आतंकवाद की तोड़ी कमर, नक्सल पर किया प्रहार... कौन हैं तपन कुमार डेका, जिन्हें दूसरी बार आईबी चीफ के पद पर मिला एक्सटेंशन
IB Chief Tapan Kumar Deka: इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के प्रमुख तपन कुमार डेका के कार्यकाल को केंद्र सरकार ने एक बार फिर बढ़ा दिया है. यह दूसरी बार है जब आईबी चीफ के पद पर बैठे आईपीएस अधिकारी और आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञ तपन कुमार डेका को एक्सटेंशन दिया गया है. केंद्र सरकार ने पिछले साल 30 जून, 2024 को तपन कुमार डेका के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ाया था, जिसे इस साल फिर से एक्सटेंड कर दिया गया है. तपन कुमार डेका 1988 बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने भारत के नॉर्थ ईस्ट इलाके में उग्रवाद से लड़ने और इंडियन मुजाहिदीन की कमर तोड़ने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. डेका पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो के लिए संयुक्त निदेशक के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं. विशेष बात यह है कि भारत में इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ डेका पिछले 20 सालों से लगातार अभियान चला रहे हैं. इस्लामिक आतंकवाद से निपटने में हैं एक्सपर्ट तपन कुमार डेका साल 1990 से उत्तर-पूर्वी इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्हें विद्रोह का विशेषज्ञ भी कहा जाता है. देश में आतंकियों और इस्लामिक कट्टरपंथियों से कैसे निपटने है, तपन कुमार डेका इस मामले में वह एक्टपर्ट हैं. उन्होंने इंडियन मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूह के खिलाफ कई अभियान चलाए और उनका नेतृत्व भी किया. उल्लेखनीय है कि इंडियन मुजाहिदीन ने ही साल 2000 के दशक में पूरे देश में बम विस्फोटों को अंजाम दिया था और देश भर में तबाही मचाई हुई थी. संकटमोचक का दिया गया है नाम अपने इंटेलिजेंस ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान डेका ने मध्य भारत के छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में वामपंथी उग्रवादियों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी. ये उग्रवादी अब छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले तक सीमित माओवादी हैं. इसके अलावा उन्होंने अमेरिका में भी अपनी सेवा दी है और भारत में पाकिस्तान प्रायोजित इंडियन मुजाहिदीन ग्रुप के खात्मे में मुख्य रूप से भूमिका निभाई. डेका ने मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों की जांच की और आतंकियों को कटघरे में खड़ा किया. तपन कुमार डेका ने आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशनों और अभियानों से देश की सुरक्षा में खास भूमिका निभाई है, इसलिए उन्हें संकटमोचक के रूप में भी जाना जाता है.

IB Chief Tapan Kumar Deka: इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के प्रमुख तपन कुमार डेका के कार्यकाल को केंद्र सरकार ने एक बार फिर बढ़ा दिया है. यह दूसरी बार है जब आईबी चीफ के पद पर बैठे आईपीएस अधिकारी और आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञ तपन कुमार डेका को एक्सटेंशन दिया गया है. केंद्र सरकार ने पिछले साल 30 जून, 2024 को तपन कुमार डेका के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ाया था, जिसे इस साल फिर से एक्सटेंड कर दिया गया है.
तपन कुमार डेका 1988 बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने भारत के नॉर्थ ईस्ट इलाके में उग्रवाद से लड़ने और इंडियन मुजाहिदीन की कमर तोड़ने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. डेका पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो के लिए संयुक्त निदेशक के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं. विशेष बात यह है कि भारत में इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ डेका पिछले 20 सालों से लगातार अभियान चला रहे हैं.
इस्लामिक आतंकवाद से निपटने में हैं एक्सपर्ट
तपन कुमार डेका साल 1990 से उत्तर-पूर्वी इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्हें विद्रोह का विशेषज्ञ भी कहा जाता है. देश में आतंकियों और इस्लामिक कट्टरपंथियों से कैसे निपटने है, तपन कुमार डेका इस मामले में वह एक्टपर्ट हैं. उन्होंने इंडियन मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूह के खिलाफ कई अभियान चलाए और उनका नेतृत्व भी किया.
उल्लेखनीय है कि इंडियन मुजाहिदीन ने ही साल 2000 के दशक में पूरे देश में बम विस्फोटों को अंजाम दिया था और देश भर में तबाही मचाई हुई थी.
संकटमोचक का दिया गया है नाम
अपने इंटेलिजेंस ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान डेका ने मध्य भारत के छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में वामपंथी उग्रवादियों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी. ये उग्रवादी अब छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले तक सीमित माओवादी हैं. इसके अलावा उन्होंने अमेरिका में भी अपनी सेवा दी है और भारत में पाकिस्तान प्रायोजित इंडियन मुजाहिदीन ग्रुप के खात्मे में मुख्य रूप से भूमिका निभाई.
डेका ने मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों की जांच की और आतंकियों को कटघरे में खड़ा किया. तपन कुमार डेका ने आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशनों और अभियानों से देश की सुरक्षा में खास भूमिका निभाई है, इसलिए उन्हें संकटमोचक के रूप में भी जाना जाता है.
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