Vishnu Ji Ki Aarti: ॐ जय बृहस्पति देवा. . आज गुरुवार के दिन विष्णु जी की ये आरती जरूर करें

Vishnu Ji Ki Aarti: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए अत्यंत पुण्यकारी और शुभ माना जाता है.इस दिन भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता, धर्म, सत्य और करुणा के प्रतीक रूप में पूजा जाता है.ऐसा विश्वास है कि जो श्रद्धालु इस दिन विधिपूर्वक व्रत करते हैं, "विष्णु सहस्रनाम" या "श्रीसुक्त"का पाठ करते हैं,उन्हें जीवन में सुख,समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है.यह दिन विशेष रूप से गुरु ग्रह को प्रसन्न करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत प्रभावकारी होता है.  इस दिन की पूजा की एक विशिष्ट विधि है.प्रातःकाल स्नान कर पीले या स्वच्छ वस्त्र धारण करें.घर के पूजास्थल में भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें.उन्हें पीले फूल,तुलसी पत्र,चंदन,केले,पीला फल, खीर अथवा पीले चावल का भोग अर्पित करें.दीपक जलाकर श्रद्धा से "विष्णु सहस्रनाम", "श्रीविष्णु अष्टोत्तर शतनामावली" या "श्रीसुक्त" का पाठ करें.  पूजन के बाद श्रीहरि विष्णु की आरती करें और उपस्थित सभी भक्तों में तुलसी मिश्रित प्रसाद वितरित करें.उपवास रखने वाले को सात्विक भोजन करना चाहिए.इस दिन नमक का सेवन न करना विशेष फलदायक माना गया है.लहसुन,प्याज,मांसाहार और तामसिक भोजन से परहेज रखना चाहिए.भगवान विष्णु की उपासना से चित्त की शांति,सद्बुद्धि और जीवन में संतुलन आता है.  ॐ जय जगदीश हरे ॐ जय जगदीश हरेस्वामी जय जगदीश हरे।भक्त जनों के संकटदास जनों के संकटक्षण में दूर करे॥ ॐ जय... जो ध्यावे फल पावेदुख विनसे मन कास्वामी दुख विनसे मन कासुख संपत्ति घर आवेसुख संपत्ति घर आवेकष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय... मात-पिता तुम मेरेशरण गहूं मैं किसकीस्वामी शरण गहूं मैं किसकीतुम बिन और न दूजातुम बिन और न दूजाआस करूं मैं जिसकी॥ ॐ जय... तुम पूरण परमात्मातुम अंतर्यामीस्वामी तुम अंतर्यामीपारब्रह्म परमेश्वरपारब्रह्म परमेश्वरतुम सबके स्वामी॥ ॐ जय... तुम करुणा के सागरतुम पालक मेरेस्वामी तुम पालक मेरेमैं मूरख खल कामीमैं सेवा करूं तेरी॥ ॐ जय... ॐ जय जगदीश हरेस्वामी जय जगदीश हरे।भक्त जनों के संकटदास जनों के संकटक्षण में दूर करे॥ ॐ जय...

May 15, 2025 - 08:30
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Vishnu Ji Ki Aarti: ॐ जय बृहस्पति देवा. . आज गुरुवार के दिन विष्णु जी की ये आरती जरूर करें

Vishnu Ji Ki Aarti: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए अत्यंत पुण्यकारी और शुभ माना जाता है.इस दिन भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता, धर्म, सत्य और करुणा के प्रतीक रूप में पूजा जाता है.ऐसा विश्वास है कि जो श्रद्धालु इस दिन विधिपूर्वक व्रत करते हैं, "विष्णु सहस्रनाम" या "श्रीसुक्त"का पाठ करते हैं,उन्हें जीवन में सुख,समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है.यह दिन विशेष रूप से गुरु ग्रह को प्रसन्न करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत प्रभावकारी होता है. 

इस दिन की पूजा की एक विशिष्ट विधि है.प्रातःकाल स्नान कर पीले या स्वच्छ वस्त्र धारण करें.घर के पूजास्थल में भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें.उन्हें पीले फूल,तुलसी पत्र,चंदन,केले,पीला फल, खीर अथवा पीले चावल का भोग अर्पित करें.दीपक जलाकर श्रद्धा से "विष्णु सहस्रनाम", "श्रीविष्णु अष्टोत्तर शतनामावली" या "श्रीसुक्त" का पाठ करें. 

पूजन के बाद श्रीहरि विष्णु की आरती करें और उपस्थित सभी भक्तों में तुलसी मिश्रित प्रसाद वितरित करें.उपवास रखने वाले को सात्विक भोजन करना चाहिए.इस दिन नमक का सेवन न करना विशेष फलदायक माना गया है.लहसुन,प्याज,मांसाहार और तामसिक भोजन से परहेज रखना चाहिए.भगवान विष्णु की उपासना से चित्त की शांति,सद्बुद्धि और जीवन में संतुलन आता है. 

ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे॥ ॐ जय...

जो ध्यावे फल पावे
दुख विनसे मन का
स्वामी दुख विनसे मन का
सुख संपत्ति घर आवे
सुख संपत्ति घर आवे
कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...

मात-पिता तुम मेरे
शरण गहूं मैं किसकी
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी
तुम बिन और न दूजा
तुम बिन और न दूजा
आस करूं मैं जिसकी॥ ॐ जय...

तुम पूरण परमात्मा
तुम अंतर्यामी
स्वामी तुम अंतर्यामी
पारब्रह्म परमेश्वर
पारब्रह्म परमेश्वर
तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...

तुम करुणा के सागर
तुम पालक मेरे
स्वामी तुम पालक मेरे
मैं मूरख खल कामी
मैं सेवा करूं तेरी॥ ॐ जय...

ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे॥ ॐ जय...

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