Shani Dev Puja: कुंभ, मीन और मेष राशि वाले शास्त्र अनुसार करें इस विधि से शनि पूजन, कम होगा साढ़ेसाती का प्रकोप

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि देव हर ढाई साल में एक बार राशि बदलते हैं. शनि के राशि बदलते ही कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का समय शुरू हो जाता है, कुछ राशियों पर चल रही साढ़ेसाती समाप्त हो जाती है तो वहीं कुछ राशियों पर साढ़ेसाती का चरण बदल जाता है. शनि देव का गोचर 2025 में मार्च के महीने में हुआ था. फिलहाल शनि मीन राशि में संचरण कर रहे हैं और जून 2027 तक इसी राशि में रहेंगे. इस समय कुंभ, मीन और मेष राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. वैसे तो शनिदेव को न्यायाधीश कहा जाता है, क्योंकि शनि व्यक्ति को कर्मों के अनुरूप अच्छा या बुरा फल देते हैं. साढ़ेसाती का प्रकोप साढ़ेसाती ऐसा चरण होता है जो व्यक्ति के लिए चुनौतिपूर्ण समय होता है. हालांकि अच्छे कर्म वालों को साढ़ेसाती से डरने की जरूरत नहीं है. लेकिन ज्योतिष के अनुसार, यह व्यक्ति के कठिन समय जरूर होता है, जब उसे कड़ी मेहनत के बाद ही सफलता मिलती है. खासकर कुंडली में शनि जब नीच राशि, निर्बल, शत्रु क्षेत्र में या फिर अशुभ स्थान में होते हैं तो साढ़ेसाती के समय कुपित होकर शनि अशुभ फल देते हैं. जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है, वह शनि देव के पूजन और कुछ नियमों का पालन कर इसके नकारात्मक प्रभाव से बच सकते हैं.   कुंभ, मीन और मेष राशि वाले करें ये काम शनि देव की पूजा- मेष, कुंभ और मीन राशि वाले जातक शनिवार के दिन विधि-विधान से शनि देव की पूजा करें. इससे साढ़ेसाती का असर कम होगा. शनिवार के दिन काले या नीले रंग के कपड़े धारण कर शनि मंदिर में जाएं और सरसों तेल का दीप जलाएं. ध्यान रखें दीपक मिट्टी या लोहे का होना चाहिए. शनि देव को काले फूल, शमी पत्र आदि अर्पित करें. फिर कुछ देर मंदिर में ही बैठकर शनि मंत्र या शनि चालीसा का पाठ करें. विशेष उपाय जिससे शनि होते हैं शांत शनि देव की कृपा पाने के लिए या जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है, उन्हें ये विशेष उपाय जरूर करने चाहिए. इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं. जैसे शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी या भोजन खिलाएं, काले तिल, सरसों तेल, कंबल आदि का दान गरीबों में करें, काले रंग के जूते-चप्पलों का दान करें, हनुमान जी की पूजा करें और पीपल वृक्ष में जल चढ़ाएं. कुंभ, मीन और मेष वाले इन बातों का रखें ध्यान कुंभ, मीन और मेष राशि वालों पर अभी साढ़ेसाती चल रही है. इसलिए आप झूठ बोलने, धोखा देने या किसी प्रकार का गलत कार्य करने से बचें, वरना शनि देव से भयंकर दंड मिल सकता है. साढ़ेसाती से प्रभावित राशियों को आलस्य से बचना चाहिए, मजदूरों से सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए, पशुओं को सताना नहीं चाहिए और बुजुर्गों का अपमान नहीं करना चाहिए. जिन राशि पर साढ़ेसाती का चरण चल रहा हो उन्हें मांस-मदिरा और गलत संगति से दूर रहना चाहिए. FAQs Q. कुंभ राशि पर साढ़ेसाती कब तक चलेगी? A. कुंभ राशि पर साढ़ेसाती 3 जून 2027 तक रहेगी. Q. क्या साढ़ेसाती खतरनाक होती है? A. नहीं, ऐसा जरूरी नहीं है कि साढ़ेसाती हमेशा कष्टकारी ही हो. Q. क्या हनुमान जी की पूजा से साढ़ेसाती का असर कम होता है? A. हां, हनुमान जी की पूजा से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है, क्योंकि हनुमान जी के भक्तों को शनि कष्ट नहीं देते. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Jul 27, 2025 - 15:30
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Shani Dev Puja: कुंभ, मीन और मेष राशि वाले शास्त्र अनुसार करें इस विधि से शनि पूजन, कम होगा साढ़ेसाती का प्रकोप

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि देव हर ढाई साल में एक बार राशि बदलते हैं. शनि के राशि बदलते ही कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का समय शुरू हो जाता है, कुछ राशियों पर चल रही साढ़ेसाती समाप्त हो जाती है तो वहीं कुछ राशियों पर साढ़ेसाती का चरण बदल जाता है.

शनि देव का गोचर 2025 में मार्च के महीने में हुआ था. फिलहाल शनि मीन राशि में संचरण कर रहे हैं और जून 2027 तक इसी राशि में रहेंगे. इस समय कुंभ, मीन और मेष राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. वैसे तो शनिदेव को न्यायाधीश कहा जाता है, क्योंकि शनि व्यक्ति को कर्मों के अनुरूप अच्छा या बुरा फल देते हैं.

साढ़ेसाती का प्रकोप

साढ़ेसाती ऐसा चरण होता है जो व्यक्ति के लिए चुनौतिपूर्ण समय होता है. हालांकि अच्छे कर्म वालों को साढ़ेसाती से डरने की जरूरत नहीं है. लेकिन ज्योतिष के अनुसार, यह व्यक्ति के कठिन समय जरूर होता है, जब उसे कड़ी मेहनत के बाद ही सफलता मिलती है. खासकर कुंडली में शनि जब नीच राशि, निर्बल, शत्रु क्षेत्र में या फिर अशुभ स्थान में होते हैं तो साढ़ेसाती के समय कुपित होकर शनि अशुभ फल देते हैं. जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है, वह शनि देव के पूजन और कुछ नियमों का पालन कर इसके नकारात्मक प्रभाव से बच सकते हैं.  

कुंभ, मीन और मेष राशि वाले करें ये काम

शनि देव की पूजा- मेष, कुंभ और मीन राशि वाले जातक शनिवार के दिन विधि-विधान से शनि देव की पूजा करें. इससे साढ़ेसाती का असर कम होगा. शनिवार के दिन काले या नीले रंग के कपड़े धारण कर शनि मंदिर में जाएं और सरसों तेल का दीप जलाएं. ध्यान रखें दीपक मिट्टी या लोहे का होना चाहिए. शनि देव को काले फूल, शमी पत्र आदि अर्पित करें. फिर कुछ देर मंदिर में ही बैठकर शनि मंत्र या शनि चालीसा का पाठ करें.

विशेष उपाय जिससे शनि होते हैं शांत

शनि देव की कृपा पाने के लिए या जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है, उन्हें ये विशेष उपाय जरूर करने चाहिए. इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं. जैसे शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी या भोजन खिलाएं, काले तिल, सरसों तेल, कंबल आदि का दान गरीबों में करें, काले रंग के जूते-चप्पलों का दान करें, हनुमान जी की पूजा करें और पीपल वृक्ष में जल चढ़ाएं.

कुंभ, मीन और मेष वाले इन बातों का रखें ध्यान

  • कुंभ, मीन और मेष राशि वालों पर अभी साढ़ेसाती चल रही है. इसलिए आप झूठ बोलने, धोखा देने या किसी प्रकार का गलत कार्य करने से बचें, वरना शनि देव से भयंकर दंड मिल सकता है.
  • साढ़ेसाती से प्रभावित राशियों को आलस्य से बचना चाहिए, मजदूरों से सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए, पशुओं को सताना नहीं चाहिए और बुजुर्गों का अपमान नहीं करना चाहिए.
  • जिन राशि पर साढ़ेसाती का चरण चल रहा हो उन्हें मांस-मदिरा और गलत संगति से दूर रहना चाहिए.

FAQs

Q. कुंभ राशि पर साढ़ेसाती कब तक चलेगी?

A. कुंभ राशि पर साढ़ेसाती 3 जून 2027 तक रहेगी.

Q. क्या साढ़ेसाती खतरनाक होती है?

A. नहीं, ऐसा जरूरी नहीं है कि साढ़ेसाती हमेशा कष्टकारी ही हो.

Q. क्या हनुमान जी की पूजा से साढ़ेसाती का असर कम होता है?

A. हां, हनुमान जी की पूजा से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है, क्योंकि हनुमान जी के भक्तों को शनि कष्ट नहीं देते.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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