UPSC में पास होकर भी फाइनल लिस्ट से बाहर हुए उम्मीदवारों को मिलेगा नया मौका, इस योजना से खुलेगा रास्ता
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में गिनी जाती है. हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन सीटें सीमित होने के कारण कई योग्य अभ्यर्थी फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना पाते. अब केंद्र सरकार ने ऐसे उम्मीदवारों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. राज्यसभा में सरकार ने बताया कि ‘प्रतिभा सेतु’ योजना के जरिए इन अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों और अन्य क्षेत्रों में अवसर दिलाए जाएंगे. कई बार ऐसा होता है कि उम्मीदवार UPSC की प्रीलिम्स और मेन्स दोनों परीक्षा पास कर लेते हैं और इंटरव्यू तक पहुंचते हैं, लेकिन अंतिम चयन सूची में नाम नहीं आ पाता. ऐसे में उनकी मेहनत और क्षमता का सही उपयोग नहीं हो पाता. इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए ‘प्रतिभा सेतु’ नाम की योजना बनाई गई है, जिसका उद्देश्य है इन उम्मीदवारों को अन्य सरकारी विभागों, पब्लिक सेक्टर कंपनियों और निजी संस्थानों से जोड़ना. NCS पोर्टल से मिलेगा फायदासरकार ने जानकारी दी है कि यह योजना नेशनल करियर सर्विस (NCS) पोर्टल से जुड़ी होगी. इस पोर्टल पर ऐसे उम्मीदवारों का डेटा अपलोड किया जाएगा जो सिविल सेवा की परीक्षा में अंतिम सूची से बाहर रह गए. इसके बाद विभिन्न मंत्रालय, विभाग और सरकारी संस्थान इस डेटा को देखकर अपनी जरूरत के मुताबिक योग्य उम्मीदवारों को नौकरी के अवसर प्रदान करेंगे. इससे न केवल इन उम्मीदवारों को नया अवसर मिलेगा, बल्कि सरकारी विभागों को भी बेहतर टैलेंट चुनने का मौका मिलेगा. कैसे होगा चयनNCS पोर्टल पर रजिस्टर्ड उम्मीदवारों की जानकारी सुरक्षित रखी जाएगी और संबंधित संस्थान या कंपनियां सीधे उनसे संपर्क कर सकेंगी. इसका मतलब यह है कि उम्मीदवारों को बार-बार आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद वे कई अवसरों के लिए पात्र रहेंगे. यह भी पढ़ें- BSF में कॉन्स्टेबल के 3588 पदों पर भर्ती, 23 अगस्त तक करें आवेदन केंद्र सरकार का नजरियाराज्यसभा में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री ने बताया कि यह योजना एक तरह से ‘सेतु’ का काम करेगी, जो टैलेंट और अवसर को जोड़ देगी. उन्होंने कहा कि हर साल हजारों उम्मीदवार UPSC परीक्षा के सभी चरण पार करने के बावजूद फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना पाते. ये उम्मीदवार पहले से ही कठोर चयन प्रक्रिया से गुजर चुके होते हैं, इसलिए उनके पास प्रशासनिक, प्रबंधन और नेतृत्व की क्षमता होती है, जो सरकारी या निजी क्षेत्र में बहुत उपयोगी हो सकती है. योजना से होने वाले फायदे योग्य उम्मीदवारों को उनके स्किल और क्षमता के अनुसार नौकरी का अवसर मिलेगा. सरकारी और निजी संस्थानों को बिना लंबी भर्ती प्रक्रिया के योग्य कर्मी मिल सकेंगे. उम्मीदवारों की वर्षों की मेहनत और तैयारी व्यर्थ नहीं जाएगी. देश के प्रशासनिक और प्रबंधन क्षेत्र में प्रशिक्षित टैलेंट का सही उपयोग होगा. यह भी पढ़ें- SSC CGL 2025 परीक्षा स्थगित, नई तारीख जल्द; इस वजह से लिया गया फैसला

UPSC की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में गिनी जाती है. हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन सीटें सीमित होने के कारण कई योग्य अभ्यर्थी फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना पाते. अब केंद्र सरकार ने ऐसे उम्मीदवारों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. राज्यसभा में सरकार ने बताया कि ‘प्रतिभा सेतु’ योजना के जरिए इन अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों और अन्य क्षेत्रों में अवसर दिलाए जाएंगे.
कई बार ऐसा होता है कि उम्मीदवार UPSC की प्रीलिम्स और मेन्स दोनों परीक्षा पास कर लेते हैं और इंटरव्यू तक पहुंचते हैं, लेकिन अंतिम चयन सूची में नाम नहीं आ पाता. ऐसे में उनकी मेहनत और क्षमता का सही उपयोग नहीं हो पाता. इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए ‘प्रतिभा सेतु’ नाम की योजना बनाई गई है, जिसका उद्देश्य है इन उम्मीदवारों को अन्य सरकारी विभागों, पब्लिक सेक्टर कंपनियों और निजी संस्थानों से जोड़ना.
NCS पोर्टल से मिलेगा फायदा
सरकार ने जानकारी दी है कि यह योजना नेशनल करियर सर्विस (NCS) पोर्टल से जुड़ी होगी. इस पोर्टल पर ऐसे उम्मीदवारों का डेटा अपलोड किया जाएगा जो सिविल सेवा की परीक्षा में अंतिम सूची से बाहर रह गए. इसके बाद विभिन्न मंत्रालय, विभाग और सरकारी संस्थान इस डेटा को देखकर अपनी जरूरत के मुताबिक योग्य उम्मीदवारों को नौकरी के अवसर प्रदान करेंगे. इससे न केवल इन उम्मीदवारों को नया अवसर मिलेगा, बल्कि सरकारी विभागों को भी बेहतर टैलेंट चुनने का मौका मिलेगा.
कैसे होगा चयन
NCS पोर्टल पर रजिस्टर्ड उम्मीदवारों की जानकारी सुरक्षित रखी जाएगी और संबंधित संस्थान या कंपनियां सीधे उनसे संपर्क कर सकेंगी. इसका मतलब यह है कि उम्मीदवारों को बार-बार आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद वे कई अवसरों के लिए पात्र रहेंगे.
यह भी पढ़ें- BSF में कॉन्स्टेबल के 3588 पदों पर भर्ती, 23 अगस्त तक करें आवेदन
केंद्र सरकार का नजरिया
राज्यसभा में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री ने बताया कि यह योजना एक तरह से ‘सेतु’ का काम करेगी, जो टैलेंट और अवसर को जोड़ देगी. उन्होंने कहा कि हर साल हजारों उम्मीदवार UPSC परीक्षा के सभी चरण पार करने के बावजूद फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना पाते. ये उम्मीदवार पहले से ही कठोर चयन प्रक्रिया से गुजर चुके होते हैं, इसलिए उनके पास प्रशासनिक, प्रबंधन और नेतृत्व की क्षमता होती है, जो सरकारी या निजी क्षेत्र में बहुत उपयोगी हो सकती है.
योजना से होने वाले फायदे
योग्य उम्मीदवारों को उनके स्किल और क्षमता के अनुसार नौकरी का अवसर मिलेगा. सरकारी और निजी संस्थानों को बिना लंबी भर्ती प्रक्रिया के योग्य कर्मी मिल सकेंगे. उम्मीदवारों की वर्षों की मेहनत और तैयारी व्यर्थ नहीं जाएगी. देश के प्रशासनिक और प्रबंधन क्षेत्र में प्रशिक्षित टैलेंट का सही उपयोग होगा.
यह भी पढ़ें- SSC CGL 2025 परीक्षा स्थगित, नई तारीख जल्द; इस वजह से लिया गया फैसला
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