कहां से की है सपा से निष्कासित पूजा पाल ने पढ़ाई-लिखाई? जानिए
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय एक बड़ा नाम चर्चा में है कौशांबी जिले की चायल सीट से विधायक पूजा पाल. हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसकी वजह बनी उनके बयान और कार्य, जो पार्टी लाइन से हटकर थे. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के हस्ताक्षर वाले पत्र में साफ लिखा गया कि पूजा पाल की गतिविधियों से पार्टी को नुकसान हुआ है और उन्होंने गंभीर अनुशासनहीनता की है. आइए जानते हैं उन्होंने कहां से पढ़ाई-लिखाई की है... क्यों हुई कार्रवाई? पूजा पाल का सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करना सपा के लिए असहज करने वाला था. हालांकि, यह सिर्फ एक बयान की बात नहीं थी. पिछले कई महीनों से वह ऐसे कदम उठा रही थीं जो पार्टी की नीति के खिलाफ माने गए. 2024 के फूलपुर उपचुनाव में उन्होंने खुलेआम बीजेपी प्रत्याशी दीपक पटेल का समर्थन किया और घर-घर जाकर उनके लिए वोट मांगे.यह भी पढ़ें-तीन से ज्यादा विषयों में हुए फेल तो अगली परीक्षा में नहीं मिलेगा बैठने मौका, जान लें CBSE का ये रूलपढ़ाई-लिखाई कहां से की? राजनीति में सक्रिय होने से पहले पूजा पाल ने अपनी पढ़ाई पूरी की. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूजा पाल ने अपनी स्कूली पढ़ाई NIOS से की है. उन्होंने उच्च शिक्षा स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ से ली है. उनके पिता का नाम अमृत लाल पाल है. पढ़ाई के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और अपने पति की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. रास्ता नहीं था आसान पूजा पाल के जीवन में राजनीति का रास्ता आसान नहीं था. 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज में उनके पति और तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. इस वारदात ने पूरे प्रदेश को हिला दिया था. यह भी पढ़े : 8वें वेतन आयोग के बाद इनकम टैक्स इंस्पेक्टर की सैलरी, सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान इस हत्याकांड का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा. इसके बाद पूजा पाल ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. वह न्याय की मांग में लगातार सक्रिय रहीं. समय के साथ अतीक अहमद और अशरफ की हत्या हो गई. पूजा पाल इस मामले में न्याय मिलने का श्रेय योगी सरकार को देती हैं. दिया था ये बयान सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या किसने की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया. जब किसी ने मेरी बात नहीं सुनी, तब उन्होंने सुनी. प्रयागराज में जीरो टॉलरेंस नीति लागू करके उन्होंने मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया. यह भी पढ़ें-पीरियड्स लीव को लेकर दिल्ली में NSUI का जोरदार प्रदर्शन, जानें किन यूनिवर्सिटीज में पहले से है यह सुविधा

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय एक बड़ा नाम चर्चा में है कौशांबी जिले की चायल सीट से विधायक पूजा पाल. हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसकी वजह बनी उनके बयान और कार्य, जो पार्टी लाइन से हटकर थे.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के हस्ताक्षर वाले पत्र में साफ लिखा गया कि पूजा पाल की गतिविधियों से पार्टी को नुकसान हुआ है और उन्होंने गंभीर अनुशासनहीनता की है. आइए जानते हैं उन्होंने कहां से पढ़ाई-लिखाई की है...
क्यों हुई कार्रवाई?
पूजा पाल का सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करना सपा के लिए असहज करने वाला था. हालांकि, यह सिर्फ एक बयान की बात नहीं थी. पिछले कई महीनों से वह ऐसे कदम उठा रही थीं जो पार्टी की नीति के खिलाफ माने गए. 2024 के फूलपुर उपचुनाव में उन्होंने खुलेआम बीजेपी प्रत्याशी दीपक पटेल का समर्थन किया और घर-घर जाकर उनके लिए वोट मांगे.
यह भी पढ़ें-तीन से ज्यादा विषयों में हुए फेल तो अगली परीक्षा में नहीं मिलेगा बैठने मौका, जान लें CBSE का ये रूल
पढ़ाई-लिखाई कहां से की?
राजनीति में सक्रिय होने से पहले पूजा पाल ने अपनी पढ़ाई पूरी की. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूजा पाल ने अपनी स्कूली पढ़ाई NIOS से की है. उन्होंने उच्च शिक्षा स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ से ली है. उनके पिता का नाम अमृत लाल पाल है. पढ़ाई के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और अपने पति की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.
रास्ता नहीं था आसान
पूजा पाल के जीवन में राजनीति का रास्ता आसान नहीं था. 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज में उनके पति और तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. इस वारदात ने पूरे प्रदेश को हिला दिया था.
यह भी पढ़े : 8वें वेतन आयोग के बाद इनकम टैक्स इंस्पेक्टर की सैलरी, सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान
इस हत्याकांड का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा. इसके बाद पूजा पाल ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. वह न्याय की मांग में लगातार सक्रिय रहीं. समय के साथ अतीक अहमद और अशरफ की हत्या हो गई. पूजा पाल इस मामले में न्याय मिलने का श्रेय योगी सरकार को देती हैं.
दिया था ये बयान
सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या किसने की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया. जब किसी ने मेरी बात नहीं सुनी, तब उन्होंने सुनी. प्रयागराज में जीरो टॉलरेंस नीति लागू करके उन्होंने मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया.
What's Your Reaction?






