Vastu Tips For Home: घर में सुख-समृद्धि और शांति के लिए वास्तु शास्त्र के अचूक उपाय! तुरंत आजमाएं!

Vastu Shastra For Home: जब भी वास्तु शास्त्र का नाम लिया जाता है, तो ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि ये घर बनाने की दिशा और नक्शे तक सीमित है. लेकिन वास्तु केवल दीवारों और दरवाजों का मामला नहीं है, बल्कि यह आपके पूरे जीवन पर असर डालता है. कैसे सोते हैं, क्या पहनते हैं, किस दिशा में फर्नीचर रखते हैं, घर में किस तरह की सजावट करते हैं. इन सब चीजों का आपकी सोच, सेहत और सौभाग्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है. अगर आप अपने रोजमर्रा के जीवन में थोड़े-से वास्तु टिप्स शामिल कर लें, तो न सिर्फ घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है, बल्कि मानसिक तनाव, रुकावटें और नकारात्मकता भी दूर रहती है. घर की सजावट सिर्फ शो नहीं, सौभाग्य का रास्ता हैघर में जो चीजें आप सजावट के लिए लगाते हैं, उनका वास्तु के हिसाब से होना जरूरी है. मुख्य दरवाजा हमेशा साफ-सुथरा और सजावटी होना चाहिए, क्योंकि यहीं से लक्ष्मीजी प्रवेश करती हैं. दरवाज़े पर ‘स्वास्तिक’, ‘ॐ’, या ‘शुभ लाभ’ जैसे चिन्ह जरूर लगाएं. दीवारों के रंग हल्के और शांत हों जैसे पीला, नीला या हरा. ये मन को ठंडक और मानसिक शांति देते हैं. फर्श और सजावट हल्का रंग और सफाई बनी रहनी चाहिए, इससे ऊर्जा रुकती नहीं. भारी फर्नीचर जैसे अलमारी या सोफा को घर के दक्षिण या पश्चिम हिस्से में रखें ताकि उत्तर और पूर्व दिशा खुली रहे. ये दिशा ऊर्जा के प्रवाह के लिए सबसे बेहतर होती हैं. सही दिशा में सोना नींद सिर्फ थकान मिटाने के लिए नहीं, बल्कि दिमाग और शरीर की रीसेट बटन है. सिर की दिशा पूर्व या दक्षिण में रखकर सोएं. इससे शरीर को सही ऊर्जा मिलती है और नींद भी अच्छी आती है. उत्तर दिशा में सिर रखना स्वास्थ्य के लिए सही नहीं माना जाता. इससे तनाव या नींद की दिक्कतें हो सकती हैं. सोते समय मोबाइल फोन, लैपटॉप या टैबलेट तकिए के पास न रखें. ये आपकी नींद की क्वालिटी को खराब कर सकते हैं. दर्पण बेड के सामने नहीं होना चाहिए, इससे मानसिक अस्थिरता और चिंता बढ़ सकती है. किचन का वास्तुरसोई सिर्फ खाना बनाने की जगह नहीं, बल्कि घर की सेहत और बरकत की जड़ होती है. किचन घर के दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) हिस्से में होना चाहिए. खाना बनाते वक्त आपका मुंह पूर्व की तरफ होना चाहिए. सिंक (पानी) और गैस (अग्नि) पास-पास न हों, नहीं तो टकराव की स्थिति बनती है. स्टील और तांबे के बर्तन रसोई में पॉजिटिव वाइब्स लाते हैं. सुबह की आदतें भी बनाती हैं भाग्यशालीवास्तु का असर आपकी सुबह की शुरुआत से ही दिखता है. सूरज निकलने से पहले उठना ऊर्जा, आत्मविश्वास और फोकस बढ़ाता है. घर में रोज सुबह शंख बजाएं या धूप-दीप जलाएं, इससे नकारात्मकता दूर रहती है. तुलसी का पौधा घर की पूर्व दिशा में रखें और रोज पानी दें. ये घर में शांति और सुख बनाए रखता है. जूते-चप्पल कभी भी मुख्य दरवाजे के पास बिखरे हुए न रखें. ये पॉजिटिव एनर्जी को अंदर आने से रोकते हैं. बच्चों का कमरा और पढ़ाई का स्थान कैसे हो?बच्चों की पढ़ाई में वास्तु एक बड़ी भूमिका निभाता है. पढ़ाई करते वक्त उनका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए, इससे ध्यान अच्छा लगता है. कमरे में हल्के रंग जैसे आसमानी, हरा या क्रीम रंग पेंट करवाएं. ये मन को शांत करते हैं. स्टडी टेबल के सामने खुली जगह हो, दीवार नहीं, ताकि सोचने की क्षमता और आइडियाज को खुलाव मिले. पूजा घर से आता है पॉजिटिव माहौलघर में मंदिर या पूजा स्थल का सही जगह पर होना बेहद जरूरी है. पूजा घर को उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना सबसे अच्छा माना जाता है. मूर्तियों को दीवार से चिपका कर न रखें, पीछे थोड़ी जगह ज़रूर रखें ताकि ऊर्जा का प्रवाह बना रहे. पूजा घर हमेशा साफ, सुव्यवस्थित और सुगंधित रहे. अगरबत्ती, धूप से वातावरण शुद्ध होता है. नकारात्मकता दूर करने के सरल उपायअगर घर में बार-बार झगड़े, बीमारियां या पैसों की परेशानी हो रही है, तो इन वास्तु उपायों को आजमाएं- मुख्य दरवाजे पर नींबू-मिर्ची का टोटका लगाने से बुरी नजर दूर रहती है. घर के कोनों में हफ्ते में एक बार नमक मिले पानी का पोछा लगाएं. हर हफ्ते कम से कम एक दिन गाय के घी का दीपक घर में जलाएं. इससे पूरे वातावरण में पॉजिटिव ऊर्जा फैलती है. वास्तु शास्त्र कोई बड़ी-बड़ी किताबों की थ्योरी नहीं, बल्कि आपके रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी एक सुलझी हुई साइंस है. थोड़ा-सा ध्यान दें, थोड़े-से बदलाव करें और आपके जीवन में आ सकती है वो पॉजिटिव एनर्जी जिसकी आपको लंबे समय से तलाश थी. घर को सिर्फ सुंदर नहीं, सौभाग्यशाली भी बनाएं. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Jul 31, 2025 - 19:30
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Vastu Tips For Home: घर में सुख-समृद्धि और शांति के लिए वास्तु शास्त्र के अचूक उपाय! तुरंत आजमाएं!

Vastu Shastra For Home: जब भी वास्तु शास्त्र का नाम लिया जाता है, तो ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि ये घर बनाने की दिशा और नक्शे तक सीमित है. लेकिन वास्तु केवल दीवारों और दरवाजों का मामला नहीं है, बल्कि यह आपके पूरे जीवन पर असर डालता है.

कैसे सोते हैं, क्या पहनते हैं, किस दिशा में फर्नीचर रखते हैं, घर में किस तरह की सजावट करते हैं. इन सब चीजों का आपकी सोच, सेहत और सौभाग्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है. अगर आप अपने रोजमर्रा के जीवन में थोड़े-से वास्तु टिप्स शामिल कर लें, तो न सिर्फ घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है, बल्कि मानसिक तनाव, रुकावटें और नकारात्मकता भी दूर रहती है.

घर की सजावट सिर्फ शो नहीं, सौभाग्य का रास्ता है
घर में जो चीजें आप सजावट के लिए लगाते हैं, उनका वास्तु के हिसाब से होना जरूरी है. मुख्य दरवाजा हमेशा साफ-सुथरा और सजावटी होना चाहिए, क्योंकि यहीं से लक्ष्मीजी प्रवेश करती हैं.

दरवाज़े पर ‘स्वास्तिक’, ‘ॐ’, या ‘शुभ लाभ’ जैसे चिन्ह जरूर लगाएं. दीवारों के रंग हल्के और शांत हों जैसे पीला, नीला या हरा. ये मन को ठंडक और मानसिक शांति देते हैं. फर्श और सजावट हल्का रंग और सफाई बनी रहनी चाहिए, इससे ऊर्जा रुकती नहीं.

भारी फर्नीचर जैसे अलमारी या सोफा को घर के दक्षिण या पश्चिम हिस्से में रखें ताकि उत्तर और पूर्व दिशा खुली रहे. ये दिशा ऊर्जा के प्रवाह के लिए सबसे बेहतर होती हैं.

सही दिशा में सोना 
नींद सिर्फ थकान मिटाने के लिए नहीं, बल्कि दिमाग और शरीर की रीसेट बटन है. सिर की दिशा पूर्व या दक्षिण में रखकर सोएं. इससे शरीर को सही ऊर्जा मिलती है और नींद भी अच्छी आती है.

उत्तर दिशा में सिर रखना स्वास्थ्य के लिए सही नहीं माना जाता. इससे तनाव या नींद की दिक्कतें हो सकती हैं. सोते समय मोबाइल फोन, लैपटॉप या टैबलेट तकिए के पास न रखें. ये आपकी नींद की क्वालिटी को खराब कर सकते हैं. दर्पण बेड के सामने नहीं होना चाहिए, इससे मानसिक अस्थिरता और चिंता बढ़ सकती है.

किचन का वास्तु
रसोई सिर्फ खाना बनाने की जगह नहीं, बल्कि घर की सेहत और बरकत की जड़ होती है. किचन घर के दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) हिस्से में होना चाहिए. खाना बनाते वक्त आपका मुंह पूर्व की तरफ होना चाहिए. सिंक (पानी) और गैस (अग्नि) पास-पास न हों, नहीं तो टकराव की स्थिति बनती है. स्टील और तांबे के बर्तन रसोई में पॉजिटिव वाइब्स लाते हैं.

सुबह की आदतें भी बनाती हैं भाग्यशाली
वास्तु का असर आपकी सुबह की शुरुआत से ही दिखता है. सूरज निकलने से पहले उठना ऊर्जा, आत्मविश्वास और फोकस बढ़ाता है. घर में रोज सुबह शंख बजाएं या धूप-दीप जलाएं, इससे नकारात्मकता दूर रहती है. तुलसी का पौधा घर की पूर्व दिशा में रखें और रोज पानी दें. ये घर में शांति और सुख बनाए रखता है. जूते-चप्पल कभी भी मुख्य दरवाजे के पास बिखरे हुए न रखें. ये पॉजिटिव एनर्जी को अंदर आने से रोकते हैं.

बच्चों का कमरा और पढ़ाई का स्थान कैसे हो?
बच्चों की पढ़ाई में वास्तु एक बड़ी भूमिका निभाता है. पढ़ाई करते वक्त उनका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए, इससे ध्यान अच्छा लगता है. कमरे में हल्के रंग जैसे आसमानी, हरा या क्रीम रंग पेंट करवाएं. ये मन को शांत करते हैं. स्टडी टेबल के सामने खुली जगह हो, दीवार नहीं, ताकि सोचने की क्षमता और आइडियाज को खुलाव मिले.

पूजा घर से आता है पॉजिटिव माहौल
घर में मंदिर या पूजा स्थल का सही जगह पर होना बेहद जरूरी है. पूजा घर को उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना सबसे अच्छा माना जाता है. मूर्तियों को दीवार से चिपका कर न रखें, पीछे थोड़ी जगह ज़रूर रखें ताकि ऊर्जा का प्रवाह बना रहे. पूजा घर हमेशा साफ, सुव्यवस्थित और सुगंधित रहे. अगरबत्ती, धूप से वातावरण शुद्ध होता है.

नकारात्मकता दूर करने के सरल उपाय
अगर घर में बार-बार झगड़े, बीमारियां या पैसों की परेशानी हो रही है, तो इन वास्तु उपायों को आजमाएं-

  • मुख्य दरवाजे पर नींबू-मिर्ची का टोटका लगाने से बुरी नजर दूर रहती है.
  • घर के कोनों में हफ्ते में एक बार नमक मिले पानी का पोछा लगाएं.
  • हर हफ्ते कम से कम एक दिन गाय के घी का दीपक घर में जलाएं. इससे पूरे वातावरण में पॉजिटिव ऊर्जा फैलती है.

वास्तु शास्त्र कोई बड़ी-बड़ी किताबों की थ्योरी नहीं, बल्कि आपके रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी एक सुलझी हुई साइंस है. थोड़ा-सा ध्यान दें, थोड़े-से बदलाव करें और आपके जीवन में आ सकती है वो पॉजिटिव एनर्जी जिसकी आपको लंबे समय से तलाश थी. घर को सिर्फ सुंदर नहीं, सौभाग्यशाली भी बनाएं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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