कंटेंट क्रिएटर्स के लिए ITR पर आया बड़ा अपडेट, नया टैक्स कोड लेकर आई सरकार

Income Tax Return 2025: अगर आप कंटेंट क्रिएटर या इंफ्लूएंसर्स हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आपके लिए कमाई का जरिया है, तो इस टैक्स सीजन में एक बड़ा अपडेट है. दरअसल, आयकर विभाग ने आईटीआर-3 और आईटीआर-4 फॉर्म में बड़ा बदलाव किया है. इसके तहत, सोशल मीडिया से कमाने वालों के लिए एक नया कोड 16021 पेश किया गया है. वित्त वर्ष 2024-25 (असेस्मेंट ईयर 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) यूटिलिटीज का बनाया गया यह कोड खास तौर पर उन इन्फ्लुएंसर्स के लिए है जो प्रमोशन, प्रोडक्ट एंडोर्समेंट या डिजिटल कंटेंट क्रिएशन के जरिए कमाई करते हैं.  इंफ्लूएंसर्स को रिटर्न भरने में होगी आसानी बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चार्टर्ड अकाउंटेंट हिमांक सिंगला ने बताया,  यह कोड अब ITR-3 और ITR-4 (सुगम) दोनों में 'profession'कैटेगरी के तहत एक्टिव हैं. फॉर्म भरने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों में ये कोर्ड जोड़ दिए गए हैं. यानी कि अब इंफ्लूएंसर्स को अपनी इनकम और टैक्स सिलेक्शन के बेसिस पर आईटीआर-3 और आईटीआर-4  (सुगम)  में से कोई एक फॉर्म भरना होगा. जबकि इससे पहले तक इंफ्लूएंसर्स की कमाई को लेकर अलग से कोई कैटेगरी नहीं थी. इस कदम का उद्देश्य क्रिएटर्स, ऑनलाइन कोच, ब्लॉगर्स और गिग वर्कर्स के लिए टैक्स के अनुपालन को आसान बनाना है.    ये भी पढ़ें:  टाटा कम्युनिकेशंस को दूरसंचार विभाग ने भेजा 7800 करोड़ रुपये का नोटिस, जानें पूरा मामला

Jul 28, 2025 - 07:30
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कंटेंट क्रिएटर्स के लिए ITR पर आया बड़ा अपडेट, नया टैक्स कोड लेकर आई सरकार

Income Tax Return 2025: अगर आप कंटेंट क्रिएटर या इंफ्लूएंसर्स हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आपके लिए कमाई का जरिया है, तो इस टैक्स सीजन में एक बड़ा अपडेट है. दरअसल, आयकर विभाग ने आईटीआर-3 और आईटीआर-4 फॉर्म में बड़ा बदलाव किया है.

इसके तहत, सोशल मीडिया से कमाने वालों के लिए एक नया कोड 16021 पेश किया गया है. वित्त वर्ष 2024-25 (असेस्मेंट ईयर 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) यूटिलिटीज का बनाया गया यह कोड खास तौर पर उन इन्फ्लुएंसर्स के लिए है जो प्रमोशन, प्रोडक्ट एंडोर्समेंट या डिजिटल कंटेंट क्रिएशन के जरिए कमाई करते हैं. 

इंफ्लूएंसर्स को रिटर्न भरने में होगी आसानी

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चार्टर्ड अकाउंटेंट हिमांक सिंगला ने बताया,  यह कोड अब ITR-3 और ITR-4 (सुगम) दोनों में 'profession'कैटेगरी के तहत एक्टिव हैं. फॉर्म भरने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों में ये कोर्ड जोड़ दिए गए हैं. यानी कि अब इंफ्लूएंसर्स को अपनी इनकम और टैक्स सिलेक्शन के बेसिस पर आईटीआर-3 और आईटीआर-4  (सुगम)  में से कोई एक फॉर्म भरना होगा. जबकि इससे पहले तक इंफ्लूएंसर्स की कमाई को लेकर अलग से कोई कैटेगरी नहीं थी. इस कदम का उद्देश्य क्रिएटर्स, ऑनलाइन कोच, ब्लॉगर्स और गिग वर्कर्स के लिए टैक्स के अनुपालन को आसान बनाना है. 

 

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