'आयुष्मान भारत के तहत 1.21 लाख करोड़ रुपये का बिल बकाया', संसद में केंद्र सरकार के जवाब पर IMA का बयान

केंद्र सरकार ने शुक्रवार (25 जुलाई 2025) को संसद में बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत के तहत 9.84 करोड़ से अधिक अस्पताल में भर्ती को मंजूरी दी गई है, जिसमें 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है. '41 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए' केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने प्रताप राव जाधव ने बताया कि देश में आयुष्मान भारत योजना (AB-PMJAY) के तहत अब तक 41 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 5.33 करोड़ कार्ड जारी किए गए हैं. उसके बाद मध्य प्रदेश, बिहार और ओडिशा का स्थान है। लक्षद्वीप में सबसे कम 36,000 कार्ड जारी किए गए हैं।  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आयुष्मान भारत के तहत बकाया बिलों पर चिंता जताई है, जो अस्पताल की वित्तीय स्थिति के लिए खतरा है. गुजरात में 2021 से 2023 तक के 300 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है. यहां केवल 5 फीसदी बिल का ही निपटारा 15 दिनों के भीतर किया गया है. आयुष्मान भारत के तहत 1.21 लाख करोड़ रुपये का बिल बकाया- IMA अजय बसुदेव बोस की ओर से दायर एक आरटीआई के अनुसार केरल में 400 करोड़ रुपये का बकाया है और देश में 1.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अभी भी बकाया है. आईएमए ने यह भी बताया कि पैकेज दरें बहुत कम हैं और वे उपचार में लगने वाले पैकेज को कवर नहीं करती है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिलीप भानुशाली ने कहा, "दरें और पैकेज तय करते समय आईएमए को बुलाना चाहिए और हमें समय पर भुगतान करने की प्रकिया सुनिश्चित करनी चाहिए. आईएमए ने सिफारिश की है कि भुगतान को ऑटोमेटिक करें और पारदर्शिता के लिए वास्तविक समय ट्रैकिंग बनाएं. डॉक्यूमेंटेशन को आसान बनाएं- IMA आईएमए ने कहा, "डॉक्यूमेंटेशन को आसान बनाएं और 24/7 डिजिटल सहायता प्रदान करें जैसे- व्हाट्सएप, एसएमएस. मान्यता प्राप्त और ग्रामीण अस्पतालों को अधिक भुगतान और जल्दी अप्रूव कर प्रोत्साहित करें." डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि सुधारों के बिना, भारत के सबसे गरीब लोगों को मुफ्त, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का योजना का उद्देश्य खतरे में पड़ जाए. ये भी पढ़ें : 'मेरे पिता के कामों ने मैसूर राजा को पीछे छोड़ दिया', CM सिद्धारमैया के बेटे के बयान पर छिड़ा बवाल

Jul 27, 2025 - 02:30
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'आयुष्मान भारत के तहत 1.21 लाख करोड़ रुपये का बिल बकाया', संसद में केंद्र सरकार के जवाब पर IMA का बयान

केंद्र सरकार ने शुक्रवार (25 जुलाई 2025) को संसद में बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत के तहत 9.84 करोड़ से अधिक अस्पताल में भर्ती को मंजूरी दी गई है, जिसमें 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है.

'41 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए'

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने प्रताप राव जाधव ने बताया कि देश में आयुष्मान भारत योजना (AB-PMJAY) के तहत अब तक 41 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 5.33 करोड़ कार्ड जारी किए गए हैं. उसके बाद मध्य प्रदेश, बिहार और ओडिशा का स्थान है। लक्षद्वीप में सबसे कम 36,000 कार्ड जारी किए गए हैं। 

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आयुष्मान भारत के तहत बकाया बिलों पर चिंता जताई है, जो अस्पताल की वित्तीय स्थिति के लिए खतरा है. गुजरात में 2021 से 2023 तक के 300 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है. यहां केवल 5 फीसदी बिल का ही निपटारा 15 दिनों के भीतर किया गया है.

आयुष्मान भारत के तहत 1.21 लाख करोड़ रुपये का बिल बकाया- IMA

अजय बसुदेव बोस की ओर से दायर एक आरटीआई के अनुसार केरल में 400 करोड़ रुपये का बकाया है और देश में 1.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अभी भी बकाया है. आईएमए ने यह भी बताया कि पैकेज दरें बहुत कम हैं और वे उपचार में लगने वाले पैकेज को कवर नहीं करती है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिलीप भानुशाली ने कहा, "दरें और पैकेज तय करते समय आईएमए को बुलाना चाहिए और हमें समय पर भुगतान करने की प्रकिया सुनिश्चित करनी चाहिए. आईएमए ने सिफारिश की है कि भुगतान को ऑटोमेटिक करें और पारदर्शिता के लिए वास्तविक समय ट्रैकिंग बनाएं.

डॉक्यूमेंटेशन को आसान बनाएं- IMA

आईएमए ने कहा, "डॉक्यूमेंटेशन को आसान बनाएं और 24/7 डिजिटल सहायता प्रदान करें जैसे- व्हाट्सएप, एसएमएस. मान्यता प्राप्त और ग्रामीण अस्पतालों को अधिक भुगतान और जल्दी अप्रूव कर प्रोत्साहित करें." डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि सुधारों के बिना, भारत के सबसे गरीब लोगों को मुफ्त, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का योजना का उद्देश्य खतरे में पड़ जाए.

ये भी पढ़ें : 'मेरे पिता के कामों ने मैसूर राजा को पीछे छोड़ दिया', CM सिद्धारमैया के बेटे के बयान पर छिड़ा बवाल

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