Supreme court: दुकानों के बाहर दुकानदार का नाम-पता स्पष्ट रूप से लिखने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
ग्राहक को विक्रेता और वितरक की पूरी जानकारी देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत खरीदार को सामान बेचने वाले की पूरी जानकारी मिलना जरूरी है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है. याचिका में खाने-पीने का सामान बेचने वालों की पूरी जानकारी दुकान के बाहर स्पष्ट शब्दों में लिखने की भी मांग की गई है. याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय के लिए पेश वकील की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांग लिया. कोर्ट ने सभी पक्षों को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है. याचिका में क्या कहा गया है? याचिकाकर्ता ने जानकारी को उपभोक्ता का अधिकार बताया है. इसके लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 की इन धाराओं का हवाला दिया गया है :- धारा 2(6) - वस्तु या सेवा की गुणवत्ता, मात्रा और शुद्धता की जानकारी का अधिकार धारा 2(9) - अनुचित और अनैतिक व्यापार के विरुद्ध संरक्षण का अधिकार धारा 2(10) - सुनवाई और समाधान का अधिकार धारा 2(11) - उपभोक्ता जागरूकता का अधिकार याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर ग्राहक को विक्रेता और वितरक की जानकारी नहीं होगी तो वह अपने कानूनी अधिकार की लड़ाई नहीं लड़ सकेगा. याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट दुकान के बाहर दुकानदार का नाम, पता, फोन नंबर और कर्मचारियों की संख्या स्पष्ट रूप से लिखे जाने का आदेश दे. याचिका में यह भी कहा गया है कि फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी के नियम भी खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल सामग्री, उत्पादक और विक्रेता की पूरी जानकारी उपभोक्ता को देना आवश्यक बनाते हैं, लेकिन पूरे देश में इसका उल्लंघन हो रहा है. खास तौर पर सड़क किनारे बनी छोटी दुकानों में किसी भी नियम का पालन नहीं होता. ये भी पढ़ें : 'अपनी राजनीतिक लड़ाई इस अदालत के बाहर लड़ें', ममता बनर्जी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान बोला सुप्रीम कोर्ट

ग्राहक को विक्रेता और वितरक की पूरी जानकारी देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत खरीदार को सामान बेचने वाले की पूरी जानकारी मिलना जरूरी है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है. याचिका में खाने-पीने का सामान बेचने वालों की पूरी जानकारी दुकान के बाहर स्पष्ट शब्दों में लिखने की भी मांग की गई है.
याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय के लिए पेश वकील की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांग लिया. कोर्ट ने सभी पक्षों को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है.
याचिका में क्या कहा गया है?
याचिकाकर्ता ने जानकारी को उपभोक्ता का अधिकार बताया है. इसके लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 की इन धाराओं का हवाला दिया गया है :-
धारा 2(6) - वस्तु या सेवा की गुणवत्ता, मात्रा और शुद्धता की जानकारी का अधिकार
धारा 2(9) - अनुचित और अनैतिक व्यापार के विरुद्ध संरक्षण का अधिकार
धारा 2(10) - सुनवाई और समाधान का अधिकार
धारा 2(11) - उपभोक्ता जागरूकता का अधिकार
याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर ग्राहक को विक्रेता और वितरक की जानकारी नहीं होगी तो वह अपने कानूनी अधिकार की लड़ाई नहीं लड़ सकेगा. याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट दुकान के बाहर दुकानदार का नाम, पता, फोन नंबर और कर्मचारियों की संख्या स्पष्ट रूप से लिखे जाने का आदेश दे.
याचिका में यह भी कहा गया है कि फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी के नियम भी खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल सामग्री, उत्पादक और विक्रेता की पूरी जानकारी उपभोक्ता को देना आवश्यक बनाते हैं, लेकिन पूरे देश में इसका उल्लंघन हो रहा है. खास तौर पर सड़क किनारे बनी छोटी दुकानों में किसी भी नियम का पालन नहीं होता.
ये भी पढ़ें : 'अपनी राजनीतिक लड़ाई इस अदालत के बाहर लड़ें', ममता बनर्जी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान बोला सुप्रीम कोर्ट
What's Your Reaction?






