उधर इजरायल ने ईरान पर बोला हमला, इधर रॉकेट बने शिपिंग कंपनियों के शेयर; आखिर क्यों आई यह तेजी?
Shipping Company Shares: इजरायल और ईरान के बीच जंग शुरू हो चुकी है. इस दौरान शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SCI) और GE शिपिंग लिमिटेड के शेयरों में शुक्रवार, 13 जून को क्रमशः 13 परसेंट और 6 परसेंट की बढ़त दर्ज की गई. हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन बाजार में गिरावट के बावजूद इन कंपनियों के शेयर आज निफ्टी 500 इंडेक्स पर मुनाफा कमाने वालों में से रहे. शिपिंग कंपनियों के शेयरों में उछाल इजरायल ने शुक्रवार की सुबह देश के परमाणु ढांचे को निशाना बनाते हुए ईरान की राजधानी पर हवाई हमले कर दिए. इजरायल ने 200 फाइटर जेट से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. इस खबर के बाद ही शिपिंग कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिला. बाल्टिक ड्राई इंडेक्स भी पिछले एक महीने में लगभग 50 चढ़ा है. अकेले जून में इसमें 34 परसेंट का उछाल आया है. BDI समुद्र के रास्ते कच्चे माल को ले जाने की कीमत का एक बेंचमार्क है. शिपिंग कंपनियों को हो सकता है मुनाफा मार्केट के जानकारों का कहना है कि GE शिपिंग को मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव का फायदा मिल सकता है. कंपनी के बेड़े में 50 परसेंट तक तेल और प्रोडक्ट टैंकर शामिल हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि दोनों देशों में तनाव की स्थिति में टैंकर के रेट्स बढ़ सकते हैं क्योंकि युद्ध की स्थिति में जहाज मिडिल ईस्ट से दूरी बनाए रखेंगे. जानकारों का यह भी कहना है कि ईरान हर रोज 2 मिलियन बैरल तेल एक्सपोर्ट करता है, जो ग्लोबल सप्लाई का 2 परसेंट है. क्यों शिपिंग कंपनियों के शेयरों में आई तेजी? बता दें कि शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के शेयर निफ्टी 500 पर सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाले शेयरों में रहे. कंपनी के शेयर आज लगभग 14 परसेंट बढ़कर 235.41 पर कारोबार कर रहे हैं, जबकि जीई शिपिंग के शेयर भी 6.3 परसेंट बढ़कर 1,036 पर कारोबार कर रहे हैं. शेयरों की कीमतों में आई इस उछाल की वजह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण शिपिंग में रूकावट की आशंका है. दरअसल, पश्चिम एशिया के दो कट्टर मुल्कों में लड़ाई से लाल सागर में जहाजों की आवाजाही पर असर पड़ेगा. भारत यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में आयात-निर्यात के लिए इसी रूट पर निर्भर है. भारत के जहाज स्वेज नहर से होते हुए लाल सागर से ही माल लेकर आते हैं और ले जाते हैं. ईरान और इजरायल में तनाव बढ़ा, तो लाल सागर में जहाजों की आवाजाही पर असर पड़ेगा और जहाजों को दूसरे वैकल्पिक रूटों के जरिए माल ले आना-जाना पड़ेगा. इससे शिपिंग की लागत बढ़ जाएगी. ऐसे में शिपिंग कंपनियों को मुनाफा होने की गुंजाइश बनी रहती है. ये भी पढ़ें: ईरान पर इजरायली मिसाइल हमले के बीच ये डिफेंस स्टॉक्स बने रॉकेट, जानें किन शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी

Shipping Company Shares: इजरायल और ईरान के बीच जंग शुरू हो चुकी है. इस दौरान शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SCI) और GE शिपिंग लिमिटेड के शेयरों में शुक्रवार, 13 जून को क्रमशः 13 परसेंट और 6 परसेंट की बढ़त दर्ज की गई. हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन बाजार में गिरावट के बावजूद इन कंपनियों के शेयर आज निफ्टी 500 इंडेक्स पर मुनाफा कमाने वालों में से रहे.
शिपिंग कंपनियों के शेयरों में उछाल
इजरायल ने शुक्रवार की सुबह देश के परमाणु ढांचे को निशाना बनाते हुए ईरान की राजधानी पर हवाई हमले कर दिए. इजरायल ने 200 फाइटर जेट से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. इस खबर के बाद ही शिपिंग कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिला. बाल्टिक ड्राई इंडेक्स भी पिछले एक महीने में लगभग 50 चढ़ा है. अकेले जून में इसमें 34 परसेंट का उछाल आया है. BDI समुद्र के रास्ते कच्चे माल को ले जाने की कीमत का एक बेंचमार्क है.
शिपिंग कंपनियों को हो सकता है मुनाफा
मार्केट के जानकारों का कहना है कि GE शिपिंग को मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव का फायदा मिल सकता है. कंपनी के बेड़े में 50 परसेंट तक तेल और प्रोडक्ट टैंकर शामिल हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि दोनों देशों में तनाव की स्थिति में टैंकर के रेट्स बढ़ सकते हैं क्योंकि युद्ध की स्थिति में जहाज मिडिल ईस्ट से दूरी बनाए रखेंगे. जानकारों का यह भी कहना है कि ईरान हर रोज 2 मिलियन बैरल तेल एक्सपोर्ट करता है, जो ग्लोबल सप्लाई का 2 परसेंट है.
क्यों शिपिंग कंपनियों के शेयरों में आई तेजी?
बता दें कि शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के शेयर निफ्टी 500 पर सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाले शेयरों में रहे. कंपनी के शेयर आज लगभग 14 परसेंट बढ़कर 235.41 पर कारोबार कर रहे हैं, जबकि जीई शिपिंग के शेयर भी 6.3 परसेंट बढ़कर 1,036 पर कारोबार कर रहे हैं. शेयरों की कीमतों में आई इस उछाल की वजह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण शिपिंग में रूकावट की आशंका है.
दरअसल, पश्चिम एशिया के दो कट्टर मुल्कों में लड़ाई से लाल सागर में जहाजों की आवाजाही पर असर पड़ेगा. भारत यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में आयात-निर्यात के लिए इसी रूट पर निर्भर है. भारत के जहाज स्वेज नहर से होते हुए लाल सागर से ही माल लेकर आते हैं और ले जाते हैं.
ईरान और इजरायल में तनाव बढ़ा, तो लाल सागर में जहाजों की आवाजाही पर असर पड़ेगा और जहाजों को दूसरे वैकल्पिक रूटों के जरिए माल ले आना-जाना पड़ेगा. इससे शिपिंग की लागत बढ़ जाएगी. ऐसे में शिपिंग कंपनियों को मुनाफा होने की गुंजाइश बनी रहती है.
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