज के हिसाब से आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं.
DSP से आगे प्रमोशन की राह
किसी भी DSP को लगभग 8 से 10 साल की नौकरी के बाद प्रमोशन मिल सकता है. इसके बाद उन्हें Additional SP (एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) के पद पर पदोन्नति मिलती है.वहीं, यदि अधिकारी अच्छा काम करते हैं और विभागीय परीक्षाएं भी पास करते हैं, तो यह प्रमोशन जल्दी भी मिल सकता है.
प्रमोशन की प्रक्रिया
- सर्विस रिकॉर्ड
- सीनियरिटी
- डिपार्टमेंटल टेस्ट
- गवर्नमेंट अप्रूवल
यह भी पढ़ें- DSP सिराज, ग्रुप कैप्टन तेंदुलकर या लेफ्टिनेंट कर्नल एमएस धोनी, जानिए सबसे बड़ी पोस्ट पर है कौन सा खिलाड़ी?
मोहम्मद सिराज के लिए क्या मायने रखता है DSP रैंक?
सिराज पहले से ही भारतीय क्रिकेट टीम में खेलते हैं और उनका पूरा ध्यान खेल पर है. ऐसे में पुलिस विभाग में उनकी यह जिम्मेदारी एक मानद पद (Honorary Rank) के रूप में है. इसका मतलब है कि वे विभाग की इज्जत और गौरव को बढ़ाने के लिए यह पद संभालते हैं, लेकिन उन्हें रोजाना ड्यूटी पर नहीं जाना होता. हालांकि, अगर वे भविष्य में पुलिस विभाग में सक्रिय रूप से काम करना चाहें तो उन्हें भी वही सर्विस रूल्स और प्रमोशन की प्रक्रिया फॉलो करनी होगी जो बाकी अधिकारियों पर लागू होती है.
यह भी पढ़ें- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पीजी एडमिशन का आखिरी मौका, 1200 सीटें खाली; यहां हैं डिटेल्स
DSP से आगे का सफर
- DSP (डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस)
- Additional SP (एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस)
- SP (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस)
- DIG (डेप्युटी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस)
- IG (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस)
- ADG (एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस)
- DGP (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस)
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