'अगर ECI पर भरोसा नहीं तो दें इस्तीफा', राहुल गांधी के 'वोट चोरी' बयान पर भाजपा का पलटवार
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ‘वोट चोरी’ से जुड़े उनके दावे पर हस्ताक्षरित शपथ पत्र नहीं देने के लिए शनिवार (09 अगस्त, 2025) को निशाना साधा और कहा कि यदि कांग्रेस नेता को निर्वाचन आयोग पर भरोसा नहीं है तो उन्हें लोकसभा की सदस्यता से ‘नैतिक आधार’ पर इस्तीफा दे देना चाहिए. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा से कहा कि यदि उन्हें चुनावों में विश्वास नहीं है तो वे राज्यसभा और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दें. निर्वाचन आयोग की नेकनीयती पर कोई संदेह नहीं भाटिया ने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'राहुल गांधी मीडिया के सामने निराधार आरोप लगाते हैं और फिर जब संवैधानिक संस्था सबूत और हस्ताक्षरित शपथपत्र मांगती है तो देने से इनकार कर देते हैं.’ भाजपा प्रवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हिस्सा पढ़ते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा था कि निर्वाचन आयोग की नेकनीयती पर कोई संदेह नहीं है और यह बात सर्वविदित है कि निर्वाचन आयोग ने पिछले कुछ सालों में एक निष्पक्ष संस्था के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बनायी है. भाटिया ने कहा, ‘राहुल गांधी, अगर आपको निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर भरोसा नहीं है तो एक काम कीजिए, सबसे पहले आप लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दीजिए. प्रियंका गांधी, आप भी इस्तीफा दीजिए, सोनिया गांधी, आप भी कम से कम नैतिक आधार पर इस्तीफा दीजिए, क्योंकि आप उसी निर्वाचन आयोग पर सवाल उठा रही हैं.’ कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के CM दें इस्तीफा उन्होंने कहा, ‘फिर आप सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और जनता के पास जाइए.’ भाटिया ने यह भी मांग की है कि कांग्रेस शासित कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को भी इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उनके शीर्ष नेताओं को निर्वाचन आयोग पर भरोसा नहीं है. भाटिया ने कहा, ‘जो भी आपके अनुकूल है, आप स्वीकार करते हैं. जो भी असुविधाजनक होता, आप उसे खारिज कर देते हैं और निर्वाचन आयोग पर आक्षेप लगाते हैं, यह नहीं चलेगा.’ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग की ओर से शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने या माफी मांगने के लिए कहे जाने के बाद शुक्रवार को उस पर पलटवार किया और कहा कि उन्होंने संसद के भीतर संविधान की शपथ ली है. 'वोट अधिकार रैली' में राहुल गांधी का आरोप कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेंगलुरु के 'फ्रीडम पार्क' में आयोजित 'वोट अधिकार रैली' को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि कर्नाटक सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में फर्जी मतदाताओं को शामिल किए जाने की जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘निर्वाचन आयोग ने मुझसे हलफनामा देने और शपथपत्र पर हस्ताक्षर करके जानकारी देने को कहा है. मैंने संसद के अंदर, संविधान के सामने, संविधान की शपथ ली है.’ भाटिया ने गांधी के 'वोट चोरी' के दावे को झूठा करार देते हुए कहा, ‘राहुल उर्फ 'अराजक तत्व' अब राहुल उर्फ 'विध्वंसक' बन गए हैं. वह भारत के संविधान और भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करना चाहते हैं.’ उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी पर 'अपरिपक्व' होने और निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को धमकाकर संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ एक युद्ध छेड़ने का आरोप भी लगाया. ये भी पढ़ें:- ट्रंप के टैरिफ का भारत में दिखने लगा असर, तमिलनाडु में कई कपड़ा कंपनियों ने रोका प्रोडक्शन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ‘वोट चोरी’ से जुड़े उनके दावे पर हस्ताक्षरित शपथ पत्र नहीं देने के लिए शनिवार (09 अगस्त, 2025) को निशाना साधा और कहा कि यदि कांग्रेस नेता को निर्वाचन आयोग पर भरोसा नहीं है तो उन्हें लोकसभा की सदस्यता से ‘नैतिक आधार’ पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा से कहा कि यदि उन्हें चुनावों में विश्वास नहीं है तो वे राज्यसभा और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दें.
निर्वाचन आयोग की नेकनीयती पर कोई संदेह नहीं
भाटिया ने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'राहुल गांधी मीडिया के सामने निराधार आरोप लगाते हैं और फिर जब संवैधानिक संस्था सबूत और हस्ताक्षरित शपथपत्र मांगती है तो देने से इनकार कर देते हैं.’ भाजपा प्रवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हिस्सा पढ़ते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा था कि निर्वाचन आयोग की नेकनीयती पर कोई संदेह नहीं है और यह बात सर्वविदित है कि निर्वाचन आयोग ने पिछले कुछ सालों में एक निष्पक्ष संस्था के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बनायी है.
भाटिया ने कहा, ‘राहुल गांधी, अगर आपको निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर भरोसा नहीं है तो एक काम कीजिए, सबसे पहले आप लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दीजिए. प्रियंका गांधी, आप भी इस्तीफा दीजिए, सोनिया गांधी, आप भी कम से कम नैतिक आधार पर इस्तीफा दीजिए, क्योंकि आप उसी निर्वाचन आयोग पर सवाल उठा रही हैं.’
कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के CM दें इस्तीफा
उन्होंने कहा, ‘फिर आप सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और जनता के पास जाइए.’ भाटिया ने यह भी मांग की है कि कांग्रेस शासित कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को भी इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उनके शीर्ष नेताओं को निर्वाचन आयोग पर भरोसा नहीं है.
भाटिया ने कहा, ‘जो भी आपके अनुकूल है, आप स्वीकार करते हैं. जो भी असुविधाजनक होता, आप उसे खारिज कर देते हैं और निर्वाचन आयोग पर आक्षेप लगाते हैं, यह नहीं चलेगा.’ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग की ओर से शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने या माफी मांगने के लिए कहे जाने के बाद शुक्रवार को उस पर पलटवार किया और कहा कि उन्होंने संसद के भीतर संविधान की शपथ ली है.
'वोट अधिकार रैली' में राहुल गांधी का आरोप
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेंगलुरु के 'फ्रीडम पार्क' में आयोजित 'वोट अधिकार रैली' को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि कर्नाटक सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में फर्जी मतदाताओं को शामिल किए जाने की जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘निर्वाचन आयोग ने मुझसे हलफनामा देने और शपथपत्र पर हस्ताक्षर करके जानकारी देने को कहा है. मैंने संसद के अंदर, संविधान के सामने, संविधान की शपथ ली है.’
भाटिया ने गांधी के 'वोट चोरी' के दावे को झूठा करार देते हुए कहा, ‘राहुल उर्फ 'अराजक तत्व' अब राहुल उर्फ 'विध्वंसक' बन गए हैं. वह भारत के संविधान और भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करना चाहते हैं.’ उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी पर 'अपरिपक्व' होने और निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को धमकाकर संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ एक युद्ध छेड़ने का आरोप भी लगाया.
ये भी पढ़ें:- ट्रंप के टैरिफ का भारत में दिखने लगा असर, तमिलनाडु में कई कपड़ा कंपनियों ने रोका प्रोडक्शन
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