ईरान-इजरायल टेंशन ने ऐसे बढ़ा दी भारत के लिए बड़ी सिरदर्दी, चुनौतियों से पार पाने का अब क्या विकल्प
Israel Iran Tensions: इजरायल ने ईरान के महत्वपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला कर दिया. इसके बाद मध्य-पूर्व के देशों में जबरदस्त तनाव बढ़ गया है. ऐसा माना जा रहा है कि जिस तरह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है, उसका असर न सिर्फ पश्चिम एशिया पर पड़ेगा बल्कि भारत भी इससे अछूता नहीं रह पाएगा. इसकी वजह है हॉर्मुज की खाड़ी. यह जलडमरुमध्य ईरान और ओमान के बीच है. ये फारस की खाड़ी को अरब सागर और ओमान की खाड़ी से जोड़ती है. इसके साथ ही, ये संवेदशनशील और एक महत्वपूर्ण मार्ग है. वैश्विक तेल आपूर्ति का बड़ा रास्ता हॉर्मूज की खाड़ी इस हॉर्मूज की खाड़ी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वैश्विक तेल आपूर्ति का करीब 20 फीसदी हिस्सा इसी रास्ते से होकर गुजरता है. इसके साथ ही, ये मध्य पूर्व के तेल उत्पादक देश, जैसे- ईरान, इराक, सऊदी अरब, कतर और यूएई के लिए यही एक मात्र समुद्री रास्ता है, जिससे वे तेल को दुनिया के मार्केट में पहुंचाते हैं. ऐसे में अगर यहां पर समस्या खड़ी होती है तो तेल की कीमत सातवें आसमान पर चली जाएगी. सप्लाई चेन रुक जाएगी और भारत समेत जिन देशों की भी इस पर निर्भरता है, वहां की ऊर्जा जरूरतों पर सीधा असर पड़ेगा. भारत पर क्या असर सबसे खास बात ये है कि भारत के लिए ये एक बड़ा खतरा बन सकता है, इसकी वजह ये है कि करीब दो तिहाई तेल का आयत भारत इसी रास्ते से करता है. इसके अलावा, एलएनजी का करीब आधा हिस्सा भी इसी रास्ते से आयात किया जाता है. ऐसी स्थिति में अगर ये रास्ता बंद होता है तो भारत को अन्य रास्ते फौरन तलाशने ही होंगे, जिसमें ज्यादा लागत और लॉजिस्टिक्स चुनौतियां पैदा होंगी. भारत के पास अब ये विकल्प है कि वे संभावित चुनौतियों बढ़ती लागत की संभावनाओं को देखते हुए ऊर्जा के अन्य स्त्रोतों पर विचार करे और अपने रिजर्व को बढ़ाए ताकि आने वाले समय में ऐसी चुनौतियां का सामना किया जा सके. तेल की कीमत बढ़ने की भविष्यवाणी ब्रोकरेज फर्म जेपी मोर्गर ने आगाह करते हुए कहा कि अगर संघर्ष बढ़ता है तो उस सूरत में तेल की कीमत बढ़कर 120 डॉलर के पार जा सकती है. इससे महंगाई और भारत का मौजूदा राजकोषीय घाटा भी बढ़ सकता है. साथ ही, तेल की कीमत बढ़ने से हर चीज महंगी हो जाएगी. ये भी पढ़ें: इजरायल-ईरान टेंशन के बीच भारत के लिए आयी अच्छी खबर, चीन-पाकिस्तान को लगेगी मिर्ची

Israel Iran Tensions: इजरायल ने ईरान के महत्वपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला कर दिया. इसके बाद मध्य-पूर्व के देशों में जबरदस्त तनाव बढ़ गया है. ऐसा माना जा रहा है कि जिस तरह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है, उसका असर न सिर्फ पश्चिम एशिया पर पड़ेगा बल्कि भारत भी इससे अछूता नहीं रह पाएगा. इसकी वजह है हॉर्मुज की खाड़ी. यह जलडमरुमध्य ईरान और ओमान के बीच है. ये फारस की खाड़ी को अरब सागर और ओमान की खाड़ी से जोड़ती है. इसके साथ ही, ये संवेदशनशील और एक महत्वपूर्ण मार्ग है.
वैश्विक तेल आपूर्ति का बड़ा रास्ता हॉर्मूज की खाड़ी
इस हॉर्मूज की खाड़ी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वैश्विक तेल आपूर्ति का करीब 20 फीसदी हिस्सा इसी रास्ते से होकर गुजरता है. इसके साथ ही, ये मध्य पूर्व के तेल उत्पादक देश, जैसे- ईरान, इराक, सऊदी अरब, कतर और यूएई के लिए यही एक मात्र समुद्री रास्ता है, जिससे वे तेल को दुनिया के मार्केट में पहुंचाते हैं.
ऐसे में अगर यहां पर समस्या खड़ी होती है तो तेल की कीमत सातवें आसमान पर चली जाएगी. सप्लाई चेन रुक जाएगी और भारत समेत जिन देशों की भी इस पर निर्भरता है, वहां की ऊर्जा जरूरतों पर सीधा असर पड़ेगा.
भारत पर क्या असर
सबसे खास बात ये है कि भारत के लिए ये एक बड़ा खतरा बन सकता है, इसकी वजह ये है कि करीब दो तिहाई तेल का आयत भारत इसी रास्ते से करता है. इसके अलावा, एलएनजी का करीब आधा हिस्सा भी इसी रास्ते से आयात किया जाता है.
ऐसी स्थिति में अगर ये रास्ता बंद होता है तो भारत को अन्य रास्ते फौरन तलाशने ही होंगे, जिसमें ज्यादा लागत और लॉजिस्टिक्स चुनौतियां पैदा होंगी. भारत के पास अब ये विकल्प है कि वे संभावित चुनौतियों बढ़ती लागत की संभावनाओं को देखते हुए ऊर्जा के अन्य स्त्रोतों पर विचार करे और अपने रिजर्व को बढ़ाए ताकि आने वाले समय में ऐसी चुनौतियां का सामना किया जा सके.
तेल की कीमत बढ़ने की भविष्यवाणी
ब्रोकरेज फर्म जेपी मोर्गर ने आगाह करते हुए कहा कि अगर संघर्ष बढ़ता है तो उस सूरत में तेल की कीमत बढ़कर 120 डॉलर के पार जा सकती है. इससे महंगाई और भारत का मौजूदा राजकोषीय घाटा भी बढ़ सकता है. साथ ही, तेल की कीमत बढ़ने से हर चीज महंगी हो जाएगी.
ये भी पढ़ें: इजरायल-ईरान टेंशन के बीच भारत के लिए आयी अच्छी खबर, चीन-पाकिस्तान को लगेगी मिर्ची
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