ऑनलाइन बैंक फ्रॉड पर सरकार सख्त, तैयार किया ऐसा सॉफ्टवेयर, जो अवैध अकाउंट करेगा फ्रीज

ऑनलाइन बैंक फ्रॉड की समस्या बीते कुछ सालों के दौरान बढ़ गई है. इसको देखते हुए अब सरकार ने एक्शन लेने की तैयारी कर ली है. सरकार के उच्चस्तरीय सूत्रों के अनुसार, ऑनलाइन बैंक फ्रॉड रोकने के लिए सरकार ने बड़ी तैयारी की है.  बैंक फ्रॉड रोकने के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. इस सॉफ्टवेयर के जरिए बैंक फ्रॉड रोकने के लिए संदिग्ध अकाउंट्स (Mule accounts) को फ्रीज किया जाएगा. फ्रीज किए जाने के बाद उन अकाउंट्स से पैसा अन्य अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हो पाएगा. 13 लाख खातों पर पायलट प्रोजेक्ट दरअसल, सरकार की ओर से यह कदम उठाने से पहले सॉफ्टवेयर का सफल ट्रायल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कर लिया गया है. सूत्रों की मानें तो करीब 13 लाख खातों पर इस सॉफ्टवेयर का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ट्रायल हुआ है. अब इसे लागू करने की तैयारी चल रही है. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, देश की सभी निजी और सरकारी बैंकों में इस सॉफ्टवेयर का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल किया जाएगा और अगर कोई बैंक अकाउंट संदिग्ध (Mule accounts) पाया जाता है तो उसे फ्रिज कर दिया जाएगा. अकाउंट फ्रीज होने पर फिर से डॉक्यूमेंटेशन  हालांकि अगर इस प्रक्रिया के दौरान किसी सामान्य खाताधारक का अकाउंट फ्रीज हो जाता है तो उस स्थिति में बैंक से संपर्क करना होगा और उसका अकाउंट फिर से शुरू हो जाएगा. इस दौरान उसे बैंक के साथ डॉक्यूमेंटेशन की कार्यवाही फिर से करानी पड़ सकती है. ये भी पढ़ें:- अब सिर्फ 11 मिनट में हावड़ा से सियालदह... कोलकाता मेट्रो को मिलेगी रफ्तार, PM मोदी करेंगे इन तीन लाइन का उद्घाटन

Aug 21, 2025 - 00:30
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ऑनलाइन बैंक फ्रॉड पर सरकार सख्त, तैयार किया ऐसा सॉफ्टवेयर, जो अवैध अकाउंट करेगा फ्रीज

ऑनलाइन बैंक फ्रॉड की समस्या बीते कुछ सालों के दौरान बढ़ गई है. इसको देखते हुए अब सरकार ने एक्शन लेने की तैयारी कर ली है. सरकार के उच्चस्तरीय सूत्रों के अनुसार, ऑनलाइन बैंक फ्रॉड रोकने के लिए सरकार ने बड़ी तैयारी की है. 

बैंक फ्रॉड रोकने के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. इस सॉफ्टवेयर के जरिए बैंक फ्रॉड रोकने के लिए संदिग्ध अकाउंट्स (Mule accounts) को फ्रीज किया जाएगा. फ्रीज किए जाने के बाद उन अकाउंट्स से पैसा अन्य अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हो पाएगा.

13 लाख खातों पर पायलट प्रोजेक्ट

दरअसल, सरकार की ओर से यह कदम उठाने से पहले सॉफ्टवेयर का सफल ट्रायल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कर लिया गया है. सूत्रों की मानें तो करीब 13 लाख खातों पर इस सॉफ्टवेयर का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ट्रायल हुआ है. अब इसे लागू करने की तैयारी चल रही है.

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, देश की सभी निजी और सरकारी बैंकों में इस सॉफ्टवेयर का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल किया जाएगा और अगर कोई बैंक अकाउंट संदिग्ध (Mule accounts) पाया जाता है तो उसे फ्रिज कर दिया जाएगा.

अकाउंट फ्रीज होने पर फिर से डॉक्यूमेंटेशन 

हालांकि अगर इस प्रक्रिया के दौरान किसी सामान्य खाताधारक का अकाउंट फ्रीज हो जाता है तो उस स्थिति में बैंक से संपर्क करना होगा और उसका अकाउंट फिर से शुरू हो जाएगा. इस दौरान उसे बैंक के साथ डॉक्यूमेंटेशन की कार्यवाही फिर से करानी पड़ सकती है.

ये भी पढ़ें:- अब सिर्फ 11 मिनट में हावड़ा से सियालदह... कोलकाता मेट्रो को मिलेगी रफ्तार, PM मोदी करेंगे इन तीन लाइन का उद्घाटन

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