इन 10 गलतियों से धीमा हो जाता है मेटाबॉलिज्म, जानें इसे बूस्ट करने का तरीका
इंसान के शरीर के लिए तेज मेटाबॉलिज्म काफी बेहतर होता है, लेकिन काफी लोगों का मेटाबॉलिज्म धीमा भी हो जाता है. गौर करने वाली बात यह है कि मेटाबॉलिज्म तेज या धीमा होने के पीछे आपकी अपनी आदतें ही जिम्मेदार होती हैं. आइए जानते हैं कि किन गलतियों की वजह से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और इसे बूस्ट करने का आसान तरीका क्या है? इन गलतियों से धीमा हो जाता है मेटाबॉलिज्म वजन घटाने के लिए लोग अक्सर अपना कैलोरी इनटेक काफी कम कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है. साल 2025 में हेल्थलाइन की एक स्टडी के अनुसार, अगर आप रोजाना 1000 कैलोरी से कम लेते हैं तो शरीर 'भुखमरी मोड' में चला जाता है. ऐसे में एनर्जी बचाने के लिए हमारी बॉडी मेटाबॉलिक रेट को कम कर देती है, जिससे कैलोरी बर्न होने का प्रोसेस धीमा हो जाता है. मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में प्रोटीन की अहम भूमिका होती है. दरअसल, प्रोटीन का थर्मिक इफेक्ट (TEF) सबसे ज्यादा होता है, जिसे पचाने के लिए शरीर को ज्यादा एनर्जी खर्च करनी पड़ती है. प्रोटीन की कमी से मेटाबॉलिज्म 20 से 30 पर्सेंट तक धीमा हो सकता है. 2025 की वेबएमडी की एक स्टडी के अनुसार, जो लोग रात में छह घंटे से कम सोते हैं, उनके मेटाबॉलिज्म पर खराब असर पड़ता है. इसके अलावा लंबे समय तक बैठे रहने या फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा नहीं करने पर भी मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है. हेल्थ बाय वेल्थ की 2025 की स्टडी में बताया गया कि जो लोग दिन भर बैठे रहते हैं या डेस्क जॉब करते हैं, उनका मेटाबॉलिक रेट 8-16% तक कम हो जाता है. ये गलतियां भी करती हैं परेशान 2025 में बीबीसी गुड फूड की एक स्टडी में पाया गया कि 500 मिली पानी पीने से मेटाबॉलिज्म 30% तक बढ़ सकता है. वहीं, हल्का डिहाइड्रेशन भी मेटाबॉलिक रेट को 3% तक कम कर सकता है. इसका मतलब यह है कि पानी की कमी से एनर्जी इस्तेमाल करने की शरीर की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे थकान और सुस्ती बढ़ती है. इसके अलावा ज्यादा स्ट्रेस लेने से भी मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है. अगर आप समय पर खाना नहीं खाते हैं तो भी मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है. 2025 की हेल्थलाइन की स्टडी में बताया गया कि अनियमित भोजन से मेटाबॉलिक जेट लैग होता है, जो हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ाता है. वहीं, ज्यादा चीनी और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड जैसे चिप्स, सोडा खाने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है. हेल्थ बाय वेल्थ की 2025 की स्टडी के अनुसार, ज्यादा शुगर से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है और पेट के आसपास फैट जमा होता है. प्रोसेस्ड फूड को पचाने में शरीर को कम मेहनत करनी पड़ती है, जिससे मेटाबॉलिक रेट कम हो जाता है. कुछ दवाओं की वजह से भी मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है. 2025 की वेबएमडी की स्टडी के अनुसार, डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया और हार्ट रेट को धीमा करने वाली दवाएं मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकती हैं. इन तरीकों से बूस्ट हो सकता है मेटाबॉलिज्म मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का सबसे अच्छा तरीका प्रोटीन है. हेल्थलाइन की स्टडी के अनुसार, हर भोजन में प्रोटीन शामिल करें. प्रोटीन न केवल मेटाबॉलिक रेट बढ़ाता है, बल्कि मांसपेशियों को मजबूत भी करता है. वहीं, सप्ताह में कम से कम 2-3 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें. इससे भी मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है. पानी पीना भी मेटाबॉलिज्म को तेज करने का सबसे आसान तरीका है. हेल्थ बाय वेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, रोजाना एक ही समय पर भोजन और नाश्ता जरूर करना चाहिए. 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी है. ये भी पढ़ें: गामा नाइफ से कैसे होता है कैंसर का इलाज? जानें ये कितना सेफ Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

इंसान के शरीर के लिए तेज मेटाबॉलिज्म काफी बेहतर होता है, लेकिन काफी लोगों का मेटाबॉलिज्म धीमा भी हो जाता है. गौर करने वाली बात यह है कि मेटाबॉलिज्म तेज या धीमा होने के पीछे आपकी अपनी आदतें ही जिम्मेदार होती हैं. आइए जानते हैं कि किन गलतियों की वजह से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और इसे बूस्ट करने का आसान तरीका क्या है?
इन गलतियों से धीमा हो जाता है मेटाबॉलिज्म
वजन घटाने के लिए लोग अक्सर अपना कैलोरी इनटेक काफी कम कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है. साल 2025 में हेल्थलाइन की एक स्टडी के अनुसार, अगर आप रोजाना 1000 कैलोरी से कम लेते हैं तो शरीर 'भुखमरी मोड' में चला जाता है. ऐसे में एनर्जी बचाने के लिए हमारी बॉडी मेटाबॉलिक रेट को कम कर देती है, जिससे कैलोरी बर्न होने का प्रोसेस धीमा हो जाता है. मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में प्रोटीन की अहम भूमिका होती है. दरअसल, प्रोटीन का थर्मिक इफेक्ट (TEF) सबसे ज्यादा होता है, जिसे पचाने के लिए शरीर को ज्यादा एनर्जी खर्च करनी पड़ती है. प्रोटीन की कमी से मेटाबॉलिज्म 20 से 30 पर्सेंट तक धीमा हो सकता है.
2025 की वेबएमडी की एक स्टडी के अनुसार, जो लोग रात में छह घंटे से कम सोते हैं, उनके मेटाबॉलिज्म पर खराब असर पड़ता है. इसके अलावा लंबे समय तक बैठे रहने या फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा नहीं करने पर भी मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है. हेल्थ बाय वेल्थ की 2025 की स्टडी में बताया गया कि जो लोग दिन भर बैठे रहते हैं या डेस्क जॉब करते हैं, उनका मेटाबॉलिक रेट 8-16% तक कम हो जाता है.
ये गलतियां भी करती हैं परेशान
2025 में बीबीसी गुड फूड की एक स्टडी में पाया गया कि 500 मिली पानी पीने से मेटाबॉलिज्म 30% तक बढ़ सकता है. वहीं, हल्का डिहाइड्रेशन भी मेटाबॉलिक रेट को 3% तक कम कर सकता है. इसका मतलब यह है कि पानी की कमी से एनर्जी इस्तेमाल करने की शरीर की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे थकान और सुस्ती बढ़ती है. इसके अलावा ज्यादा स्ट्रेस लेने से भी मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है. अगर आप समय पर खाना नहीं खाते हैं तो भी मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है.
2025 की हेल्थलाइन की स्टडी में बताया गया कि अनियमित भोजन से मेटाबॉलिक जेट लैग होता है, जो हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ाता है. वहीं, ज्यादा चीनी और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड जैसे चिप्स, सोडा खाने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है. हेल्थ बाय वेल्थ की 2025 की स्टडी के अनुसार, ज्यादा शुगर से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है और पेट के आसपास फैट जमा होता है. प्रोसेस्ड फूड को पचाने में शरीर को कम मेहनत करनी पड़ती है, जिससे मेटाबॉलिक रेट कम हो जाता है. कुछ दवाओं की वजह से भी मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है. 2025 की वेबएमडी की स्टडी के अनुसार, डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया और हार्ट रेट को धीमा करने वाली दवाएं मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकती हैं.
इन तरीकों से बूस्ट हो सकता है मेटाबॉलिज्म
मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का सबसे अच्छा तरीका प्रोटीन है. हेल्थलाइन की स्टडी के अनुसार, हर भोजन में प्रोटीन शामिल करें. प्रोटीन न केवल मेटाबॉलिक रेट बढ़ाता है, बल्कि मांसपेशियों को मजबूत भी करता है. वहीं, सप्ताह में कम से कम 2-3 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें. इससे भी मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है. पानी पीना भी मेटाबॉलिज्म को तेज करने का सबसे आसान तरीका है. हेल्थ बाय वेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, रोजाना एक ही समय पर भोजन और नाश्ता जरूर करना चाहिए. 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी है.
ये भी पढ़ें: गामा नाइफ से कैसे होता है कैंसर का इलाज? जानें ये कितना सेफ
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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